41 साल पहले टेनिस कोर्ट पर बोली गई वो बात जो कल्ट बन गई!
मित्र, You can not be serious!
‘जब आप मेरे जैसे महान हो, तो विनम्र होना कठिन है’ – बॉक्सिंग लेजेंड मोहम्मद अली
‘मुझे आलोचना अच्छी लगती है. ये आपको स्ट्रांग बनाती है’ – बॉस्केटबॉल लेजेंड लेबरॉन जेम्स
‘जब आप मुझे खरीदते है, आप फरारी खरीद रहे है’ – फुटबॉल लेजेंड ज्लाटन इब्राहिमोविच
‘तुम सीरियस नहीं हो सकते’ – टेनिस लेजेंड जॉन मैकेनरो
स्पोर्ट्स की दुनिया के ये वाक्य अमर हैं. एकदम वैसे ही जैसे आजकल के मीमर्स ने- 'छोटी बच्ची हो क्या' को कल्ट बना रखा है. वैसे ही ये खेल की दुनिया के सबसे कल्ट वाक्यों में से एक हैं. और आज इनकी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि हमारे इंट्रो का सबसे आखिरी वाक्य आज ही के दिन साल 1981 में बोला गया था. यानी आज से ठीक 41 साल पहले.
ये वाक्य मानव जीवन में ऐसा कल्ट बना कि इसकी चर्चा आज भी करें तो हर पांचवां इंसान बता देगा कि ये कहां से निकला. मतलब एकदम एक्यूरेट भले ना बता पाए. लेकिन हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी की तरह एकदम क्लोज़ तक तो पहुंच ही जाएगा. और इस अमर वाक्य को बोला था जॉन मैकेनरो ने. मैकेनरो मतलब टेनिस के लगभग विराट कोहली. लगभग इसलिए क्योंकि मैकेनरो की ऑन-फील्ड हरकतें उन्हें ज्यादा ही नुकसान पहुंचाती थीं.
You Can Not Be Serious
और इन्हीं मैकेनरो ने आज़, यानी 23 जून को अपनी ये अमर लाइन एक अंपायर से कही थी. और जॉन मैकेनरो की ये बात टेनिस फ़ैन्स के दिमाग में छप गई. इस इंसीडेंट के बाद जब भी टेनिस फ़ैन्स को अंपायर का फैसला गलत लगता था, वो स्टैंड्स से यही डायलॉग चिल्लाने लगते थे. कल्ट के बाद अब नंबर इस कल्ट की शुरुआत का. अमेरिका से आने वाले मैकेनरो ने अपने करियर में सबसे ज्यादा बार यूएस ओपन जीता. चार बार के यूएस ओपन विनर मैकेनरो के नाम तीन विम्बल्डन खिताब भी हैं.
और ये क़िस्सा विम्बल्डन से ही जुड़ा है. इंग्लैंड की मीडिया मैकेनरो से उतना ही प्यार करती थी जितनी ब्रिटेन वाली विराट कोहली से. इंग्लिश मीडिया ने मैकेनरो का नाम ‘सुपरब्रैट’ रखा था. सुपरब्रैट मतलब बिगड़े हुए बालकों से भी ज्यादा बिगड़ैल. और जॉन का ये नाम 1980 के विम्बल्डन के दौरान पड़ा था. जहां का उनका मुखयुद्ध बहुत चर्चित है.
खै़र, कथाओं से क़िस्से पर लौटते हैं. तो 1981 के विम्बल्डन के पहले राउंड में मैकेनरो के आगे साथी अमेरिकी टॉम गुलिक्सन थे. मैच पहले सेट में 1-1 की बराबरी पर था. जॉन मैकेनरो 15–30 के स्कोर पर सर्विस कर रहे थे. और अंपायर ने उनकी सर्विस को आउट दे दिया. यानी उनके सर्विस से गिरी गेंद को तय एरिया से बाहर बता दिया गया.
और इसी बात से भड़के जॉन ने अंपायर से कहा,
‘You Can Not Be Serious Man!, बॉल एकदम लाइन पर थी. चॉक भी उड़ी है. तुम इसे आउट कैसे कह सकते हो? तुम सीरियस नहीं हो सकते.’
अपनी बात जारी रखते हुए जॉन फिर बोले,
‘हर कोई ये बात जानता है, और आप इसे आउट कह रहे है? तुम सबसे बड़े बेवकूफ़ हो, तुम ये बात जानते हो?’
इस गुस्सा-गुस्सी में जॉन ने अपना रैकेट भी एक बार जमीन पर दे कर मारा. और उनकी इस हरकत के बाद अंपायर ने एक पॉइंट काटते हुए कहा,
‘मैं आपके खिलाफ एक अंक दे रहा हूं मिस्टर मैकेनरो. आप अपने रैकेट का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, मिस्टर मैकेनरो.’
इस बात से मैकेनरो और भड़क गए. भड़कते हुए उन्होंने कहा,
‘आप एक मूर्ख है. आप जैसे लोग दुनिया के खिलाफ़ अपराध हैं.’
और फिर ये बात यहीं खत्म हो गई. मैकेनरो आगे बढ़े और अपने दौर के एक और दिग्गज ब्यॉन बॉर्ग को हराकर टूर्नामेंट अपने नाम किया. हालांकि चैंपियन बनने के बाद भी उन्हें ऑल इंग्लैंड क्लब की मेंबरशिप नहीं मिली. दरअसल ये मेंबरशिप हर विम्बल्डन विनर को मिलती थी. लेकिन मैकेनरो की इस हरकत के चलते ऑफिशल्स ने इन्हें वो सम्मान नहीं दिया.
इस घटना के 40 साल बाद मैकेनरो ने इस मुद्दे पर ‘द सन’ से बात की थी. मैकेनरो ने बताया कि इस बात ने तो उनकी मौज ही कर दी थी. उन्होंने कहा,
‘मैं इसको मिला-जुला आर्शीवाद कहूंगा. लेकिन विडंबना यह है कि नेगेटिव से ज्यादा पॉजिटिव है. मैंने अपने 15 साल के करियर में इसको सिर्फ एक बार कहा था. और फिर अचानक जब मैं सीनियर टूर्स पर खेलता था, तो मुझे ये कहने का बोनस मिलता था.’
जॉन आगे बोले,
‘मुझे नहीं पता है कि यह सुंदर है या दुखद. लेकिन मुझे लगता है कि यह सुंदर है फिर दुखद है. जाहिर तौर पर आप चाहते है कि लोग आपको उसके लिए याद रखें, जो आपने हासिल किया है. लेकिन इसके साथ आपको अपनी हरकतें याद आती हैं.’
बताते चलें कि जॉन मैकेनरो का ‘You can not be serious’ समय इतना वायरल हुआ था, कि इस पर टीवी एड्स, कॉमेडी स्कैच बने. आप खोजेंगे तो आपको इस पर सैकड़ों GIF मिलेंगे और साथ ही मैकेनरो ने तो ऑटोबायोग्राफी का नाम भी यही धर दिया था.
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