हां, कोहली स्वार्थी हैं... वैंकटेश प्रसाद के इस बयान की वजह जान लीजिए
साउथ अफ्रीका के खिलाफ ईडन गार्डन में 49वां वनडे शतक लगाने के बाद आलोचकों ने विराट कोहली को 'सेल्फिश' कहना शुरू कर दिया.
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 की दूसरी सबसे मजबूत टीम साउथ अफ्रीका को करारी हार देने के बाद टीम इंडिया के लिए हर तरफ से तारीफों की बौछार हो रही है. साउथ अफ्रीका को 100 रन से पहले ही ढेर करने का श्रेय टीम के गेंदबाजों को जाता है तो 327 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा करने का क्रेडिट जाता है बल्लेबाजों को. इसमें सबसे अहम भूमिका रही स्टार बल्लेबाज विराट कोहली की. उन्होंने अपने करियर का 49वां शतक ठोका और महानतम बल्लेबाज कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली. हालांकि कुछ लोगों ने विराट की पारी में नुक्स निकाल दिए.
दरअसल विराट ने तेजी से रन बनाने के बजाय क्रीज पर टिकना बेहतर समझा. ऐसा इसलिए क्योंकि टीम को आक्रामक शुरुआत देने वाले रोहित शर्मा और शुभमन गिल ज्यादा देर टिक नहीं पाए थे. ऐसे में टीम को संभालते हुए विराट सिंगल-डबल के जरिये स्कोर खड़ा करते रहे. उन्होंने 67 गेंदों में पचासा पूरा किया और 119 गेंदों का सामना कर शतक जड़ा. अब कई लोगों को लग रहा है कि विराट ने शतक बनाने के लिए सेफ गेम खेला. उनका आरोप है कि विराट 'सेल्फिश' हैं.
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद हफीज भी ऐसे लोगों में शामिल हैं. उन्होंने मैच के बाद एक एक्सपर्ट कॉमेंट्री में ये बात कही थी. हफीज का कहना था कि उन्हें विराट की पारी में स्वार्थ दिखा. वो भी पहली नहीं, बल्कि तीसरी बार. हफीज का मानना था कि कोहली ने खुद को टीम से आगे रखा और शतक के लिए बैटिंग करते रहे.
मोहम्मद हफीज की इस एक्सपर्ट राय को ज्यादातर क्रिकेट फैन्स ने बकवास करार दिया है. वहीं भारत के पूर्व क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद को हफीज की बात बिल्कुल पसंद नहीं आई. X पर वेंकटेश ने कोहली के आलोचकों को तगड़ा जवाब दिया है. साथ ही 'नए मानक स्थापित करने' और अपने सपनों को पूरा करने के लिए विराट कोहली की खूब तारीफ की है.वेंकटेश प्रसाद ने X पर लिखा.
"विराट कोहली को स्वार्थी और व्यक्तिगत उपलब्धि के लिए मनोग्रस्त बताए जाने वाले हास्यास्पद तर्क सुने. हां, कोहली स्वार्थी हैं. इतने स्वार्थी हैं कि एक अरब लोगों के सपने को पूरा करने के लिए काफी है. इतना स्वार्थी है कि इतना कुछ हासिल करने के बाद भी और अच्छा करने की कोशिश करता है. इतना स्वार्थी है कि नए मानक स्थापित कर सकता है. इतना स्वार्थी है कि वो अपनी टीम की जीत सुनिश्चित कर सकता है. हां, कोहली स्वार्थी हैं."
भारत के स्टार बल्लेबाज की यादगार पारी पर प्रशंसकों और आलोचकों की राय आना जारी है. आपका विराट की इस पारी के बारे में क्या सोचना है, हमें कॉमेंट करके जरूर बताएं.
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