'कमिंस की तारीफ, दर्शकों की आलोचना'- वर्ल्ड कप फाइनल पर विदेशी मीडिया ने क्या-क्या लिखा?
World Cup के फाइनल मैच में Australia की जीत और India की हार पर विदेशी मीडिया ने बहुत कुछ कह दिया. विदेशी मीडिया संस्थानों ने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों के व्यवहार की आलोचना की और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की खूब तारीफ की.
ODI World Cup 2023 के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा दिया. छठी बार वर्ल्ड चैंपियन बनी ऑस्ट्रेलियाई टीम के दमदार प्रदर्शन की देश-विदेश हर ओर जमकर तारीफ़ हो रही है. ऑस्ट्रेलिया सहित दूसरे देशों की मीडिया में भी बहुत कुछ लिखा जा रहा है. भारतीय टीम ने भी पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन दिखाया. इसका प्रमाण ये है कि ICC की टीम ऑफ द टूर्नामेंट में भारत के 6 खिलाड़ी शामिल किए गए हैं. बस फाइनल वाले दिन थोड़ी सी कसक बाकी रह गई.
खैर, वापस से विदेशी मीडिया पर आते हैं. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने कप्तान पैट कमिंस की खूब तारीफ की है. पैट कमिंस ने मैच से पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वो फाइनल मुकाबले के दौरान स्टेडियम की भीड़ को शांत होते देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम की भीड़ एकतरफा होगी. ऐसे में इतनी बड़ी भीड़ को चुप होते देखना सुकून भरा होगा. कमिंस ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया की टीम का यही प्रयास रहेगा. और हुआ भी कुछ ऐसा ही.
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 19 नवंबर को मौजूद हज़ारों दर्शक तो ख़ामोश हुए ही, साथ ही 140 करोड़ भारतीय प्रशंसको का दिल बैठ गया. हालांकि, वर्ल्ड कप जीतने के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भारतीय प्रशंसकों के व्यवहार की आलोचना की है.
ऑस्ट्रेलियाई अखबार द क्रॉनिकल ने शीर्षक दिया- India called out over unsporting act in Cricket World Cup final.
क्रिकेट वर्ल्ड कप फ़ाइनल में खेल भावना न दिखाने पर भारतीयों की आलोचना.
इसपर अख़बार लिखता है,
"जिस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम ट्रॉफ़ी के साथ जश्न मना रही थी, उस समय भारतीय खिलाड़ियों पर रूख़ा बर्ताव करने के आरोप लगे हैं."
अख़बार लिखता है कि इस मैच के हीरो ट्रैविस हेड ने 140 करोड़ भारतीयों का दिल तोड़ दिया. यह जीत इसलिए भी ख़ास थी, क्योंकि यह उस मेज़बान भारतीय टीम के ख़िलाफ़ मिली, जो अब तक कोई मैच नहीं हारी थी.
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अखबार आगे भारतीय फैन्स और भारतीय टीम की खेल भावना पर सवाल उठाते हुए लिखता है,
"हालांकि इस बड़ी उपलब्धि के स्तर का ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिन्स और उनकी टीम को अहसास नहीं हुआ होगा, क्योंकि उन्हें एक लाख 30 हज़ार की क्षमता वाले, मगर ख़ाली स्टेडियम में ट्रॉफ़ी सौंपी गई. और ध्यान देने वाली बात है कि जिस समय मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को ट्रॉफ़ी सौंपी गई, उस समय भारतीय टीम कहीं नज़र नहीं आ रही थी.खेल के दौरान भारतीय खिलाड़ियों की बेरुख़ी को नज़रअंदाज़ भी किया जा सकता है, क्योंकि यह समझा जा सकता है कि उन पर भावनाएं हावी हो गई होंगी. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह व्यवहार खेल भावना के ख़िलाफ़ नहीं था."
द क्रॉनिकल की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट कप्तान माइकल वॉन ने खुलकर इस बात की आलोचना की. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया,
"अच्छा नहीं लगा कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को ट्रॉफी उठाता देखने के लिए पिच पर मौजूद नहीं थी."
हालांकि, बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया.
अखबार BBC के खेल पत्रकार मैथ्यू हेनरी को कोट करते हुए लिखता है,
“भारत के नजरिए से यह एक दुखद दृश्य है. कुछ लोग प्रेजेंटेशन सेरेमनी के लिए रुके, अधिकांश लोग चले गए. हेड का ऐतिहासिक शतक घरेलू दर्शकों को रास नहीं आया. उस समय तक बहुत से लोग यह देखने के लिए रुके नहीं थे कि ऑस्ट्रेलिया जीत की राह पर है.”
ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़ वेबसाइट news.com.au ने भी भारतीय प्रशंसकों के ‘बेरुखे’ रवैये को प्रमुखता से छापा है. वेबसाइट ने शीर्षक दिया-
‘Show dignity’: Crowd act ends World Cup with sour taste
मतलब कि दर्शकों के व्यवहार के चलते वर्ल्ड कप एक खराब मोड़ पर समाप्त हुआ
वेबसाइट इसपर लिखता है कि ट्रॉफी प्रेजेंटेशन के दौरान 130,000 क्षमता वाले नरेंद्र मोदी स्टेडियम के अंदर दर्शकों की प्रतिक्रिया से क्रिकेट कॉमेंटेटर नाराज हो गए. सबसे चौंकाने वाली घटना तब हुई जब ऑन फील्ड अंपायर रिचर्ड केटलबोरो और रिचर्ड इलिंगवर्थ को उनके मोमेंटो लेने के लिए पोडियम पर बुलाया गया, लेकिन बिना किसी कारण के स्टेडियम की भीड़ ने उन्हें boo किया. जबकि, पूरे मैच के दौरान उनके द्वारा कोई विवादास्पद कॉल नहीं ली गई थी. अखबार लिखता है कि भारतीय फैन्स ने ट्रैविस हेड की सेंचुरी पर भी बेरुखा बर्ताव किया.
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ऑस्ट्रेलियाई अखबार हेरल्ड सन ने शीर्षक दिया- Ricky Ponting exposes India for tactical pitch ‘backfire’
रिकी पॉन्टिंग ने टैक्टिकल पिच बैकफायर के लिए भारत को बेनकाब किया
इसमें अखबार ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग की वह टिप्पणी छापी है, जिसमें उन्होंने पिच को लेकर भारत की रणनीति पर सवाल उठाए हैं. पॉन्टिंग ने कहा है कि जो पिच तैयार की गई थी, वह भारत के लिए बैकफ़ायर कर गई.
अख़बार लिखता है,
“विश्वकप फ़ाइनल उसी पिच पर खेला गया, जिस पर भारत ने लीग मैच में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेले गए मैच में सात विकेट से जीत हासिल की थी.”
कॉमेंट्री के दौरान पॉन्टिंग ने कहा कि यह बहुत ही ज़्यादा भारतीय उपमहाद्वीप की परिस्थितियों वाली पिच थी. ईमानदारी से कहा जाए तो ऐसी पिच तैयार की गई थी, जो शायद भारत के लिए बैकफ़ायर कर गई.
अखबार ने पिच पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस के बयान को भी छापा है. कमिंस ने मैच के बाद कहा कि यह पिच उनके अनुमान के मुक़ाबले ज़्यादा धीमी थी. इस पर उनके अनुमान के मुकाबले गेंद कम स्पिन हुई, लेकिन गेंदबाज़ों ने पिच के हिसाब से ढलकर सधी हुई गेंदबाज़ी की.
वहीं, अखबार ने पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर माइकल वॉन की टिप्पणी को भी जगह दी जिसमें उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भारत के मुक़ाबले पिच को अच्छे से पढ़ा. उन्होंने कहा कि रणनीतिक तौर पर ऑस्ट्रेलिया बहुत चतुर टीम है.
ऑस्ट्रेलियाई अखबार दि एज ने शीर्षक दिया -
Silence golden for Cummins’ men as they go from good to great
कहने का मतबल यह कि पैट कमिंस की टीम ने स्टेडियम को शांत कर ट्रॉफी जीती और ऑस्ट्रेलिया ने महानता को हासिल कर लिया
अखबार लिखता है कि 90 हज़ार से ज़्यादा भारतीय दर्शकों से भरे स्टेडियम में विराट कोहली के स्टंप्स उखड़ने की आवाज़ के बाद जो एकमात्र शोर सुनाई दे रहा था, वो 11 ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की उत्साह भरी आवाज़ थी.
अख़बार आगे लिखता है,
"कोहली का विकेट हासिल करके कमिंस ने अपनी टीम को जीत की राह पर डाल दिया था और फिर रही सही कसर ट्रैविस हेड और मारनस लाबुशेन के बीच 192 रनों की साझेदारी ने पूरी कर दी.भले पिच से कोहली की विदाई हो, हेड का शतक हो या फिर जीत की घड़ी, नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर छाई ख़ामोशी कमिंस और उनकी टीम के सदस्यों के लिए सुनहरी थी."
अखबार आगे लिखता है,
"यह इस तथ्य का प्रतीक है कि कमिंस की टीम ने शांत, चतुर और साहसी प्रदर्शन के साथ घरेलू टीम से विश्व कप छीनकर अच्छी टीम के दर्जे से आगे बढ़कर महान टीम का दर्जा हासिल किया."
ऑस्ट्रेलियाई अखबार द सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड ने शीर्षक दिया -
‘That’s the pinnacle’: Cummins hails World Cup triumph over India
यानी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शिखर हासिल कर लिया
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अख़बार लिखता है कि कप्तान पैट कमिंस के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया का भारत को हराकर वर्ल्ड कप जीतना उनकी टीम की सबसे महान उपलब्धि है. कमिंस ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का शिखर है. ख़ासकर भारत में इस तरह के दर्शकों के बीच जीतना. उन सभी के लिए यह बहुत ख़ास साल रहा है. उनकी टीम ने ऐशेज़ ट्रॉफी को अपने पास बनाए रखा और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी जीती है. यह बहुत बड़ी बात है और हमेशा याद रहेगी.
कमिंस की तारीफ़ में अख़बार ने लिखा,
"कमिंस एक बहादुर और निर्याणक लीडर साबित हुए हैं, जिन्होंने अपने पहले दो मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर होने के ख़तरे में पड़ी ऑस्ट्रेलियाई टीम को अगले लगातार नौ मुक़ाबलों में जीत दिलवाई, कमिंस की बहादुरी रविवार को भी जारी रही, जब उन्होनें टॉस जीतकर उस टीम को पहले बल्लेबाज़ी का न्योता दिया, जो पूरे टूर्नामेंट में पहले बल्लेबाज़ी करके हावी रही थी. यह फ़ैसला तब और भी बहादुरी भरा लगने लगा, जब रोहित शर्मा ने अपनी टीम को धारदार शुरुआत दी. लेकिन कमिंस ने दो महत्वपूर्ण विकेट लिए और वह भी 10 ओवरों में महज 34 रन देकर."
ऑस्ट्रेलियाई अखबारों से इतर अन्य विदेशी अख़बारों ने भी वर्ल्ड कप फाइनल को प्रमुखता से कवर किया है. कतर के मीडिया संस्थान अल-जज़ीरा ने शीर्षक दिया- Shastri and Manjrekar react to Australia’s Cricket World Cup win over India
शास्त्री और मांजरेकर ने भारत पर ऑस्ट्रेलिया की जीत पर प्रतिक्रिया दी
अखबार लिखता है भारतीय दिग्गज रवि शास्त्री और संजय मांजरेकर का कहना है कि टॉस और कंडीशंस ने भारत को वर्ल्ड कप हराया. शास्त्री ने कहा कि यह धीमी सतह थी. ऑस्ट्रेलियाई टीम ने खेल शुरू होने से पहले सतह को देखा और वो चिंतित थे. लेकिन उन्होंने टॉस में सही निर्णय लिया और शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने शुरुआत में सतह की धीमी गति का इस्तेमाल किया.
अखबार के मुताबिक, संजय मांजरेकर रवि शास्त्री की बात से सहमत दिखे. उन्होंने कहा कि मैच पिच की परिस्थितियों पर निर्भर था और जब ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता, तो वे पहले बल्लेबाजी करने की पारंपरिक समझ के खिलाफ गए. वे लॉजिकल क्रिकेट और उस पिच पर टिके रहे, जो उन्होंने देखी थी.
निराश हुई भारत की टीम
ब्रिटेन के मीडिया संस्थान BBC ने अपनी रिपोर्ट में लिखा,
“भारतीय टीम जो 2011 के बाद पहली बार वॉइट-बॉल खिताब के बेहद करीब थी, अंत में निराश हुई. सेमीफइनल और लीग मैच में शानदार प्रदर्शन के बाद फाइनल में हार का सामना करना दुःखद रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनके नाम पर स्टेडियम का नाम रखा गया और घरेलू दर्शकों के विशाल क्राउड के सामने ये टीम इंडिया का दिन था. लेकिन इसका अंत निराशा भरा रहा. वहीं ऑस्ट्रेलिया ने भले ही पहले 5 बार ये खिताब जीता हो, लेकिन यह उनकी सबसे महान जीतों में से एक है.”
संस्थान ने आगे लिखा,
“हेड की पारी सुर्खियां बटोरेगी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की यह जीत गेंद के साथ सनसनीखेज प्रदर्शन और पैट कमिंस के टॉस में पहले गेंदबाजी करने के साहसी फैसले पर बनी थी. बल्ले से भारत का सबसे खराब प्रदर्शन टूर्नामेंट में सबसे खराब समय पर आया, लेकिन इसका बड़ा श्रेय कमिंस और उनके चैंपियन आक्रमण को जाना चाहिए.”
संस्थान ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस के बयान का जिक्र करता है. मैच खत्म होने के बाद कमिंस ने कहा था कि उनकी टीम ने आखिरी के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ बचाकर रखा और बड़े मैच खेलने वाले खिलाड़ी टीम के लिए आगे आए और जीत दर्ज की.
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इसी तरह संस्थान ने रोहित शर्मा के बयान का जिक्र किया. शर्मा ने मैच खत्म होने के बाद कहा था कि भारतीय खिलाड़ी आज उतने अच्छे नहीं थे, लेकिन उन्हें वास्तव में टीम पर गर्व है और टीम ने पहले गेम से ही जो खेल दिखाया, उस पर गर्व है. रोहित ने कहा था कि टीम ने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की. टीम 270 या 280 के स्कोर की ओर देख रही थी, लेकिन नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे. रोहित ने कहा कि भारतीय बैटर एक साथ साझेदारी नहीं कर सके और ऑस्ट्रेलिया ने खेल जीतने के लिए ठीक यही किया, तीन विकेट खोने के बाद उन्होंने अच्छी साझेदारी की.
BBC ने इंग्लैंड के पूर्व गेंदबाज स्टीवन फिन के कोट को भी साझा किया. फिन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने शुरू से अंत तक जो कुछ भी किया, वह उत्कृष्ट था. वे मैदान पर शानदार थे. ऑस्ट्रेलियाई टीम उस क्षण से ही टॉप पर थी, जब ट्रैविस हेड ने रोहित शर्मा का कैच पकड़ा और उन्हें बचने का मौका ही नहीं दिया.
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने शीर्षक दिया-
Australia triumph in World Cup of grownups
वयस्कों के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की जीत
कामरान अब्बासी ने अपनी इस रिपोर्ट में वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल मुकाबले, विशाल नरेंद्र मोदी स्टेडियम, भारतीय प्रशंसकों के जनसैलाब समेत पूरे वर्ल्ड कप टूर्नामेंट पर टिप्पणी की है. अंत वो लिखते हैं कि आप एक खेल के मालिक हो सकते हैं, उस पर हावी हो सकते हैं, राष्ट्रीय जुनून को राष्ट्रीय पहचान के साथ जोड़ सकते हैं, जीत के लिए अपने भाग्य पर विश्वास कर सकते हैं, लगभग 130,000 फैन्स की आध्यात्मिक शक्तियों पर विश्वास कर सकते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद आप ग्यारह वयस्कों को मैदान पर आने और आपका खेल बिगाड़ने से रोक नहीं सकते. यहां ग्यारह वयस्कों से उनका मतलब टीम ऑस्ट्रेलिया से है, जिसने भारत का खेल बिगाड़ दिया.
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ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने शीर्षक दिया-
Pat Cummins made all the right calls while India’s World Cup dream died
पैट कमिंस ने सभी सही फैसले किये जबकि भारत का विश्व कप जीतने का सपना अधूरा रह गया
अखबार ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस की तारीफ में लिखता है,
"निर्णय. अगर आप सही निर्णय लेते हैं तो आप दूरदर्शी हैं. अगर ग़लत निर्णय लेते हैं तो मूर्ख इत्यादि अपमान की अनंत सूची में से कोई एक बन जाएंगे. जब पैट कमिंस ने टॉस जीता, तो ऑस्ट्रेलियाई समर्थकों ने जश्न मनाया होगा, लेकिन जब उन्होंने कुछ सेकंड बाद गेंदबाजी करने का फैसला किया, तो उनमें से एक बड़े हिस्से ने निश्चित रूप से सोचा होगा कि वह पागल हैं. लेकिन कमिंस अपने निर्णय पर खरे उतरे और उन्होंने अपनी टीम को इस निर्णय को सही साबित करने के लिए शानदार तरीके से लीड किया."
अखबार आगे लिखता है कि यह सब निर्णयों के बारे में ही है. उनमें से सबसे महत्वपूर्ण रहा टीम का चयन. ट्रैविस हेड को टूटे हुए हाथ के बावजूद चुना गया जिसके कारण वो आधा टूर्नामेंट नहीं खेल सके. लेकिन यह हेड ही थे जिनका हाथ सही समय पर ठीक हो गया और उन्होंने ही रोहित शर्मा को आउट करने के लिए पीछे की ओर दौड़ते हुए शानदार कैच लपका. इसके बाद हेड का शतक पूरा करना. और जैसे-जैसे टीम ऑस्ट्रेलिया आगे बढ़ती गई, जैसे-जैसे रन मुश्किल से संभव, संभव से औपचारिकता तक सीमित रह गए, उस विशाल स्टेडियम के चारों ओर सन्नाटा पसर गया. जब तक ऑस्ट्रेलिया जीता, स्टेडियम से आधे लोग जा चुके थे. यह शर्म की बात है कि वो विश्व कप की सबसे अप्रत्याशित जीत देखने से चूक गए.
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