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सोशल मीडिया पर भयंकर वायरल बिना हाथ वाली भारतीय लड़की ने कौन सा मेडल जीता?

शीतल देवी. सिर्फ़ 17 साल की इस भारतीय तीरंदाज ने पेरिस पैरालंपिक्स में कमाल कर दिया. इन्होंने अपने तीरों से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी और फिर सोमवार, 2 सितंबर को ब्रॉन्ज़ मेडल भी जीत लिया.

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Sheetal Devi
शीतल देवी ने जीत लिया ब्रॉन्ज़ (PTI, स्क्रीनग्रैब)
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सूरज पांडेय
2 सितंबर 2024 (Updated: 2 सितंबर 2024, 02:32 IST)
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X चलाते हैं? गारंटी है कि बीते दो-तीन दिन में आपकी फ़ीड पर एक महिला तीरंदाज का वीडियो कई दफ़ा आया ही होगा. इस भयंकर वायरल वीडियो ने पूरी दुनिया को जोड़ दिया है. हर क्षेत्र के लोग इन पर रिएक्ट कर रहे हैं. फिर चाहे वो फ्रेंच फुटबॉलर जूल कुंडे हों, या अरबपति आनंद महिंद्रा. महज 17 साल की इस महिला ने भारत को पैरालंपिक्स में एक मेडल भी दिला दिया है.

रिएक्ट करने वालों में पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह भी शामिल हैं. इस वीडियो में दिखने वाली तीरंदाज का नाम है- शीतल देवी. शीतल का बुल्स-आई हिट करने वाला वीडियो स्पैनिश क्लब बार्सिलोना के लिए खेलने वाले जूल ने X पर री-पोस्ट किया.

भज्जी ने इस वीडियो के साथ लिखा,

‘रेसपेक्ट’

आनंद महिंद्रा ने X पर लिखा,

‘असाधारण साहस, प्रतिबद्धता और कभी हार ना मानने की भावना पदकों से जुड़ी नहीं होती… #शीतलदेवी, आप देश और पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा की किरण हैं. लगभग एक साल पहले, आपकी अदम्य भावना को सलाम करते हुए, मैंने आपसे अनुरोध किया था कि आप हमारी रेंज की कोई भी कार स्वीकार करें. हम उसे आपके हिसाब से कस्टमाइज़ करेंगे.

आपने उस वक्त कहा कि आप 18 साल की होने पर इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगी, आप अगले साल 18 की हो जाएंगी. मैं आपसे किए गए उस वादे को पूरा करने के लिए उत्सुक हूं… और, ज़ाहिर है, कोई और मेरा मंडे मोटिवेशन नहीं हो सकता.’

हालांकि, ये वीडियो जिस मैच का है उसे शीतल एक पॉइंट से हार गई थीं. लेकिन अब उन्होंने इस निराशा को पीछे छोड़ते हुए पेरिस पैरालंपिक्स में ब्रॉन्ज़ मेडल जीत लिया है. शीतल ने राकेश कुमार के साथ मिलकर मिक्स्ड आर्चरी इवेंट का ब्रॉन्ज़ मेडल जीता. इन्होंने ब्रॉन्ज़ मेडल के मैच में इटली की टीम को एक पॉइंट से मात दी. सेमी-फाइनल में ईरानी टीम से हारने वाली भारतीय टीम ने ब्रॉन्ज़ मेडल के मैच में कमाल का खेल दिखाया.

पहला सेट खत्म हुआ तो ये लोग 40-38 से पीछे थे. दूसरे सेट में भारतीय टीम ने वापसी की और मैच को 78-78 से बराबर कर लिया. तीसरे सेट के अंत में स्कोर 116-117 से फिर इटली की ओर हो गया. अब बारी थी चौथे सेट की.

यह भी पढ़ें: पेरिस से एक ही इवेंट में आए दो मेडल्स, बैडमिंटन में इन प्लेयर्स ने कमाल कर दिया

राकेश ने 10 पॉइंट्स के साथ शुरुआत की. जबकि शीतल ने 9* का शॉट लगाया. इस शॉट की खासियत ये है कि ये काउंटबैक में 10 हो सकता है. भारत के 19 पॉइंट्स के जवाब में इटली ने 18 बनाए. राकेश ने पैरालंपिक्स के अपने आखिरी तीर से 10 पॉइंट कमाए. और शीतल ने भी यही काम किया. जवाब में दोनों इटैलियंस ने भी 10-10 के शॉट जमाए. और स्कोर 155-155 हो गया.

इसके बाद हुआ काउंटबैक और इसमें शीतल का 9* वाला तीर 10 बन गया. और भारत ने 156-155 के स्कोर के साथ ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम कर लिया. इससे पहले शीतल और राकेश की जोड़ी सेमी-फाइनल में ईरान के तीरंदाजों से शूट-ऑफ़ में हारे थे. चारों सेट्स के बाद स्कोर 152-152 रहा. फिर बारी आई शूट-ऑफ़ की. दोनों ही टीम्स ने 20-20 पॉइंट्स स्कोर किए. लेकिन ईरानी शूटर का तीर बुल्स-आई के ज्यादा क़रीब था, इसके चलते भारतीय टीम हार गई.

# कौन हैं शीतल

इस पैरालंपिक्स की सबसे युवा आर्चर शीतल ने इंडिविजुअल कंपाउंड रैंकिंग्स राउंड में 703 पॉइंट्स स्कोर किए थे. ये वर्ल्ड रिकॉर्ड था. हालांकि इसी राउंड में ये रिकॉर्ड टूट भी गया. शीतल फोकेमेलिया नाम की एक रेयर कंडिशन के साथ पैदा हुई थीं. इसके चलते जन्म से ही उनके दोनों हाथ नहीं हैं.

10 जनवरी 2007 को इनका जन्म कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में हुआ था. शीतल को भारतीय आर्मी की राष्ट्रीय राइफ़ल यूनिट ने स्पॉट किया था. आर्मी ने पढ़ाई और इलाज़ में शीतल को खूब सपोर्ट किया. डॉक्टर्स के मुताबिक शीतल के लिए प्रोस्थेटिक हाथ भी नहीं बनाए जा सकते. लेकिन उन्होंने पैरों के सहारे से पेड़ पर चढ़कर लोगों को हैरान कर दिया.

सिर्फ़ 11 महीने की ट्रेनिंग के बाद इन्होंने बिना हाथों के तीरंदाजी करना शुरू कर दिया. और 2022 के एशियन पैरा गेम्स में दो गोल्ड मेडल जीत लिए. साथ ही इन्होंने वहां एक सिल्वर मेडल भी जीत. शीतल शरीर के ऊपरी हिस्से की इस कमी के साथ खेलने वाली पहली और इकलौती इंटरनेशनल पैरा-आर्चर हैं.

साल 2023 में इन्हें एशियन पैरालंपिक्स कमिटी ने बेस्ट यूथ एथलीट ऑफ़ द ईयर भी चुना था. इसी बरस भारत सरकार ने इन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया था.

वीडियो: पेरिस पैरालंपिक्स में अवनि लेखरा ने जीता गोल्ड

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