आयुर्वेदिक डॉक्टर के उस बेटे की कहानी जिसने टीम इंडिया को 'छक्के' के करीब पहुंचा दिया!
U-19 World Cup में Team India के कैप्टन Uday Saharan ने शानदार खेल दिखाया है. उनकी कप्तनी में Team India छठी बार टूर्नामेंट का खिताब जीतने के करीब है.
साल 2000, 2008, 2012, 2018 और 2022 …अब बारी है साल 2024 की. जब टीम इंडिया एक बार फिर यानी छठी बार U-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप (U 19 Cricket World Cup 2024) के खिताब को अपनी झोली में डाल सकती है. सेमीफाइनल में लड़कों ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ रोमांचक जीत दर्ज की. मैच एकदम ऐसा हुआ कि आपको वर्ल्ड कप फाइनल 2011 की याद आ जाए. तब भारत को गंभीर और धोनी ने मुश्किल कंडीशन से निकाला था और अब वो काम किया कप्तान उदय सहारन (Uday Saharan) और उनके पार्टनर सचिन दास (Sachin Das) ने.
जब इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी, तब टीम को कई फैन्स और एक्सपर्ट्स की तरफ से कमजोर आंका जा रहा था. ऐसी बात कही जा रही थी कि इस बार के लड़कों में वो दम नहीं है. लेकिन इन सभी आलोचकों को करारा जवाब दिया है टीम इंडिया ने अपने शानदार प्रदर्शन से. जो एक के बाद एक मैच जीतकर अब 11 जनवरी को फाइनल मैच खेलने जा रही है. और टीम को इस दहलीज तक पहुंचाने में काफी हद तक योगदान रहा है श्रीगंगानगर के लड़के उदय सहारन का. जो टीम की कमान संभाल रहे हैं. अब ये उदय सहारन हैं कौन और उनका टीम इंडिया में पहुंचने का अब तक का सफर कैसा रहा, सब विस्तार से जानते हैं.
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कौन हैं उदय सहारन?उदय सहारन का जन्म 8 सितंबर 2004 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ. उदय ने अपनी स्कूलिंग श्रीगंगानगर के ही किड्स कैंप कान्वेंट स्कूल से की. इसके बाद वो पहले फाजिल्का और फिर बठिंडा चले गए. फिलहाल वो बठिंडा के SSD कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज महाविद्यालय में BA सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं. उदय को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. उनके पिता संजीव सहारन एक आयुर्वेदिक डॉक्टर और एक क्रिकेट कोच हैं. उदय के पिता का सपना भी एक क्रिकेटर बनने का था. लेकिन कठिन परिस्थितियों के कारण वो ऐसा नहीं कर पाए. उन्होंने इस बारे में हमें बताया,
''मेरा सपना भी एक क्रिकेटर बनने का था. लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि मेरा सपना अधूरा रह गया. मुझे यहां कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. मुझे कहा जाता था कि अगर क्रिकेट खेलना है तो बड़े शहर में जाना होगा. और मेरे लिए ये संभव नहीं था. लेकिन अब यहां के बच्चों को ऐसी परेशानियों का सामना ना करना पड़े, इस वजह से मैंने यहां एकेडमी खेलनी है.''
संजीव सहारन के मुताबिक, उदय ने काफी कम उम्र में ही बल्ला थाम लिया था. वो पढ़ाई में तो काफी अच्छे थे ही, साथ ही काफी छोटी उम्र से ही क्रिकेट भी खेलना शुरू कर दिया. वो बचपन से ही पापा के साथ एकेडमी जाने लगे. संजीव सहारन इस बारे में बताते हैं,
जूनियर लेवल पर किया कमाल“उदय जब 3-4 साल का था, तब से ही मेरे साथ एकेडमी जाने लगा था. वो शुरुआत से ही बैटिंग में काफी रुचि लेता था. वो अपने से बड़े उम्र के बॉलर्स की गेंद को भी अच्छे तरीके से खेलता था. उसे देखकर मुझे लगा कि जो सपना मेरा अधूरा रह गया वो उदय पूरा कर सकता है.”
उदय ने क्लास 7 तक की पढ़ाई श्रीगंगानगर से की. लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए वो पंजाब के फाजिल्का चले गए. यहां पढ़ाई के साथ-साथ वो ग्राउंड पर छक्के भी लगाते रहे. और 11 साल की उम्र में उनका सेलेक्शन जिला क्रिकेट एसोसिएशन फाजिल्का में हो गया. उदय ने यहां अपने प्रदर्शन से सबको काफी प्रभावित किया. कुछ समय के बाद उदय बठिंडा शिफ्ट हो गए. जहां बठिंडा क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी अरुण सर ने उनकी काफी मदद की. उदय ने यहां भी अच्छा प्रदर्शन किया और उनका सेलेक्शन पंजाब की अंडर-14 टीम में हो गया. और उन्होंने यहां अपने सेलेक्शन को पूरी तरफ से जायज ठहराया. उदय अंडर-14 टूर्नामेंट में नॉर्थ जोन की तरफ से सेकंड हाईएस्ट स्कोरर रहे.
इस प्रदर्शन के आधार पर उनका सेलेक्शन अंडर-16 की टीम के लिए हुआ. जहां पहले सीज़न में वो पंजाब के लिए टॉप स्कोरर रहे. वहीं, साल 2019-20 के विजय मर्चेंट ट्रॉफी के दौरान वो टॉप स्कोरर रहे. जहां भी जिस टूर्नामेंट में उदय को मौका मिला, वहां उन्होंने अपनी छाप छोड़ी. और ऐसे में उनका सेलेक्शन इंडिया की अंडर-19 टीम में हुआ.
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U-19 वर्ल्ड कप 2022 में भी थे टीम के साथउदय अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 में भी वो टीम इंडिया की स्क्वॉड में थे. हालांकि, उन्हें मौका नहीं मिल पाया था. लेकिन जब इस साल के अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान उन्हें मौका मिला तो उन्होंने ना सिर्फ टीम को खिताब की दहलीज पर पहुंचा दिया है, बल्कि उनका इंडिविजुअल परफॉर्मेंस भी कमाल का रहा है. वो इस टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर हैं. उन्होंने अब तक छह मुकाबले खेले हैं, जिसमें उनके नाम 64 की औसत से 389 रन हैं. 6 जनवरी को उदय ने ना सिर्फ टीम इंडिया को मुश्किल कंडीशन से निकाला बल्कि 81 रन की पारी खेल टीम को शानदार जीत भी दिलाई. अब पूरे देश को इस खिलाड़ी से फाइनल मुकाबले में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी.
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