इलेक्ट्रीशियन पिता का बेटा, जिसने पहले ही मैच में RCB का धागा खोल दिया!
कहानी तिलक वर्मा की, जिनके पास कभी किट, बैट खरीदने के पैसे नहीं थे.
तिलक वर्मा (Tilak Verma). ये नाम सभी आईपीएल देखने वालों के दिमाग में 2 अप्रैल के बाद घर कर गया होगा. कारण उनकी लाजवाब पारी. जो तब आई जब बैंगलोर के खिलाफ मुंबई की टीम मुश्किल में थी. 48 रन तक टीम के 4 विकेट आउट हो चुके थे. जिसमें रोहित शर्मा, ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव और कैमरन ग्रीन जैसे धाकड़ खिलाड़ी शामिल थे. लेकिन इसके बाद विकेट पर 20 साल का ये युवा खिलाड़ी क्रीज पर आया और बैंगलोर के बोलर्स को कूट कर रख दिया. तिलक ने मैच में महज 46 गेंद खेलीं और नाबाद 84 रन बना डाले. इसकी बदौलत ही मुश्किल में फंसी मुंबई की टीम 171 रन बना सकी. टीम मैच तो नहीं जीत पाई लेकिन तिलक छा गए. पर तिलक हैं कौन. ये बताते हैं.
# कौन हैं तिलक वर्मा?घरेलू क्रिकेट में टॉप ऑर्डर बल्लेबाज और पार्ट टाइम गेंदबाज तिलक हैदराबाद से तालुक्क रखते हैं. घरेलू क्रिकेट में अपने राज्य के लिए ही खेलते भी हैं. तिलक को मुंबई ने मेगा ऑक्शन में 1.70 करोड़ की बड़ी रकम में खरीदा था और वो अब इसको सही साबित भी करने मे जुटे हैं.
खैर, इस मुकाम तक पहुंचने से पहले तिलक का जीवन संघर्षों से भरा रहा. उनके घर की आर्थिक स्थिति कभी ठीक नहीं रही. तिलक के पिता नम्बूरी नागराजू इलेक्ट्रीशियन हैं. घर का खर्चा मुश्किल से चलता था. बड़ा भाई पढ़ाई में करियर बनाना चाहता था जबकि तिलक क्रिकेटर बनना चाहते थे. लेकिन पिता ने कभी तिलक के सपने के बीच आर्थिक मजबूरी को आने नहीं दिया. ज़रा सा भी एहसास नहीं होने दिया. जितनी जरूरतें थीं, सारी पूरी करने की हमेशा कोशिश की. साल 2022 में IPL ऑक्शन के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में तिलक ने ऐसी ढेर सारी बातें बताई थीं. तिलक ने कहा था,
‘मुझे आज भी याद है कि जब मैं पिता से कोई सामान खरीदने के लिए कहता था तो वे मना नहीं करते थे, सिर्फ इतना कहते थे कि कुछ दिन का समय दे दो. फिर पापा कुछ दिनों में वह सामान लाकर दे देते थे. इसके लिए कई बार तो वे अपनी जरूरी चीजें भी नहीं खरीदते थे. मैं IPL से मिलने वाले पैसों से पापा और मम्मी को हैदराबाद में घर खरीदकर देना चाहता हूं.’
तिलक वर्मा को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता के अलावा कोच सलाम बायश का भी बड़ा हाथ है. तिलक ने उन्हीं से क्रिकेट के सभी गुर सीखे. उनके पास किट खरीदने तक के पैसे नहीं थे. अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए तिलक ने बताया,
तिलक का करियर:'मेरे पास अपनी खुद की किट भी नहीं थी. कोच सर हमेशा मदद करते थे. दूसरे लड़कों से बैट, पैड, ग्लव्स लेकर देते थे. मैंने चार साल पहले जब सीनियर कैटेगरी में रणजी खेलना शुरू किया, तब मैच फीस से पहली बार मैंने अपने लिए बैट खरीदा.'
बताते चलें कि तिलक वर्मा 2020 U-19 विश्वकप में भारतीय टीम का हिस्सा थे. उन्होंने टूर्नामेंट में छह मुकाबलों में 28.66 के ऐवरेज से 86 रन बनाए. साल 2018 में तिलक ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. जबकि तिलक को अगले ही साल हैदराबाद के लिए लिस्ट ए और T20 मैच खेलने का मौका मिला. तिलक वर्मा के लिए साल 2021-22 सीजन सबसे ज्यादा शानदार रहा है. उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के पांच मुकाबलों में 180 रन बनाने के अलावा चार विकेट भी झटके. वहीं सैयद मुश्ताक अली T20 टूर्नामेंट में उन्होंने सात मैच खेलते हुए 147 के स्ट्राइक रेट से 215 रन बनाए. जबकि तिलक के लिए साल 2022 का IPL ब्रेकथ्रू साबित हुआ. उन्होंने 14 मैच में 36.09 की औसत से 397 रन बनाए. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी 131.02 का रहा. जो बेहद शानदार है. इसके साथ ही 2023 आईपीएल की शुरुआत भी तिलक के लिए तगड़ी रही. आगे भी उन पर सबकी नजर बनी रहेगी.
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