बैट खरीदने के पैसे नहीं, पिता इलेक्ट्रीशियन, लड़का IPL के बाद अब टीम इंडिया में खेलेगा!
कहानी तिलक वर्मा की, जिनको क्रिकेटर बनाने में उनके पिता और कोच ने जान लगा दी...
तारीख 2 अप्रैल 2023. IPL 2023 का मैच मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच खेला गया. पहले बैटिंग करते हुए मुंबई की टीम नौवें ओवर में 48 रन तक अपने 4 विकेट गंवा चुकी थी. लग रहा था कि टीम के लिए एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच पाना भी मुश्किल होगा. लेकिन यहां एंट्री हुई 20 साल के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ तिलक वर्मा (Tilak Verma) की. और उन्होंने क्रीज पर आते ही गेम को पूरी तरह से चेंज कर दिया. तिलक ने बैंगलोर के सभी बॉलर्स की जमकर कुटाई की. और मैच में महज 46 गेंद खेल नाबाद 84 रन बना डाले. इस पारी की बदौलत मुंबई की टीम 171 रन के फाइटिंग टोटल तक पहुंची. मुंबई हालांकि इस मुकाबले को हार गई लेकिन तिलक का नाम हर तरफ छा गया.
खैर ये तो बस शुरुआत थी. तिलक ने पूरे IPL के दौरान 11 मैच खेले. जिसमें 42.88 की औसत और 164.11 की स्ट्राइक रेट से उन्होंने 343 रन बनाए. और इसके बाद से ही उन्हें लगातार इंडियन टीम में शामिल करने की मांग की जाने लगी. और ये इंतजार खत्म हुआ 5 जुलाई 2023 को. जब BCCI ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ T20I सीरीज़ के लिए टीम इंडिया की घोषणा की. इसमें तिलक का नाम भी शामिल था. पर तिलक वर्मा यहां तक कैसे पहुंचे? आइये आपको पूरी कहानी बताते हैं.
तिलक वर्मा का जन्म 8 नवंबर 2002 को हैदराबाद में हुआ. उनके घर की आर्थिक स्थिति कभी ठीक नहीं रही. इस मुकाम तक पहुंचने से पहले तिलक का जीवन संघर्षों से भरा रहा. तिलक के पिता नम्बूरी नागराजू इलेक्ट्रीशियन हैं. घर का खर्चा मुश्किल से चलता था. बड़ा भाई पढ़ाई में करियर बनाना चाहता था जबकि तिलक क्रिकेटर बनना चाहते थे. लेकिन पिता ने तिलक के सपने के बीच आर्थिक मजबूरी को आने नहीं दिया. ज़रा सा भी एहसास नहीं होने दिया. जितनी जरूरतें थीं, सारी पूरी करने की हमेशा कोशिश की. साल 2022 में IPL ऑक्शन के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में तिलक ने ऐसी ढेर सारी बातें बताई थीं. तिलक ने कहा था,
‘मुझे आज भी याद है कि जब मैं पिता से कोई सामान खरीदने के लिए कहता था तो वे मना नहीं करते थे, सिर्फ इतना कहते थे कि कुछ दिन का समय दे दो. फिर पापा कुछ दिनों में वह सामान लाकर दे देते थे. इसके लिए कई बार तो वे अपनी जरूरी चीजें भी नहीं खरीदते थे. ''
तिलक वर्मा को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता के अलावा कोच सलाम बायश का भी बड़ा हाथ है. तिलक ने उन्हीं से क्रिकेट के सभी गुर सीखे. उनके पास किट खरीदने तक के पैसे नहीं थे. अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए तिलक ने बताया,
‘मेरे पास अपनी खुद की किट भी नहीं थी. कोच सर हमेशा मदद करते थे. दूसरे लड़कों से बैट, पैड, ग्लव्स लेकर देते थे. मैंने चार साल पहले जब सीनियर कैटेगरी में रणजी खेलना शुरू किया, तब मैच फीस से पहली बार मैंने अपने लिए बैट खरीदा.’
NDTV में छपी खबर के मुताबिक कोच सलाम ने तिलक के पिता को भरोसा दिलाया कि वो तिलक को क्रिकेट खेलने दें. लेकिन सामने चुनौती बहुत बड़ी थी. क्रिकेट खेलने के लिए तिलक को 40 किलोमीटर दूर तक जाना होता था. जहां कोच सलीम उन्हें सुबह मोटरसाइकिल पर बिठा कर लेकर जाते थे और शाम को वापस लेकर आते थे. इस दौरान थकान की वजह से तिलक अक्सर मोटरसाइकिल पर ही सो जाते थे. हालांकि बाद में तिलक के पिता एकेडमी के पास ही जाकर शिफ्ट हो गए और वहां नौकरी करने लगे.
तिलक का करियरधीरे धीरे तिलक की मेहनत रंग लाने लगी. डोमेस्टिक लेवल पर U16 और फिर U19 क्रिकेट खेलने के बाद साल 2018 में तिलक ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया. जबकि उन्हें अगले ही साल हैदराबाद के लिए लिस्ट ए और T20 मैच खेलने का मौका मिला. वो साल 2020 में टीम इंडिया की U19 टीम का हिस्सा बने. उन्होंने टूर्नामेंट में छह मुकाबलों में 28.66 के एवरेज से 86 रन बनाए. तिलक वर्मा के लिए साल 2021-22 सीजन सबसे ज्यादा शानदार रहा.
उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी के पांच मुकाबलों में 180 रन बनाने के अलावा चार विकेट भी झटके. वहीं सैयद मुश्ताक अली T20 टूर्नामेंट में उन्होंने सात मैच खेलते हुए 147 के स्ट्राइक रेट से 215 रन बनाए. ऐसे में मुंबई की नजर इस खिलाड़ी पर पड़ी. तिलक को मुंबई ने मेगा ऑक्शन में 1.70 करोड़ की बड़ी रकम में खरीदा और तिलक ने टीम को निराश नहीं किया. इस बल्लेबाज़ के लिए साल 2022 का IPL ब्रेकथ्रू साबित हुआ. उन्होंने 14 मैच में 36.09 की औसत से 397 रन बनाए. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी 131.02 का रहा. जो बेहद शानदार है. वहीं अब IPL के इस सीज़न में भी तिलक ने जिस तरह का खेल दिखाया है, उसे देख फैन्स इंटरनेशनल क्रिकेट में उनसे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे.
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