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कैसे लगाते हैं एबी डिविलियर्स वाले शॉट्स? सूर्यकुमार यादव ने बड़ा राज खोल दिया

सूर्यकुमार यादव इस समय बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं.

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SURYAKUMAR YADAV, t20 world cup,Scoop shot
क्रिकेट के नए मिस्टर 360 हैं सूर्यकुमार यादव. (फोटो: AP)
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रविराज भारद्वाज
7 नवंबर 2022 (Updated: 7 नवंबर 2022, 22:19 IST)
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सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav). कमाल के क्रिकेटर. T20 फॉर्मेट के ये धुरंधर बल्लेबाज़ इस समय कमाल के फॉर्म में हैं. हर मैच में सूर्या आतिशी पारी खेलते हुए नजर आते हैं. इस दौरान चाहे उनके सामने कोई भी बॉलर क्यों ना हो, वो सबकी बराबरी से कुटाई करते हैं. वो मैदान के चारों तरफ ऐसे शॉट्स लगाते हैं, जिसे देखकर हर किसी को एबी डिविलियर्स की याद आ जाती है.

जब तक वो पिच पर रहते हैं, वो मैदान के चारों तरफ शॉट्स लगाते हुए नजर आते हैं. खासकर फास्ट बॉलर्स की गेंदों पर वो जितनी आसानी से पीछे की तरफ शॉट्स लगाते हैं, उसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. कुछ शॉट्स तो ऐसे होते हैं जो काफी अजीबो गरीब  भी नजर आते हैं, लेकिन उसपर भी वो बाउंड्री बटोर लेते हैं. और जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने वही कर दिखाया. अब सूर्यकुमार ने इन शॉट्स को लेकर अश्विन के साथ बातचीत में राज खोला है. जिसका वीडियो BCCI ने शेयर किया है.

#SKY ने खोला अपने शॉट्स का राज

सूर्यकुमार यादव के मुताबिक उन्होंने बचपन में रबर बॉल से काफी प्रैक्टिस की है, जिस वजह से वो आसानी से ऐसे शॉट्स खेलते हैं. उन्होंने कहा,

स्कूल के दिनों में मैंने रबर बॉल से काफी क्रिकेट खेला है. हम सीमेंट के विकेट पर खेलते थे. उस पर गेंद काफी तेज आती है और रबर बॉल होने की वजह से उछाल भी ज्यादा रहता था. यही वजह है कि मैं तेज गेंदबाजों के खिलाफ इस तरह के शॉट खेल पा रहा हूं. 

उन्होंने आगे कहा कि रबर बॉल से प्रैक्टिस करने के कारण पुल या स्कूप शॉट खेलना आसान हो जाता है. उन्होंने कहा,

स्कूल के दिनों में हम जिस मैदान पर खेलते थे, उसकी एक तरफ की बाउंड्री 75-80 मीटर होती थी और विकेट के पीछे इसकी लंबाई 70 मीटर के आसपास थी. ऐसे में जब आप रबर बॉल से सीमेंट के विकेट पर खेलते हैं तो अतिरिक्त उछाल के कारण किसी बल्लेबाज के लिए स्कूप, पुल और अपरकट या पॉइंट के ऊपर से शॉट मारना आसान हो जाता है.’

इसके अलावा सूर्या ने बताया कि अधिकतर समय वो गेंद को देखने के बाद शॉट्स लगाने का फैसला करते हैं. उन्होंने स्टार स्पोर्टस से बात करते हुए कहा,

मैं गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले ही दो-तीन शॉट दिमाग में सोच लेता हूं. अगर गेंद उसी जोन में आई, तो फिर पहले से सोचा हुआ शॉट खेलता हूं और अगर गेंदबाज बिल्कुल अलग तरह की गेंद फेंकता है तो फिर उसी समय शॉट में बदलाव करता हूं. ऐसा मैं नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़ा होते हुए भी सोचता रहता हूं.’

अब सूर्यकुमार ने पिछले कुछ समय में और खासकर इस वर्ल्ड कप में जिस तरह से बैटिंग की है, उसे देखकर इंग्लैंड के बॉलर्स की नींद तो जरूर उड़ गई होगी. अब उम्मीद यही है कि सूर्या अपनी इस धुआंधार फॉर्म को आगे भी बरकरार रखेंगे.

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