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T20 World Cup Champions: थैंक्यू रोहित एंड टीम, नई कहानी लिख हमें ये मौका देने के लिए!

Rohit Sharma & Team India World Champions बन गए हैं. इसके साथ ही उस पीढ़ी का इंतजार भी खत्म हो गया, जिसने अभी तक 1983, 2007 और 2011 के बस क़िस्से सुने थे. कभी इंडिया को वर्ल्ड कप जीतते नहीं देखा था.

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World Champions Team India
टीम इंडिया ने जीत ली दुनिया (AP)
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गरिमा भारद्वाज
30 जून 2024 (Published: 06:28 IST)
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'कहते हैं किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है. आप सबने मुझे मेरी चाहत से मिला दिया. Thanks. Thanks very much. I feel like the king of the world.'

एक हाथ में ट्रॉफ़ी और भरी हुई आंखों के साथ जब किंग खान ने ये डायलॉग बोला था, तो मैंने सोचा नहीं था कि एक दिन इससे इतना रिलेट कर पाऊंगी. लेकिन 29 जून, शनिवार को ऐसा लगा कि जैसे ये मेरे लिए ही लिखा गया होगा. घड़ी की सुइयों ने जब तारीख बदलने का ऐलान किया, तो वक्त भी बदल चुका था.

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अब मेरी टीम चोकर नहीं रही थी. विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पंड्या, मोहम्मद सिराज... हमेशा हंसने वाले इन बंदों की तस्वीरें बता रही थीं कि हर 19 नवंबर के बाद 29 जून आती ही है. सालों लगे, लेकिन ICC ट्रॉफ़ी घर आई. और क्या कमाल के अंदाज में आई. जब लोगों को लगा था कि अब हार गए, तब हमारी टीम ने दिखाया कि मैच कैसे पलटे जाते हैं.

और पलटकर हाथ आई ICC ट्रॉफी. साथ लाई वर्ल्ड चैम्पियन का टैग. इस टैग को हासिल करने में अपनी टीम को सालों लग गए. हर बार ICC इवेंट आता, हम नई-पुरानी जर्सियां निकालते, तैयारी करते. और अंत तक आते-आते खड़ा हूं आज भी वहीं, पर रील बनाकर सो जाते. तैयारी इस बार भी कर ली थी, लेकिन...

वक्त बदल गया. हमारे जैसे लोग, जो 2011 में बहुत छोटे थे. और किसी ने बताया भी नहीं था कि इस ट्रॉफ़ी के क्या मायने हैं. वो लोग भी अब बोल सकते हैं- हमने इंडिया को दुनिया जीतते देखा है. हमने महसूस किया है बड़ों के उस जोश को, जो 1983, 2007 और 2011 के ज़िक्र से आ जाता है. हमने जिया है, उन पलों को, जो जीत पर खत्म हुए.

पुरानी जेनरेशन के लोग, अब हमसे नहीं बोल पाएंगे- बेटा दौर तो हमारा था, जब हमारा कप्तान ट्रॉफ़ी कलेक्टर था. अब हमारे हिटमैन के नाम भी एक वर्ल्ड कप ट्रॉफ़ी है. विराट खाली हाथ नहीं गया, छह कोशिशें भले लगीं, लेकिन ट्रॉफ़ी हाथ में उठाए बिना हार नहीं मानी.

अब हम सिर्फ़ कहानियां नहीं सुनेंगे, हमारी अपनी कहानी भी है. जो दुनिया को सुनाएंगे. रोए तो हम साल 2015, 2017, 2019, 2021, 2022, 2023 में भी थे, लेकिन इस बार के आंसू खुशी वाले थे. जिन्हें छिपाना नहीं था. ये आंसू हमने कमाए हैं, बड़ी मेहनत लगी है. बहुत रातें काली हुईं, दिनों की नींद गई, टीम सेलेक्शन से लेकर, नॉकआउट के हर मैच तक, दिल थामे बैठे रहे.

मौसम से लेकर, हेड, कमिंस और बटलर तक की चिंता में सर खपाया. फिर कहीं ये दिन आया है. हम थक चुके थे, हर टूर्नामेंट के बाद हार का मुज़रिम खोजते-खोजते. रिटायरमेंट्स, किसी का रन आउट, किसी की रोती हुई तस्वीरें. तो कोई मनहूस अंपायर. हमारी जेनरेशन को इतना दर्द शायद ब्रेक-अप से नहीं मिला, जितना ICC इवेंट्स ने दिया.

सबसे क़ाबिल, कागजों पर सबसे मजबूत. लीग स्टेज में सबको कुचल देने वाली टीम, फ़ाइनल तक जाते-जाते किसी शिनचैन का शिकार बन जाती थी. कभी इंग्लैंड, कभी न्यूज़ीलैंड तो कभी क्रिकेट के होमलैंडर, बोले तो कंगारू. हमारे पीछे ही पड़े रहते थे. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.

29 जून 2024 की कहानी भगवान जी ने अलग ही लिखी थी. इस बार की कहानी में खूब सारी जीत और इमोशंस के साथ हैप्पी एंडिंग का तड़का भी था. इस बार प्लेयर्स के आंसुओं ने फ़ैन्स को रुलाया, लेकिन ये वाला रोना तो मैं रोज रो लूं. ऐसे वाले आंसू तो फ़ैन्स ने नीरज चोपड़ा को ओलम्पिक गोल्ड जीतते देख भी बहाए ही थे.

एशियन गेम्स में सात्विक-चिराग का गोल्ड, हॉकी टीम का ओलंपिक्स ब्रॉन्ज़... इन सबके साथ, अब T20 World Cup 2024 भी गिना जाएगा. कायनात ने इंडियन मेंस क्रिकेट टीम और फ़ैन्स को उस चीज़ से मिला ही दिया, जिसे वो पूरी शिद्दत से चाहते थे. Thanks, Thanks very much.

वीडियो: T20 World Cup Final: विराट कोहली ने ऐसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की, चकनाचूर हुआ बाबर आज़म का रिकॉर्ड!

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