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IPL ड्रामे से निकल, रॉकस्टार हार्दिक पंड्या ने ऐसे बनाया हेटर्स को फ़ैन्स!

हार्दिक पंड्या. इनकी कहानी असली सड़क से उठकर स्टार बनने वाली हैं. IPL के दौरान स्टार हार्दिक को कुछ फ़ैन्स ने ज़मीन पर लाने की पूरी कोशिश की. लेकिन अब यही फ़ैन्स इनकी जय-जयकार कर रहे हैं.

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Hardik Pandya celebrating with Team India after T20 WC 2024 win
टीम इंडिया के साथ हार्दिक पंड्या (AP)
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गरिमा भारद्वाज
3 जुलाई 2024 (Updated: 3 जुलाई 2024, 18:39 IST)
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फ़िल्म वेलकम में विजय राज़ कहते हैं- ‘सड़क से उठाकर स्टार बना दूंगा’. उस वक्त ये सुनकर हंसी आती है. और हम भूल जाते हैं कि इस बात में कितना वजन है. सच में अगर कोई ठान ले तो सड़क से उठकर स्टार बना जा सकता है. दुनिया में ऐसे तमाम उदाहरण हैं, जहां एकदम शून्य से उठे लोग सबसे ऊपर निकल गए. लेकिन सड़क से उठकर कोई रातों रात  स्टार नहीं बनता. इसके पीछे लगती है कड़ी मेहनत, लगन और खूब सारी हिम्मत. हिम्मत, मुश्किल समय से लड़ने की. जिद पर अड़े रहने की. चट्टान जैसे खड़े रहने की.

जब लोग आप पर सवाल करें, तब मुंह बंद रख खुद को और मांजने की. खुद को ये समझाने की, कि मैं कौन हूं, ये सिर्फ़ मैं जानता हूं. मैं अपने काम से इन्हें चुप कराऊंगा. मेरा जवाब, मेरी सफलता होगी. 29 जून की देर रात जब हार्दिक पंड्या ने T20 World Cup 2024 Final का आखिरी ओवर डाला था, तब शायद वो भी यही सोच रहे होंगे.

उन्हें यक़ीन रहा होगा,

'गेंद मेरे हाथ में है, तो मेरे इशारों पर चलेगी. आप होंगे दुनिया के तोप बल्लेबाजों में से एक, लेकिन मैं भी इतने सालों से टाइमपास नहीं कर रहा हूं. मैंने भी इंडिया की जर्सी में कई बड़े इवेंट्स खेले हैं और सीखा है. भले ही वक्त के साथ लोग बदल जाते हों, कभी मेरे नारे लगाने वाले लोग अब भले मेरा मजाक बना रहे हों.

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लेकिन मैं वही हार्दिक हूं, जो कभी मैगी के एक पैकेट, तो कभी चंद बिस्किट्स के दम पर पूरे गुजरात में घूम-घूमकर तमाम टीम्स को मैच जिताता था. जहां लोग मेरे नाम पर इकट्ठे हो जाते थे. रुपये-पैसे की शर्त लगाते थे. और मेरे नाम पर लगा हर दांव, ये साबित करता था कि जहां मैं खेल रहा हूं, वहां का जयकांत शिकरे मैं ही रहूंगा.

आज मंच बड़ा था. साथ में सितारे खड़े थे, लेकिन इन सितारों में मेरी चमक सबसे अलग थी. अलग इसलिए नहीं, कि मेरे में बड़ी शेखी है. अलग इसलिए, क्योंकि मैं झुका नहीं. अपने ही देश में स्टेडियम दर स्टेडियम, लोगों ने मुझे क्या कुछ नहीं कहा. गालियां दीं, अपमानित किया, मेरे परिवार पर कीचड़ उछाली गई.

फ़ैमिली लाइफ़ घर से निकाल, उसी सड़क पर फेंक ही गई, जहां से मैं चला था. और इन सबमें मेरी कोई ग़लती भी नहीं थी. मैं तो बस, अपने करियर में आगे बढ़ना चाह रहा था. बड़ौदा का वो भूखा बच्चा, अगर अपने हक़ की थाली उठा रहा था, तो इसमें ग़लत क्या था? शायद कुछ भी नहीं, लेकिन ये बात दुनिया को कौन बताएगा? मैं, हार्दिक हिमांशु पंड्या बताऊंगा. मुंह से नहीं, गेंद और बल्ले से. क्योंकि हाथ में गेंद रहे तो मैं बोलर और बैट रहे तो बैटर.'

मार्च से लेकर मई तक. दुनिया ने हार्दिक को क्या कुछ नहीं कहा. और हार्दिक एक मुस्कान के साथ सब सुनते रहे. फिर आया जून का महीना. 5 जून से इंडिया का T20 World Cup कैम्पेन शुरू हुआ और पहले मैच से फ़ैन्स को पता चल गया कि ये क्या खिलाड़ी है. इसका मजाक बनाने से कुछ नहीं होगा, इसको जो करना है वो ये स्टाइल में करेगा.

और इसी स्टाइल के साथ इंडिया को ट्रॉफीज़ भी जिताएगा. हार्दिक भाई प्लीज़, आपने इस स्टाइल पर टिके रहना. T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद, आपकी रोती हुई तस्वीरों ने पूरे इंडिया को रुलाया है. एक कहानी सुनाई है कि कैसे वक्त बदलता है. और कैसे, पूरी दुनिया का विलेन, अपनी शर्तों पर हीरो बनकर लौटता है.

लाखों, करोड़ों लोग आपको फिर चाहने लगते हैं. और इन लाखों करोड़ों फ़ैन्स के बीच आपने घबराना नहीं है. आपको ऐसे ही बने रहना है, रॉकस्टार पंड्या.

वीडियो: चलते इंटरव्यू में घुस, रोहित ने ली हार्दिक की पुच्ची... फिर ये हुआ!

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