The Lallantop
Advertisement

जब 21 साल के सनी ने खत्म किया 23 साल और दर्जनों टेस्ट मैचों का इंतजार

क़िस्सा सुनील गावस्कर के डेब्यू टेस्ट का.

Advertisement
Img The Lallantop
Sunil Gavaskar 10000 Test Runs बनाने वाले पहले क्रिकेटर थे (गेटी फाइल)
pic
सूरज पांडेय
10 मार्च 2022 (Updated: 9 मार्च 2022, 02:57 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
1970-71. भारतीय क्रिकेट टीम वेस्ट इंडीज़ के टूर पर थी. इस टूर पर भारत के लिए तमाम दिग्गज खेले. लेकिन ड्राइविंग सीट रही बंबई यूनिवर्सिटी से आए एक 22 साल का लड़के के पास. अपनी डेब्यू सीरीज में ही उसने अमरेंद्र बाहुबली माने जा रहे कैरेबियन दिग्गजों को कूट-कूटकर कुमार वर्मा बना दिया. # कमाल के Sunny नाम सुनील गावस्कर. काम, क्रिकेट की दुनिया से वेस्ट इंडीज़ का ख़ौफ खत्म करना. ऊपर हमने जिस सीरीज की बात की है उसके दूसरे टेस्ट से गावस्कर ने अपना डेब्यू किया था. यूं तो उन्हें पहला टेस्ट ही खेलना था. लेकिन उंगली में हुए इन्फेक्शन ने उनका डेब्यू डिले कर दिया. और इस डिले के बाद आई 6 मार्च की तारीख. इस तारीख से ठीक पहले की रात कैप्टन वाडेकर ने गावस्कर से कहा,
'तुम कल खेल रहे हो.'
गावस्कर ने अपने डेब्यू के बारे में कहा था,
'वह शाम बेहद खास थी मैं उत्साहित, उत्तेजित, नर्वस और बेचैन था क्योंकि हम सर गारफील्ड (गैरी) सोबर्स की टीम के खिलाफ खेल रहे थे. ये सारे इमोशन मेरे दिमाग में चल रहे थे. लेकिन किस्मत से हमने पहले फील्डिंग की और मुझे अपनी कैप पहनने का मौका मिला. उस वक्त मैं सर पर कुछ पहने बिना बैटिंग करता था, मुझे स्कूल लेवल से ही इसकी आदत थी.'
मैच पर लौटें तो भारतीय टीम पिछले 23 साल से वेस्ट इंडीज़ को हराने की ताक में थी. लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था. पिछले मैच में वेस्ट इंडीज़ को फॉलोऑन खिलाने वाली टीम इंडिया इस मैच में बढ़े आत्मविश्वास के साथ उतरी थी. लेकिन उन्हें पहला झटका टॉस पर ही लग गया. कैप्टन वाडेकर ने टॉस हार गए और भारत को पहले बोलिंग करनी पड़ी. हालांकि भारतीय बोलर्स ने गैरी के फैसले को गलत साबित कर दिया. विंडीज़ की पहली पारी 214 रन पर सिमट गई. प्रसन्ना ने चार जबकि बिशन बेदी ने तीन विकेट निकाले. दो विकेट सैयद अबिद अली के खाते में गए. # हार गया West Indies फिर आई भारत की बैटिंग. ओपन करने उतरे अशोक मांकड़ और सुनील गावस्कर. दोनों ने पहले विकेट के लिए 68 रन जोड़े. मांकड़ 44 जबकि कुछ देर बाद गावस्कर 65 रन बनाकर आउट हुए. पिछले मैच के डबल सेंचुरियन दिलीप सरदेसाई ने फिर कमाल करते हुए 112 रन बना डाले. एकनाथ सोल्कर ने 55 रन की पारी खेली. भारत ने 352 रन बनाते हए 138 रन की लीड ले ली. विंडीज़ के लिए स्पिनर जैक नोरीगा ने अकेले नौ विकेट ले डाले. अपनी इस पारी के बारे में गावस्कर ने अपनी आत्मकथा सनी डेज में लिखा है,
'अशोक द्वारा तीन रन बनाने के बाद जब मैंने स्ट्राइक ली, मैं थोड़ा डरा हुआ था कि शायद मैं पूरी तरह से तैयार नहीं हूं. होल्डर भागते हुए आए और लेग स्टंप की लाइन पर गेंद फेंकी. बॉल मेरे लेग गार्ड से लगी और दो लेग बाई के लिए फाइन लेग की ओर निकल गई.लेकिन मैं यह देखकर चौंक गया कि अंपायर ने कोई सिग्नल नहीं दिया और अब मैं दो रन के साथ ऑफ द मार्क था, जबकि मेरे खाते में यह रन नहीं होने चाहिए थे. इसने मुझे फेल होने के डर से निजात दिलाई और फिर जल्दी ही मैं गेंद को बल्ले के बीचोंबीच खेल रहा था. और फिर मैंने होल्डर की गेंद को स्क्वॉयर लेग बाउंड्री के बाहर भेज अपना पहला टेस्ट चौका लगाया.'
दूसरी पारी में वेंकटराघवन ने पांच विकेट निकाले और विंडीज़ की टीम 261 पर सिमट गई. अब भारत को जीत के लिए 123 रन बनाने थे. पहले विकेट के लिए 74 रन की पार्टरनशिप के बाद भारत ने 84 तक आते-आते तीन विकेट खो दिए. लगा कि मैच फंस जाएगा. लेकिन प्रमोट किए गए आबिद अली गावस्कर के साथ टिक गए. और फिर ऑर्थर बैरेट की गुगली को मिडविकेट बाउंड्री के बाहर भेज गावस्कर ने इतिहास रच दिया. गावस्कर 67 रन बनाकर नाबाद लौटे. भारत ने पहली बार वेस्ट इंडीज़ को मात दे दी. साल 1948 से लेकर 1971 की 10 मार्च तक भारत ने वेस्ट इंडीज़ को कभी नहीं हराया था. लेकिन अब रिकॉर्ड बदल चुका था. 25 मैचों से चला आ रहा निराशा का सफर अब खत्म हो गया. भारत ने बचे हुए मैच ड्रॉ कराकर यह सीरीज भी जीत ली. अपनी डेब्यू सीरीज में गावस्कर ने 774 रन मार दिए और इस तरह वर्ल्ड क्रिकेट को उसका लिटिल मास्टर मिला. गावस्कर से पहले भारत ने 116 में से सिर्फ 15 टेस्ट जीते थे. जबकि 49 में उन्हें हार मिली थी. जबकि गावस्कर के आने के बाद भारत ने 130 टेस्ट मैचों में से 25 जीते, जबकि 35 में उनके हिस्से हार आई.

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement