पिता की मौत, क्रिकेट से विदाई... मोहम्मद शमी के स्ट्रगल्स सुन दिल पिघल जाएगा!
शमी कई बार इंजरी के चलते टीम से बाहर हुए. इतना ही नहीं, क्रिकेट छोड़ने तक की बात कर दी थी. और फिर किया ऐसा कमबैक, दुनिया देख रही है...
भारतीय क्रिकेट टीम की पेस बैटरी की चर्चा हर जगह हो रही है. शायद वर्ल्ड कप (World Cup 2023) में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि हम मैच से पहले भारत की बैटिंग से ज्यादा बॉलिंग की बात कर रहे हों. लेकिन इस बार ऐसा हो रहा है. कोई कह रहा है कि एक साथ ऐसे तेज गेंदबाज़ भारतीय टीम के पास कभी नहीं रहे. हम इंडिविजुअल्स के ओकेज़नल स्पेल्स ही सराहा करते थे. लेकिन मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज, तीनों धुआं भर रहे हैं. ऐसा इतिहास के किसी दौर में नहीं हुआ.
वानखेडे स्टेडियम. 2011 वर्ल्ड कप में भारत ने यहीं उठाई थी ट्रॉफी. माही भाई ने यहीं जड़ा था वो छक्का. यानी मोटा-मोटा कहा जाए तो ये ग्राउंड भारतीय क्रिकेट के सुनहरे इतिहास में दर्ज हो गया है. पर अगर एक खिलाड़ी की बात की जाए तो इस वक्त वानखेडे में मोहम्मद शमी की शानदार बॉलिंग की चर्ची की जा रही है. स्विंग, शानदार सीम पोज़ीशन और सीम मूवमेंट. भारतीय टीम के ‘लाला’ ने श्रीलंका के खिलाफ़ इन्ही हथियारों से पांच विकेट उड़ा दिए. विकेट तो विकेट, कई नए रिकॉर्ड्स भी अपनी लिस्ट में जोड़ लिए. लेकिन मैदान से ज्यादा शमी की चर्चा मैदान के बाहर हो रही है. क्या सोशल मीडिया, क्या न्यूज़ चैनल्स और क्या अख़बार. शमी के स्ट्रगल्स की कहानी इस वक्त हॉट टॉपिक है.
घुटने की चोट के बीच पिता को खोयासाल 2016 में इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर थी. पांच टेस्ट, तीन वनडे और तीन टी20 खेले जाने थे. शमी टेस्ट टीम का हिस्सा थे. लेकिन टेस्ट सीरीज के बीच में ही शमी को घुटने की चोट के कारण बाहर होना पड़ा. शमी टेस्ट सीरीज़ का चौथा और पांचवां टेस्ट नहीं खेल पाए. शमी के लिए ये एक कठिन दौर की शुरुआत थी. 5 जनवरी 2017 के दिन शमी के पिता तौसीफ अली को दिल का दौरा पड़ा. शमी ने अपने पिता की हार्ट कंडीशन के बारे में ट्वीट कर बताया,
“मेरे पिता को दिल का दौरा पड़ा है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मैं बेंगलुरु से दिल्ली जा रहा हूं. दुआ में याद रखना.”
11 जनवरी को शमी ने एक और ट्वीट किया. इस बार ख़बर दिल को सुकून देने वाली थी. शमी ने लिखा,
“ऑपरेशन सफल हुआ. ईश्वर का धन्यवाद.”
शायद सब कुछ ठीक होने की राह पर था. शमी चोट से रिकवर कर चुके थे. टीम के साथ ट्रेनिंग के लिए भी जुड़ गए थे. इंग्लैंड के खिलाफ तीन टी20 मैचों के लिए टीम का हिस्सा भी बने. 26 जनवरी 2017 को पहला टी20 मैच कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जाना था. लेकिन मैच से पहले ही शमी को टीम का साथ छोड़ना पड़ा. इस बार वजह दिल भारी करने वाली थी. टीम कानपुर में टी20 खेलने की तैयारी कर रही थी. और शमी को अमरोहा के लिए निकलना पड़ा. शमी के पिता तौसीफ गुज़र गए थे.
ऐसी घटना किसी भी खिलाड़ी के लिए करियर डिफाइनिंग हो सकती थी. हम स्टार बैटर विराट कोहली के स्ट्रगल की बात करते हैं. विराट ने पिता के गुजरने के तुरंत बाद आकर अपनी टीम के लिए मैच विनिंग नॉक खेली थी. उस पारी को आज भी याद किया जाता है. पर शमी के लिए ये दौर विराट से बहुत अलग था. शमी का करियर ख़त्म भी हो सकता था. इतना ही नहीं, शमी ने खुद सोच लिया था कि वो क्रिकेट को अलविदा कह देंगे. हर कहानी हाईवे पर चलने वाली स्मार्ट कार की तरह स्मूथ नहीं होती. कहानियां तो गांव की कच्ची सड़कों पर चलने वाले तांगे की तरह गच्चा खाती हुई चलती हैं. हर कहानी में क्लाइमैक्स आता है. शमी के साथ भी ऐसा ही हुआ.
“क्रिकेट छोड़ना चाहता हूं..”भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बोलिंग कोच भरत अरुण ने शमी और पूर्व कोच रवि शास्त्री के बीच हुई एक बातचीत का जिक्र किया. इस बातचीत ने शमी की जिंदगी बदलकर रख दी. शास्त्री से बात करते हुए एक बार शमी ने कहा था कि वो क्रिकेट छोड़ना चाहते हैं. 2018 से पहले शमी की फिटनेस को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे. इंग्लैंड दौरे में घुटने की चोट को लेकर बात हमने पहले की है. शमी चोट से रिकवर कर चुके थे, पर पुरानी फिटनेस वापस नहीं आई थी.
इस दौरान शमी कई बार इंजरी के चलते टीम से बाहर भी रहे थे. क्रिकबज़ से बात करते हुए भरत अरुण ने बताया था,
“2018 में इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले एक फिटनेस टेस्ट हुआ था. शमी उसमें फेल हो गए थे. टीम में उनकी जगह नहीं बची थी. उन्होंने मुझे फोन कर कहा कि वो मुझसे बात करना चाहते हैं. मैंने उन्हें अपने कमरे में बुलाया. वो पर्सनल लाइफ़ में भी परेशानी से जूझ रहे थे. उनकी फिटनेस पर सवाल खड़े हो रहे थे. मेंटली वो कहीं और थे. उन्होंने मुझसे कहा कि वो गुस्सा हैं और क्रिकेट छोड़ना चाहते हैं. मैं तुरंत उन्हें लेकर रवि शास्त्री से मिलने गया.”
अरुण आगे बताते हैं,
“मैंने रवि को बताया कि शमी कुछ कहना चाहते हैं. शमी ने बताया कि वो क्रिकेट नहीं खेलना चाहते थे. हम दोनों ने उनसे पूछा - क्रिकेट नहीं खेलोगे तो क्या करोगे? और क्या आता है तुम्हें? आपको पता है कि बॉलिंग कैसे की जाती है.”
इस पूरी बातचीत में शास्त्री ने शमी से क्या कहा, इस बात का खुलासा भी अरुण ने किया.
“रवि ने उनसे कहा कि अच्छी बात है कि आप गुस्सा हैं. आपकी फिटनेस ठीक नहीं है. जो भी गुस्सा है, उसे अपने शरीर पर उतारो. हम आपको NCA भेज रहे हैं. हम चाहते हैं कि आप वहां जाइए और चार हफ्ते वहीं रहिए. आप घर नहीं जाएंगे, सीधे NCA जाएंगे. ये शमी के लिए सही भी था. कोलकाता जाने में बहुत समस्या थी. उन्होंने पांच हफ्ते NCA में गुज़ारे.”
पांच हफ्ते NCA में गुज़ारने के बाद शमी पूरी तरह रिचार्ज हो चुके थे. मानो ये वरदान रहा हो. अरुण ने आगे बताया,
पत्नी से विवाद“मुझे अभी भी याद है, उसने मुझे फोन कर कहा था, सर मैं घोड़े की तरह दौड़ने लगा हूं. अब मुझे जितना दौड़ाना है, दोड़ा लीजिए. उन पांच हफ्तों में शमी समझ गए थे, कि फिटनेस पर काम कर वो क्या-क्या कर सकते थे.”
शमी का स्ट्रगल सिर्फ उनकी फिटनेस और फील्ड पर परफॉर्मेंस से नहीं जुड़ा था. वो अपने परिवार से भी अलग लड़ाई लड़ रहे थे. उनकी पत्नी ने साल 2018 में शमी के खिलाफ़ घरेलू हिंसा और मैच फिक्सिंग सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद दोनों अलग रहने लगे थे. मामला कोर्ट में गया. उसी साल कोलकाता पुलिस ने शमी से पूछताछ भी की. यहां तक अलीपुर कोर्ट ने उनके खिलाफ़ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था. हालांकि, बाद में वारंट पर रोक लगा दी गई थी.
हसीन जहां इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी. कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि मोहम्मद शमी उनसे दहेज मांगा करते थे. इतना ही नहीं, जहां ने शमी पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफ़ेयर के आरोप भी लगाए. और ये भी दावा किया कि उनके अवैध संबंध अभी भी जारी हैं. हालांकि, शमी ने अपने ऊपर लगे इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
और फिर, वापसी…कहते हैं शमी भाई अलग धातू से बने हुए हैं. वो लगातार इसका सबूत भी देते रहे हैं. 2019 वर्ल्ड कप में शमी ने बेहतरीन बॉलिंग की और ढेर सारे विकेट्स चटकाए. हालांकि, बांग्लादेश के खिलाफ़ सिर्फ एक विकेट लेने के बाद शमी को टीम से बाहर कर दिया गया. सेमीफ़ाइनल में टीम इंडिया को न्यूज़ीलैंड ने हराया.
चार साल बाद वर्ल्ड कप फिर आया है. शमी पहले चार मैच बाहर थे. उसके बाद तीन मैच में 14 विकेट लेकर इस बॉलर ने ढेर सारे रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लिए हैं.
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