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पिच में करा रहे हैं खेल, रोहित-गौतम कैसे करेंगे सैंटनर को फ़ेल?

वानखेडे टेस्ट से पहले, टीम इंडिया ने पिच क्यूरेटर से खास मांग की है. अगर ये मांग पूरी हो गई, तो हो सकता है कि ये टेस्ट तीन दिन में ही खत्म हो जाए. इतना ही नहीं, इस टेस्ट में बल्लेबाजों की शामत भी आ सकती है.

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Mitchell Santner, Rohit Sharma, Gautam Gambhir
मिचल सैंटनर के खतरे के बावजूद, रैंक टर्नर बनवा रहा है भारत! (AP)
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सूरज पांडेय
30 अक्तूबर 2024 (Updated: 30 अक्तूबर 2024, 14:55 IST)
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न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ दो टेस्ट हारने के बाद, टीम इंडिया तीसरे टेस्ट के लिए तैयार है. और इस तैयारी में वानखेडे की पिच भी शामिल है. रिपोर्ट्स आने लगी हैं कि ये पिच किस तरह की हो सकती है. पहले रिपोर्ट्स थीं कि वानखेडे की ये पिच स्पोर्टिंग होगी. यानी इसमें पुणे जैसी स्पिनर्स को मदद नहीं मिलेगी. लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि ये पिच भयंकर टर्न करने वाली हो सकती है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारतीय टीम मैनेजमेंट वानखेडे की पिच से संतुष्ट नहीं है. क्यूरेटर से मांग की गई है कि पिच ऐसी बनाई जाए, जिससे स्पिनर्स को पहले दिन से ही मदद मिले. अख़बार ने एक सोर्स के हवाले से लिखा,

'यह एक रैंक टर्नर पिच होगी. टीम मैनेजमेंट ने रिक्वेस्ट की है कि पिच ऐसी बनाई जाए जो स्पिनर्स को पहले दिन से हैल्प करे. ऐसा लग रहा है टीम अब पुराने जांचे-परखे फ़ॉर्मूले पर वापस जाना चाहती है.'

पुणे टेस्ट में मिचल सैंटनर के आगे पस्त होने के बाद, मैनेजमेंट की ये मांग चौंकाने वाली है. सीरीज़ में सिर्फ़ एक मैच खेल सैंटनर के नाम अब सबसे ज्यादा विकेट हो गए हैं. उन्होंने पुणे टेस्ट में 13 विकेट अपने नाम किए थे. पुणे की पिच पर भारत के सबसे कामयाब बोलर वाशिंगटन सुंदर रहे. जबकि रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गज यहां कुछ खास नहीं कर पाए.

यह भी पढ़ें: रोहित-गंभीर के ऐसे फैसले, टीम में पक्का फूट पड़ेगी!

WTC Finals में पहुंचने के लिए भारत को मुंबई टेस्ट जीतना ही होगा. न्यूज़ीलैंड से दो मैच हार, ये लोग पहले ही अपनी संभावनाएं कम कर चुके हैं. इसके बाद टीम इंडिया को पांच टेस्ट खेलने ऑस्ट्रेलिया जाना है. और ये टूर निश्चित तौर पर बहुत मुश्किल होगा. यही सब देखते हुए वानखेडे में रैंक टर्नर पिच की मांग की गई है.

और ऐसा हुआ तो बल्लेबाजों को बहुत मुश्किलें होने वाली हैं. वानखेडे की लाल मिट्टी की पिच में बढ़िया बाउंस भी होगा. स्पिन के साथ मिलने वाला बाउंस बल्लेबाजों को हमेशा ही परेशान करता है. और अगर पिच में असमान उछाल हुई, फिर तो बल्लेबाजों की शामत आनी पक्की. और ये मैच जल्दी ही खत्म हो जाएगा.

वानखेडे स्टेडियम में पहले भी ऐसी पिचेज़ बनवाई जा चुकी हैं. साल 2004 का भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट कौन भूल सकता है. यहां भारतीय क्रिकेट टीम ने बेहद छोटे लक्ष्य का बहुत आसानी से बचाव कर लिया था. ऑस्ट्रेलिया के लिए इस टेस्ट की दूसरी पारी में पार्ट-टाइमर माइकल क्लार्क ने नौ रन देकर छह विकेट लिए थे. हालांकि चौथी पारी में 107 रन रन के टार्गेट का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया 93 रन ही बना पाई. और ये मैच गंवा दिया. वानखेडे में हुए बीते तीन टेस्ट में से दो, पांचवें दिन तक नहीं गए हैं.

वीडियो: रोहित-गंभीर के राज में न्यूज़ीलैंड ने ऐसे तोड़ी टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी स्ट्रीक!

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