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इंग्लैंड मैच जीत रही थी, फिर अजय जडेजा आया और एक ओवर में मैच पलट दिया

जानिए 1 फरवरी को जन्मे जडेजा के उस क़ातिल ओवर के बारे में, जिसमें उन्होंने तीन विकेट लेकर खुद को भी हैरान कर दिया था.

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अजय जडेजा का वो ओवर भुलाए नहीं भूलता. प्रतीकात्मक इमेज.
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1 फ़रवरी 2019 (Updated: 31 जनवरी 2019, 02:06 IST)
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अजय जडेजा. भारतीय क्रिकेट की मधुर मुस्कान. कुछ ऐसा ही कहा जाता था अजय जडेजा के बारे में जब वो मैदान पर सदा मुस्कुराते रहते थे. उनकी स्माइल इतनी फेमस हो गई थी कि क्रिकेट को नापसंद करनेवाली लडकियां भी उनका मुस्कुराता हुआ पोस्टर अपने रूम में लगाती थीं. 90 के दशक में क्रिकेट में जिन खिलाड़ियों को 'स्टाइलिश' के खिताब से नवाज़ा जाता था, अजय जडेजा उनमें से एक थे.
अजय जडेजा चुनिंदा ग्लैमरस क्रिकेटर्स में से एक हैं.
अजय जडेजा चुनिंदा ग्लैमरस क्रिकेटर्स में से एक रहे हैं.

अजय जडेजा ने बैटिंग से बहुत मैच जिताए इंडिया को लेकिन एक मैच सिर्फ उनकी गेंदबाज़ी के लिए याद किया जाएगा. उस मैच में उन्होंने अपनी टीम, विपक्षी टीम और भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के साथ-साथ खुद को भी हैरान कर दिया था. 9 अप्रैल 1999 को हुआ ये मैच आज भी यादों में ताज़ा है.

वो मैच

शारजाह में तीन देशों का कोका-कोला कप चल रहा था. शारजाह के दो रेगुलर कस्टमर इंडिया और पाकिस्तान के अलावा तीसरी टीम इंग्लैंड थी. 9 अप्रैल को इंडिया-इंग्लैंड का मैच हुआ. उस मैच में सचिन नहीं खेल रहे थे. इंडिया ने पहले बैटिंग की. 50 ओवर में 222 रन बनाए. सिर्फ ओपनर सदागोपन रमेश और कप्तान अजहरुद्दीन चले. दोनों ने पचासे ठोके. उस ज़माने में 220 के आसपास का स्कोर डीसेंट माना जाता था. जवाब देने उतरी इंग्लैंड की टीम के चार विकेट 83 रन पर गिरा लिए थे इंडिया ने. मैच में रस आ गया था. वहां से फ़्लिंटॉफ़ और फेयरब्रदर ने मिलकर कारवां संभाला. इंग्लैंड को जीत के मुहाने तक ले गए. एक वक़्त ऐसा आया कि इंग्लैंड को 24 बॉल में 27 रन चाहिए थे और 4 विकेट हाथ में थे. जिनमें से एक सेट बैट्समैन फेयरब्रदर थे. इक्वेशन आसान लग रहा था. भारत के समर्थकों ने उम्मीद छोड़ दी थी. फिर अजय जडेजा नाम का बवंडर आया.

वो यादगार ओवर

कुछ न काम करता देख कप्तान अजहरुद्दीन ने गेंद अजय जडेजा को दी. सब हैरान थे. जडेजा की रेपुटेशन ऐसी नहीं थी कि उन्हें ऐसे नाज़ुक मौके पर गेंद सौंपी जाए. लेकिन उस दिन इतिहास लिखा जाना था.
ओवर की दूसरी गेंद को उड़ाने के चक्कर में इंग्लिश बल्लेबाज़ क्रॉफ्ट कानिटकर को कैच थमा बैठे. अगली ही गेंद पर 57 रन बनाकर खेल रहे सेट बैट्समैन फेयरब्रदर को उन्होंने द्रविड़ के हाथों लपकवा दिया. इंग्लैंड 8 डाउन था. अगली गेंद खाली गई. ओवर की चौथी गेंद पर नए बल्लेबाज़ डैरेन गॉफ ने 2 रन ले लिए. फिर आई ओवर की पांचवी गेंद. जडेजा की गेंद ने गॉफ के स्टंप उखाड़ दिए. अजय जडेजा पूरे मैदान पर दौड़ते फिर रहे थे. इंग्लैंड का सिर्फ एक विकेट बचा था. जीत के लिए अभी भी 23 रन चाहिए थे. मैच पलट चुका था. अजय जडेजा का बॉलिंग कार्ड था: 1-0-3-3.


बचे हुए एक विकेट को गिराने में भी अजय की भूमिका रही. लास्ट बल्लेबाज़ को रन आउट करने में. अगला ओवर जवागल श्रीनाथ कर रहे थे. उस ओवर की पांचवी गेंद पर ऑस्टिन के मारे शॉट को जडेजा ने बाउंडरी से फुर्ती से लौटा दिया. श्रीनाथ ने स्टंप बिखेर दिए. इंग्लैंड 202 रनों पर ढेर हो गई. भारत ने मैच 20 रनों से जीता.
कहना न होगा कि मैन ऑफ़ दी मैच के लिए किसी और का नाम सोचा भी न गया होगा. अजय जडेजा ही बने. 2000 में फिक्सिंग के काले बादलों में गर्क होने से पहले अजय जडेजा भारतीय क्रिकेट का बेहद चमकदार सितारा थे इसमें कोई शक नहीं.


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