करुणानिधि का दबंग वारिस: स्टालिन
'मुझे कुछ हो जाए तो पार्टी से मुख्यमंत्री पद का दावेदार स्टालिन होगा'
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एम के स्टालिन का जन्म 1 मार्च 1953 को तमिलनाडु में हुआ था. ये एम. करुणानिधि के बेटे हैं. करूणानिधि की दूसरी वाइफ, दयालु अम्मल इनकी मम्मी हैं. इनकी पहचान DMK के एक दबंग नेता के रूप में होती रही है. 2016 विधानसभा चुनावों के लिए खूब प्रचार किया. इनका कहना है कि पार्टी में इनको कोई पद नहीं चाहिए. एक सेवक की तरह पार्टी और प्रदेश की सेवा करने को तैयार हैं.
एम के स्टालिन की ज़िन्दगी से जुड़े कुछ फैक्ट:
1. जब ये पैदा हुए थे, उसी हफ्ते सोवियत रूस के प्रेसिडेंट जोसफ स्टालिन की मौत हुई थी. उन्हीं के नाम पर इनका नाम 'स्टालिन' रख दिया गया.
2. यूनिवर्सिटी ऑफ़ मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया.
3. ये पॉलिटिक्स में 14 साल की उम्र में आ गए थे. उस वक़्त 1967 के चुनावों में अपनी पार्टी का खूब प्रचार किया. 1973 में DMK की जनरल कमेटी में इनको चुना गया.
4. तमिलनाडु की थाउजेंड लाइट्स चुनाव क्षेत्र से 1989 से लेकर अब तक स्टालिन 4 बार चुने गए थे. 1996 में चेन्नई शहर के मेयर बने पहले ऐसे मेयर जो बिना किसी इलेक्शन के चुने गए. उनको डायरेक्ट अपॉइंट किया गया था.
5. स्टालिन की पहचान DMK के एक दबंग नेता के रूप में होती रही है. 2001 में जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं. उस वक़्त स्टालिन विधायक थे. साथ की उनको चेन्नई के मेयर के रूप में फिर से चुना गया.
जयललिता ने तमिलनाडु नगर कानून (संशोधन) एक्ट, 2002 लागू कर दिया. इस एक्ट के हिसाब से कोई भी शख्स एक साथ दो पोस्ट अपने पास नही रख सकता. लेकिन स्टालिन के पास दो-दो पोस्ट थीं. एक तो वो विधायक थे. साथ ही उनको चेन्नई का मेयर भी चुना गया था. लेकिन कोर्ट ने स्टालिन को गिरफ्तार नहीं किया. दलील ये दी कि चूंकि मेयर की पोस्ट पर स्टालिन को डायरेक्ट अपॉइन्ट किया गया था, इस पोस्ट के लिए उनके सामने और कोई भी विपक्षी नहीं था, इसलिए उनपर ये एक्ट नहीं लगाया गया.
6. उन पर हमेशा कोई न कोई मुक़दमा चलता रहा. इमरजेंसी के समय उनको जेल में बंद करके उनकी पिटाई भी की गई थी.
1975 में उनपर MISA (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्यूरिटी एक्ट) लगाया गया.
7. तमिलनाडु की राजनीति में वंशवाद भी बहुत चला. आलोचकों के हिसाब से स्टालिन को पार्टी में शामिल सिर्फ इसलिए किया गया क्योंकि उनके पापा करुणानिधि हैं. पिता के उत्तराधिकार को लेकर स्टालिन और उनके भाई एम.के. मुत्थु और एम. के. अलगिरी के बीच काफी समय तक विवाद चला.
आखिरकार 2013 में करूणानिधि ने ये ऐलान कर दिया कि उनकी मौत के बाद पार्टी के प्रमुख स्टालिन होंगे.
8. मुत्थु और अलगिरी को पार्टी से निकाल भी दिया गया. इसके बाद स्टालिन के पास काफी ताक़त आ गयी थी. वो युवाओं के बीच पार्टी का चेहरा बन गए.
युवाओं को अपनी पार्टी की तरफ लाने के लिए स्टालिन ने एक कूल मेकओवर किया. फॉर्मल शर्ट, ट्राउज़र, स्टाइलिश चश्मा और स्पोर्ट शूज़ पहन कर स्कूटर पर निकले.
9. 2016 के चुनावों के लिए जब नॉमिनेशन हो रहे थे. लोगों को बहुत उम्मीद थी कि इस बार मुख्यमंत्री पोस्ट के लिए DMK की तरफ से शायद स्टालिन का नाम जायेगा. लेकिन पापा करुणानिधि से एक इंटरव्यू में बिल्कुल साफ़ कर दिया था.
पापा करुणानिधि बोले, 'जब तक मैं जिंदा हूं, मैं ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार रहूंगा. स्टालिन का नाम तभी आगे किया जायेगा जब मुझे कुछ हो जायेगा.'
10. पापा करूणानिधि की तरह स्टालिन ने भी तमिल फिल्मों और टीवी सीरियलों में भी काम किया था. उनकी डेब्यू फिल्म थी 1988 में आई 'ओरे रथम'. उन्होंने कुरिंजी मलार और सुरिया नाम के सीरियलों में भी काम किया.