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IPL शतक ने रातोंरात स्टार बनाया, फिर चोट ने बिगाड़ा करियर, कहानी पॉल वल्थाटी की

पहले आंख में चोट से करियर अटका, फिर कलाई...अब ले लिया रिटायरमेंट.

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Paul valthaty, IPL, IPL 2023
पॉल वल्थाटी ने लिया संन्यास (AFP/paulvalthaty)
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रविराज भारद्वाज
18 जुलाई 2023 (Updated: 19 जुलाई 2023, 10:47 IST)
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'मेरी फ्रेंचाइजी, मेरा राज्य, मुझे और अच्छी तरह से हैंडल कर सकते थे...'. ये बात एक इंटरव्यू के दौरान कही सबसे ‘अनलकी’ क्रिकेटर में से एक रहे पॉल वल्थाटी (Paul Valthaty) ने. जी हां, वही वल्थाटी जिन्होंने बेहतरीन शतक लगा एक बार धोनी की CSK से जीता हुआ मैच छीन लिया था.

अब उनको सबसे अनलकी में से एक क्रिकेटर क्यों कहा, ये बात आपको आगे समझ आ जाएगी. फिलहाल आपको ये बता दें कि वल्थाटी ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. IPL 2011 का एक शतक और एक मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का परफॉर्मेंस देने वाला खिलाड़ी अचानक क्रिकेट से कहां गायब हो गया, आज आपको इसकी पूरी कहानी बताएंगे.

पहले उस मैच की बात करते हैं जिसने वल्थाटी को पहचान दिलाई. 13 अप्रैल 2011 को खेले गए मैच में चेन्नई सुपरकिंग्स ने पहले बैटिंग की और स्कोरबोर्ड पर 188 रन टांग दिए. चेन्नई के लिए मुरली विजय ने 43 गेंद पर 74 जबकि सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने 56 गेंद पर 66 रन की पारी खेली. कप्तान धोनी ने आखिरी में अपना हेलीकॉप्टर घूमाते हुए 20 गेंद पर 43 रन कूट दिए. किंग्स इलेवन पंजाब की टीम पुणे वॉरियर्स के खिलाफ अपना पहला लीग मैच हार चुकी थी. और ये मैच जीतना टीम के लिए काफी जरूरी था. ऐसे में पंजाब के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने इस बीच एक बड़ा दांव खेला. रेगुलर ओपनर शॉन मार्श की जगह उन्होंने ओपनिंग की जिम्मेदारी पॉल वल्थाटी को दी.

वल्थाटी का शानदार शतक

पंजाब के प्लेयर ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और जोरदार सेंचुरी ठोकी. महज 63 गेंद में वल्थाटी ने नाबाद 120 रन कूट दिए. पंजाब मैच 5 गेंद रहते आराम से जीता और लड़का रातों रात हीरो बन गया. इस पारी को याद करते हुए वल्थाटी ने Espncricinfo को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मैच के दौरान पूरा क्राउड महेंद्र सिंह धोनी के लिए चीयर कर रहा था, क्योंकि भारत ने हाल ही में विश्व कप जीता था. लेकिन मेरी बैटिंग को देख उन्होंने अचानक मेरा नाम लेना शुरू कर दिया. मैं तुरंत 'सेंटर ऑफ अट्रैक्शन' हो गया था.

साल 2011 का IPL सीज़न वल्थाटी के लिए तगड़ा रहा. वल्थाटी ने 14 मैच में 137 की स्ट्राइक रेट से 463 रन बना डाले. जिसमें 1 शतक और दो अर्धशतक शामिल थे. इसके बाद उनका सेलेक्शन 2011 की चैलेंजर ट्रॉफी के लिए हो गया. लेकिन इस दौरान उनकी कलाई में चोट लग गई. ये चोट उनके करियर के लिए घातक साबित हुई. उन्होंने अपने करियर को बचाने के लिए तमाम कोशिशें की. यहां तक की उन्होंने इंडियन टीम के पूर्व फिजियोथेरेपिस्ट जॉन ग्लॉस्टर से इलाज कराया. उन्हें ऑपरेशन की सलाह मिली लेकिन उन्होंने इसके बजाय इंजेक्शन का सहारा लेना अधिक मुनासिब समझा.

नतीजा ये हुआ कि वल्थाटी के लिए IPL का अगला सीज़न भुला देने वाला साबित हुआ. 6 इनिंग्स में उनके बल्ले से केवल 30 रन ही निकले. हालात ये थे कि वो बल्ला भी ठीक से नहीं पकड़ पा रहे थे. और इससे भी बुरा तब हुआ जब इस सीजन के दौरान वो अपना घुटना चोटिल करवा बैठे. ऐसे में उन्होंने लंदन जाकर सर्जरी करवाई. हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी थी. वल्थाटी को IPL 2013 में केवल एक मैच ही खेलने का मौका मिला. इसको लेकर उन्होंने Espncricinfo से बात करते हुए कहा कि इस दौरान बस निकल चुकी थी. मुझे पता था कि मुंबई मेरा इंतज़ार नहीं करेगा. मैं किसी को दोष नहीं दे रहा लेकिन मुझे लगता है कि मेरी फ्रेंचाइजी, मेरा राज्य, मुझे और अच्छी तरह से हैंडल कर सकते थे. लेकिन शायद भगवान को कुछ और ही मंजूर था.

आंख की चोट से प्रभावित हुआ करियर

पॉल वल्थाटी का सेलेक्शन साल 2002 की अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में भी हुआ था. जहां बांग्लादेश के खिलाफ मैच में एक गेंद उनकी दाईं आंख पर जा लगी थी. जिसकी वजह से उनका रेटिना काफी प्रभावित हुआ और उनका करियर लगभग-लगभग खत्म हो गया था. कई बार लेज़र सर्जरी के बाद उनके विज़न में सुधार तो हुआ, लेकिन वो पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ. करीब चार साल क्रिकेट से दूर रहने के बाद वल्थाटी ने साल 2006 में वापसी की. और अपने पूरे करियर के दौरान डबल विज़न की समस्या से जूझते रहे.

पॉल वल्थाटी ने अपने करियर में 23 IPL मैच खेले. इसमें 22.95 की औसत से 505 रन बनाए, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल रहे. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 120.8 का रहा. जबकि गेंदबाजी की बात करें, तो वल्थाटी ने 7 विकेट हासिल किए. 29 रन देकर 4 विकेट उनका बेस्ट रहा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक वो फिलहाल एयर इंडिया में नौकरी करते हैं. साथ ही वो मुंबई के बाहरी इलाके कांदिवली और ठाणे में दो क्रिकेट एकेडमी भी चलाते हैं. वल्थाटी के करियर को देखते हुए ये कहा जाए किस्मत उनसे पूरी तरह रूठी रही तो ये गलत नहीं होगा. अगर अपने करियर के दौरान वो इतनी बार चोट से नहीं जूझते तो शायद टीम इंडिया को एक सुपरस्टार खिलाड़ी मिल सकता था. खैर, उनको रिटायरमेंट के बाद की पारी के लिए लल्लनटॉप की तरफ से शुभकामनाएं. 

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