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शूटिंग छोड़ने का बना लिया था मन, कोच की सलाह मानी, फिर मनु ने पेरिस में ऐसे गाड़ा झंडा!

Paris Olympics 2024 में Manu Bhaker मेडल्स की हैटट्रिक लगाते-लगाते रह गईं. 14 साल की उम्र में बंदूक थामने वाली भाकर की कहानी बड़ी ही मजेदार है. पेरिस में उनका सफ़र खत्म होने के बाद चलिए ये कहानी जान लेते हैं.

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मनु भाकर पेरिस ओलंपिक्स में मेडल की हैटट्रिक लगाते-लगाते रह गईं(फोटो: PTI)
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रविराज भारद्वाज
3 अगस्त 2024 (Updated: 5 अगस्त 2024, 20:57 IST)
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हरियाणा का झज्जर जिला. इस जिले का नाम सुनते ही ध्यान स्पोर्ट्स की तरफ चला जाता है. इस जगह से निकले कई पहलवानों और मुक्केबाजों ने नेशनल-इंटरनेशनल लेवल पर अपना परचम लहराया है. लेकिन बीते कुछ दिनों से झज्जर एक अलग गेम के चलते चर्चा में है. ये गेम ना तो बॉक्सिंग है और ना ही रेसलिंग.

इस बार झज्जर का नाम ऊंचा किया है शूटिंग ने. इस जिले के गोरिया गांव से आने वाली 22 साल की मनु भाकर (Manu Bhaker) ने 6,543 KM दूर पेरिस में परचम लहरा दिया है. ओलंपिक खेलों के दौरान भारतीय शूटिंग की गोल्डन गर्ल ने एक बार नहीं, बल्कि दो-दो बार तिरंगे की शान बढ़ाई है.

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पेरिस ओलंपिक्स 2024 में तीन इवेंट्स हिस्सा लेने वाली भाकर ने दो बार कांसे पर निशाना लगाया. जरा से अंतर से वह मेडल्स की हैटट्रिक मारते-मारते रह गईं. मनु ने 28 जुलाई को 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था. जबकि 30 जुलाई को उन्होंने सरबजोत सिंह (Sarabjot Singh) के साथ मिलकर अपना दूसरा मेडल जीता. दोनों की जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में कोरिया के शूटर्स को हराया. ऐसे प्रदर्शन के बाद हमने सोचा कि क्यों ना आपको इनके बारे में विस्तार से बताया जाए. तो चलिए

# कौन हैं मनु भाकर?

एकदम शुरू से शुरू करते हैं. मनु का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ. 'मनु' नाम उनकी दादी की तरफ से दिया गया. रानी लक्ष्मीबाई से प्रेरित होकर. जिनका निकनेम भी 'मनु' था. मनु के पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर रह चुके हैं. मनु की स्कूलिंग यूनिवर्सल पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से हुई. साल 2021 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. इसके बाद मनु ने पंजाब यूनिवर्सिटी के डीएवी कॉलेज से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में MA किया. और अभी वह पंजाब यूनिवर्सिटी से ही मास कॉम में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कर रही हैं.

पढ़ाई में काफी तेज मनु स्कूल के दिनों से ही खेलों से जुड़ी रही हैं. 14 साल की उम्र तक उन्होंने टेनिस, स्केटिंग, मार्शल आर्ट्स और मुक्केबाजी जैसे खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. लेकिन रियो ओलंपिक्स 2016 (Rio Olympics 2016) में शूटिंग का गेम देख उन्होंने इसी में में आगे बढ़ने का फैसला किया. रियो ओलंपिक्स 2016 को खत्म हुए हफ्ते भर भी नहीं बीते थे कि उन्होंने अपने पापा से एक पिस्टल लाने को कहा. हमेशा मनु का साथ देने वाले उनके पिता ने मनु को बंदूक खरीदकर दी. और यहीं से सफर शुरू हुआ मनु के दुनियाभर में छा जाने का.

# हिना सिद्धू को चौंकाया

मनु ने शूटिंग में सबसे पहली बार अपने टैलेंट का परिचय दिया 2017 की नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में. जब उन्होंने स्टार शूटर और फॉर्मर वर्ल्ड नंबर-1 हीना सिद्धू को पछाड़ दिया. मनु ने इस टूर्नामेंट के 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में 242.3 का रिकॉर्ड नेशनल स्कोर बनाया. यहां से मनु ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसी साल एशियन जूनियर चैंपियनशिप में मनु सिल्वर मेडल जीता.

जबकि अगले साल ISSF वर्ल्ड कप में डेब्यू करते मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीत लिया. तब उनकी उम्र थी महज 16 साल. मनु ISSF वर्ल्ड कप में गोल्ड जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बनी. बारी जब मिक्स्ड इवेंट की आई तो उन्होंने ओम प्रकाश मिथरवाल के साथ मिलकर गोल्ड पर निशाना लगा दिया.

अब बारी थी गोल्ड कोस्ट में हुए साल 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स की. यहां भी 10 मीटर एयर पिस्टल में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता. नए रिकॉर्ड के साथ. यहां से चाहे यूथ ओलंपिक्स हो या फिर वर्ल्ड कप, मनु ने हर जगह अपना परचम लहराया. साल 2019 में म्यूनिख वर्ल्ड कप के दौरान वो चौथे नंबर पर रहीं. जो कि उन्हें टोक्यो ओलंपिक्स का टिकट दिलाने के लिए काफी था.

# Tokyo Olympics में पिस्टल का धोखा

बारी आई टोक्यो ओलंपिक्स की. मनु से पूरे देश को मेडल की आस थी. क्योंकि वो एक नहीं, बल्कि तीन-तीन इवेंट्स में अपना निशाना लगाने वाली थीं. शुरुआत 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट से हुई. जहां इंडियन शूटर की पिस्टल दगा दे गई. क्वॉलिफाइंग के बीच में वो पिस्टल ठीक कराने गईं. पिस्टल की खामियां दुरुस्त की गई और मनु फायरिंग रेंज में वापस आ गई. लेकिन तब तक लय टूट चुकी थी. ऊपर से 36 मिनट में 44 शॉट पूरे करने थे. मनु ने भरपूर कोशिश की लेकिन फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं.

इसका असर बाकी बचे दो इवेंट्स में भी देखने को मिला. 10 मीटर मिक्सड पिस्टल इवेंट में सौरभ चौधरी के साथ सातवें नंबर पर रहीं. जबकि 25 मीटर पिस्टल इवेंट में वो 15वें नंबर पर रहीं. यानी तीनों इवेंट्स में हार्टब्रेक.यहां से मनु का प्रदर्शन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. 2023 एशियाई खेलों में 25 मीटर पिस्टल में गोल्ड जबकि काहिरा विश्व चैंपियनशिप 2022 में इसी इवेंट्स में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता. लेकिन कई सीनियर लेवल के इवेंट्स में उन्हें निराशा ही हाथ लगी. एशियन शूटिंग चैंपियनशिप 2023 में 25 मीटर पिस्टल में पांचवें स्थान पर रहते हुए उन्होंने पेरिस ओलंपिक्स का कोटा हासिल किया. और पेरिस में उन्होंने जो किया वो अब आप सबके सामने है.

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# शूटिंग छोड़ने का मन

मनु ने मई 2023 में शूटिंग छोड़ने तक का मन बना लिया. लेकिन भला हो उनके कोच और अपने दौर में कमाल के शूटर रहे जसपाल राणा का. जिन्होंने मनु को ऐसा करने से रोक दिया. पेरिस ओलंपिक्स में हिस्सा लेने से ठीक पहले DD को दिए इंटरव्यू में मनु ने बताया,

‘मैंने मई 2023 के आसपास मन बना लिया था कि पेरिस ओलंपिक्स के बाद मैं शूटिंग छोड़ दूंगी. क्योंकि ये खेल से ज्यादा मुझे एक जॉब लगने लगी थी. मैं मेडल जीत रही थी और अच्छा भी खेल रही थी, लेकिन मेरा इस खेल से मन ऊब सा गया था. मैं खुश नहीं थी. लेकिन जब जसपाल सर हमारे कोच बने तो चीजें बदल गई. उन्होंने मुझे काफी कुछ समझाया. मुझे क्या करना चाहिए क्या नहीं. उनकी बातें काफी काम आई. कुछ दिन बाद मैंने ओलंपिक कोटा हासिल किया. जसपाल सर के बिना मेरे लिए ये करना संभव नहीं था.’

# शूटिंग ही क्यों?

अब एक और सवाल जो सबके मन में आता है. जब मनु पढ़ाई और बाकी खेलों में अच्छी थी, फिर शूटिंग ही क्यों. इसका जवाब उन्होंने खुद ही इंटरव्यू में दिया. मनु ने बताया,

‘शूटिंग काफी ट्रांसपेरेंट गेम है. इसमें कोई उम्र की लिमिट नहीं है कि कोई जूनियर है, तो जूनियर के साथ ही खेलेगा या सीनियर है तो केवल सीनियर के साथ. जेंडर को लेकर भी इस खेल में कोई दिक्कत नहीं थी. इसी वजह से मैंने शूटिंग में करियर बनाने का फैसला किया.’

और मनु का शूटिंग में करियर बनाने का फैसला पेरिस ओलंपिक्स 2024 में 140 करोड़ भारतीयों के लिए खुशी लेकर आया है. जहां मनु ने एक नहीं बल्कि दो-दो मेडल लाकर इतिहास रच दिया. वो मेडल हासिल करने वाली पहली महिला शूटर बन गई हैं. वहीं एक ओलंपिक्स में दो मेडल जीतने वाली वो पहली इंडियन एथलीट भी बन चुकी हैं. साथ ही बन चुकी हैं करोड़ों देशवासियों के लिए एक प्रेरणा. साल 2020 में अर्जुन अवार्ड हासिल कर चुकीं मनु जिस तरह का खेल और कॉन्फिडेंस दिखा रही हैं, आगे आने सालों में निश्चित तौर पर वो निश्चित तौर पर देश के लिए कई और तमगे लेकर आएंगी.

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