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मुरलीधरन को कहा 'चकर,' कप्तान राणातुंगा ने बीच मैदान बवाल काट दिया!

बड़ी मुश्किल से मैच जारी रखने पर माने थे अर्जुन.

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Arjuna Ranatunga fought for muttiah muralitharan  vs England in 1999
अर्जुन राणातुंगा (फोटो - Getty Images)
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गरिमा भारद्वाज
24 जनवरी 2023 (Updated: 24 जनवरी 2023, 17:06 IST)
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क्रिकेट. इस गेम में जुनून, अग्रेशन, गुस्सा, बवाल, सबकुछ देखने को मिलता है. इस गेम को Gentleman’s Game बनाने के लिए ICC-MCC ने मिलकर बहुत कोशिशें कीं. लेकिन मज़ाल है, जो ऊपर बताई चीज़ें इस गेम से ज़रा भी कम हुई हो. लेकिन क्रिकेट में मजा भी तो इन्हीं से आता है. ये अलग बात है कि कोई बवाल नहीं चाहता.

लेकिन बवाल से बचना किसके हाथ में है? ये तो होता ही रहता है. और आज का हमारा क़िस्सा भी एक ऐसे ही बवाल का है. सालों पहले एक टेस्ट मैच के दौरान श्रीलंकन कैप्टन ने बीच मैच अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर ले जाने की धमकी दे दी थी.

बात साल 1999 की है. ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और श्रीलंका की टीम्स कार्लटन एंड यूनाइटेड सीरीज़ खेल रही थी. सीरीज़ का आठवां मुकाबला इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेला जा रहा था. मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था. इस रोज अंपायरिंग का काम रॉस एमरसन और टॉनी मैकक्विलन के जिम्मे था.

अंपायर के नाम इसलिए बताए, क्योंकि बवाल तो इन्हीं के कारण कटा था. कैसे? ये आपको आगे पता चलेगा. अभी मैच को शुरू करते है. इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा और 11 ओवर के अंदर उन्होंने एक विकेट गंवा दिया. इसके बाद ग्रेम हिक और निक नाइट ने पारी संभाली.

फोटो - ग्रेम हिक (Getty Images) 

दोनों बैटर्स अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे. और इंग्लैंड के स्कोर को आगे बढ़ा रहे थे. तभी पारी का 17वां ओवर आया. ये ओवर मुथैया मुरलीधरन डाल रहे थे. इस ओवर की तीन गेंदें शांति से गुज़र गईं. लेकिन चौथी गेंद को स्क्वॉयर लेग पर खड़े अंपायर रॉस एमरसन ने नो बॉल करार दे दिया.

रॉस एमरसन ने नो बॉल देने के बाद अपनी कोहनी की तरफ इशारा किया. जैसे वो कह रहे हों कि मुरलीधरन ने ये गेंद थ्रो की है. और ये क्रिकेट के नियमों के हिसाब से गैरकानूनी डिलीवरी है. MCC के नियमों के अनुसार, अगर कोई बोलर दो बार ऐसे गेंद फेंकता है, तो उसको अटैक से हटाना होगा.

खैर, अंपायर एमरसन ने मुरलीधरन पर चकिंग का आरोप लगाया. और इसे देख कप्तान अर्जुन राणातुंगा अंपायर से बात करने के लिए आगे बढ़ आए. मैदान पर कुछ देर तक दोनों के बीच तीखी बहस चली. इस बीच मैदान पर मौजूद दूसरे अंपायर टॉनी मैकक्विलन को भी इस बातचीत का हिस्सा बनाया गया.

इस पूरे समय ऐसा लग रहा था, मानो कप्तान राणातुंगा अंपायर एमरसन को लैक्चर दे रहे हों. और इस बीच उन्होंने अपने खिलाड़ियों को मैदान छोड़ने का इशारा भी कर दिया. राणातुंगा ने इंग्लिश प्लेयर्स से बात की और पविलियन की ओर मुड़ गए. हालांकि सभी प्लेयर्स ने बाउंड्री पार नहीं की थी. और तभी मैच रैफरी वैन डर मर्व मैदान पर आए.

अर्जुन राणातुंगा ने उनसे भी बातचीत की. और क्रिकइंफों की मानें तो अंत में मामला सुलझाने के लिए श्रीलंकन टीम मैनेजर रणजीत फर्नांडो और पीटर वैन डर मर्व के बीच बात हुई. बाउंड्री लाइन के पास से श्रीलंकन क्रिकेट बोर्ड में भी फोन लगाया गया. और क़रीबन 14 मिनट बीत जाने के बाद मैच को फिर से शुरू किया गया.

लेकिन अब मैच का कंट्रोल राणातुंगा के हाथ में था. मुरलीधरन अब अंपायर रॉस एमरसन के एंड से गेंदबाजी करने के लिए आए. क्रिकेट मंथली के अनुसार, राणातुंगा अब एमरसन को बता रहे थे कि उन्हें कहां खड़े होना है.

इस बवाल के बाद मैच फिर शुरू हुआ. इंग्लैंड ने अपने 50 ओवर में तीन विकेट खोकर 302 रन बनाए. इसके बाद जब श्रीलंकन प्लेयर्स बैटिंग करने के लिए आए, तो उनकी पारी में भी खूब अशांति फैली. एक इंग्लिश गेंदबाज का ओवर सात गेंदो का हो गया, खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को हेडबट मारे. तो श्रीलंकन बैटर को रनआउट नहीं दिया गया. और इन विवादों के बाद श्रीलंका ने मैच को एक विकेट से अपने नाम कर लिया.

वीडियो: इन गलतियों को नहीं सुधारा तो फिर हाथ से निकल जाएगा वर्ल्ड कप

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