लॉन्ग जम्प में मुरली श्रीशंकर ने रच दिया भारत के लिए इतिहास
अविनाश साबले ने वो कर दिखाया जिसका फ़ैन्स को इंतज़ार था.

मुरली श्रीशंकर वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय पुरुष लॉन्ग जम्पर बन गए हैं. यूएस के ओरेगन में चल रहे वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पहले ही दिन श्रीशंकर ने इतिहास रच दिया. श्रीशंकर के अलावा 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में अविनाश साबले ने भी पहले दिन के हीट्स में क्वालिफाई कर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली.
श्रीशंकर ने आठ मीटर की छलांग लगाकर ग्रुप बी में दूसरे और पूरे क्वालिफिकेशन में सातवें नंबर पर रहते हुए क्वालिफाई किया. श्रीशंकर के नाम ये इस सीज़न का दूसरा सबसे लंबा जम्प है. उन्होंने अप्रैल में फेडरेशन कप के दौरान 8.36 मीटर की छलांग लगाई थी.
इससे पहले अंजू बॉबी जॉर्ज पहली और इकलौती भारतीय थी जिन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स में लॉन्ग जम्प के फाइनल्स के लिए क्वालिफाई किया था. अंजू ने 2003 में पेरिस में हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान न सिर्फ फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था. बल्कि ब्रॉन्ज़ मेडल भी अपने नाम किया था. अगर श्रीशंकर अपनी बेस्ट छलांग लगाते हैं तो वो भी इंडिया के लिए मेडल जीत सकते हैं.
जेस्विन एलड्रिन और मुहम्मद अनीस याहिया फाइनल्स में क्वालिफाई नहीं कर पाए. ग्रुप ए से क्वालिफाई करने के लिए एलड्रिन ने 7.79मीटर और अनीस ने 7.73मीटर की छलांग लगाई. ये ऑटोमैटिक क्वालिफिकेशन के लिए काफी नहीं था. एलड्रिन और अनीस बेस्ट 12 जंपर्स की लिस्ट से भी बाहर थे.
अविनाश साबले की बात करें तो उन्होंने एक बार फिर वही किया, जिसकी उनसे उम्मीद थी. साबले ने 2019 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान भी फाइनल्स के लिए क्वालिफाई किया था. तीसरी हीट में साबले 8:18:75 टाइमिंग के साथ तीसरे नंबर पर आए. साबले के नाम 3000मीटर स्टीपलचेज़ में नेशनल रिकॉर्ड है. उन्होंने जून में रबात में हुई डायमंड लीग में 8:12:48 के साथ नेशनल रिकॉर्ड बनाया था.
पहले दिन के खेल से एक बुरी ख़बर भी आई है. शॉट पुट में एशिया के रिकॉर्ड होल्डर तेजिंदरपाल सिंह तूर वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप से बाहर हो गए हैं. तेजिंदर को यूएस पहुंचने के चार दिन बाद ही ग्रोइन इंजरी हो गई और वो उससे रिकवर नहीं कर पाए. उन्होंने शॉट पुट इवेंट शुरु होने से पहले दो-तीन ट्रायल थ्रो करने की कोशिश की. लेकिन दर्द के चलते आखिरकार उन्हें बाहर होना पड़ा.
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