मोहम्मद सिराज को इसलिए मिली बुमराह की जगह टीम इंडिया में एंट्री!
बुमराह चोट के कारण टीम से बाहर हो गए थे.
T20 वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा. टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह पीठ की चोट के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ चल रही सीरीज़ से बाहर हो गए हैं. साथ ही उनका वर्ल्ड से भी बाहर रहना तय माना जा रहा है. जिसके बाद तेज गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज (Mohammad siraj) को उनकी जगह टीम में शामिल किया है.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने शुक्रवार, 30 सितंबर की सुबह इस बात का ऐलान किया. इससे पहले गुरुवार को खबर आई थी कि बुमराह चोटिल हैं. और वो वह T20 वर्ल्ड कप में भी नहीं खेल सकेंगे. बुमराह ने हाल ही में चोट के बाद भारतीय टीम में वापसी की थी. लेकिन अब वो फिर से चोटिल हो चुके हैं.
BCCI ने अपने बयान में कहा कि जसप्रीत बुमराह फिलहाल BCCI की मेडिकल टीम की निगरानी में हैं. उनकी तरफ से जारी बयान में कहा गया,
‘इंडियन सेलेक्टर्स ने मोहम्मद सिराज को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ T20I सीरीज़ के लिए चोटिल जसप्रीत बुमराह की जगह टीम में शामिल किया है. बुमराह को पीठ में चोट लगी है और वह फिलहाल BCCI की मेडिकल टीम की निगरानी में हैं.’
सिराज को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ सीरीज़ के बाकी दो मुकाबलों के लिए इंग्लैंड से बुलाया गया है, जहां वो काउंटी क्रिकेट में वॉरकशा के लिए खेल रहे थे. उनके अलावा इस टीम में फास्ट बोलर के तौर पर दीपक चाहर, अर्शदीप सिंह और हर्षल पटेल मौजूद हैं. सिराज ने इस साल फरवरी में श्रीलंका के खिलाफ आखिरी बार T20I मैच खेला था. जिस दौरान उनका प्रदर्शन काफी साधारण रहा था. इसके बाद उन्हें T20I टीम से बाहर बैठना पड़ा.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जारी तीन मैच की सीरीज़ का पहला मैच खेला जा चुका है. जिसमें टीम इंडिया ने आठ विकेट से जीत हासिल की थी. सीरीज़ के बाकी बचे दो मैच, 2 अक्टूबर को गुवाहाटी में और 4 अक्टूबर को इंदौर में खेले जाएंगे.
सिराज की बात करें तो वो बेहद गरीब परिवार से आते हैं. सिराज के पिता ऑटो ड्राइवर थे. जिस वजह से उनके लिए महंगी जगह पर जाकर कोचिंग लेना संभव नहीं था. ऐसे में सिराज ने टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया. वो दिन भर दिनभर क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे. सिराज ने साल 2015 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था.
2016-17 के रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में सिराज ने कमाल की गेंदबाज़ी की थी. उन्होंने इस टूर्नामेंट के नौ मैच में 18.92 की औसत से 41 विकेट लिए थे. वो इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में तीसरे नंबर पर थे. सिराज की बोलिंग में सबसे कमाल की बात थी कि वो लगातार 140KMPH की रफ्तार से गेंद डाल सकते थे.
इस शानदार प्रदर्शन को देखते हुए साल 2017 में सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 2.6 करोड़ की मोटी रकम पर खरीदा था. इस सीज़न में उन्होंने छह मैच में कुल 10 विकेट हासिल किए. साल 2017 में ही सिराज ने भारत के लिए T20I में डेब्यू किया, जबकि साल 2019 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे डेब्यू किया. वहीं साल 2020 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू किया. जो कि उनके करियर का लिए ब्रेकथू साबित हुआ.
ऑस्ट्रेलिया टूर शुरू होने से पहले ही टीम के दो प्रमुख बोलर, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी चोटिल हो गए थे. जिस वजह से सिराज़ को इस टीम में जगह मिली. और ये दौरा उनके लिए किसी सपने की तरह रहा. हैदराबाद का ये तेज गेंदबाज टीम इंडिया के साथ पिछले साल 11 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया रवाना हुआ. लेकिन वहां पहुंचने के कुछ ही दिन बाद, 20 नवंबर को हैदराबाद में उनके पिता का निधन हो गया. ऐसी मुश्किल परिस्थिति में बोर्ड ने उन्हें घर लौटने की छूट दे दी, लेकिन सिराज ने पिता का सपना पूरा करने के लिए टीम के साथ रहने का फैसला किया.
इस टूर पर उन्हें बॉक्सिंग डे टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला. जहां पहले ही मैच में उन्होंने कुल पांच विकेट हासिल किए. जबकि सिडनी में खेले गए अगले मैच में उन्होंने दो विकेट निकाले. इसके बाद बारी आई ब्रिसबेन टेस्ट की. इस निर्णायक मुकाबले से पहले टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज़ मोहम्मद शमी और बुमराह चोट के कारण बाहर हो गए. जिसके बाद मोहम्मद सिराज टीम के लीडिंग बोलर के तौर पर उतरे. उनका साथ देने के लिए टीम में टी नटराजन, नवदीप सैनी और शार्दुल ठाकुर के रूप में तीन अन्य फास्ट बोलर थे.
जिम्मेदारी बड़ी थी. लेकिन सिराज समेत टीम के बाकी खिलाड़ियों के हौसले काफी बुलंद थे. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 369 रन बनाए. सिराज को इसमें महज एक विकेट मिला. जबकि भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 336 रन पर सिमट गई. ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 33 रन की छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बढ़त मिल चुकी थी.
अब पूरी जिम्मेदारी टीम इंडिया के बोलर्स के कंधों पर आ गई. और यहां सिराज ने वो काम किया जिसके लिए उन्हें टीम में मौका दिया गया था. उन्होंने इस पारी में पांच ऑस्ट्रेलियन प्लेयर्स को पविलियन भेज दिया. सिराज ने मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, मैथ्यू वेड, मिशल स्टार्क और जॉश हेजलवुड को आउट किया.
इस शानदार बोलिंग की बदौलत उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में महज़ 294 रन पर रोक दिया. टीम इंडिया को लक्ष्य मिला 327 रन का. जिसे टीम इंडिया ने शुभमन गिल के 91 और ऋषभ पंत के 89 रन की पारी के बदौलत तीन विकेट रहते हासिल कर इतिहास रच दिया. इस सीरीज़ को टीम इंडिया ने 2-1 से अपने नाम किया. सिराज ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू टेस्ट सीरीज़ में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय खिलाड़ी भी बन गए.
उन्होंने जवागल श्रीनाथ का रिकॉर्ड तोड़ा. श्रीनाथ ने साल 1991 में ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू सीरीज में 10 विकेट लिए थे, जबकि सिराज ने कुल 13 विकेट लिए.
जसप्रीत बुमराह के T20 वर्ल्ड कप टीम में नहीं होने से किसको फायदा हो गया?