रिटायरमेंट के बाद सामने आए मनोज तिवारी, कोहली-रोहित का नाम लेकर धोनी को क्यों लपेट लिया?
Manoj Tiwary ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट ले लिया है. तिवारी ने बिहार के खिलाफ रणजी मैच के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया. और जाते-जाते MS Dhoni को लेकर बड़ी बात कह गए.
बंगाल क्रिकेट टीम के कैप्टन मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट (Manoj Tiwary retirement) ले लिया है. तिवारी ने बिहार के खिलाफ रणजी मैच के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया. इस मैच के बाद मनोज तिवारी का एक बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) पर निशाना साधा है.
12 वनडे और तीन T20I खेल चुके मनोज तिवारी ने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टीम इंडिया में मौका नहीं मिलने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा,
“जब भी मुझे मौका मिलेगा, तो मैं महेंद्र सिंह धोनी से पूरी विनम्रता के साथ निश्चित तौर एक सवाल करूंगा. मैं पूछना चाहूंगा कि शतक बनाने के बावजूद मुझे टीम इंडिया से क्यों ड्रॉप किया गया? खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के दौरे में, जब कोई भी रन नहीं बना रहा था. न ही विराट, न ही रोहित और न ही सुरेश रैना. अब तो मेरे पास खोने के लिए भी कुछ नहीं बचा है.”
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तिवारी ने आगे कहा कि डोमेस्टिक में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टेस्ट टीम में मौका नहीं मिला. उन्होंने कहा,
कैसा रहा करियर?“मुझे टीम इंडिया के लिए टेस्ट कैप नहीं मिली. पहले 65 फर्स्ट क्लास मैच में मेरा औसत 65 के आस-पास था. इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई थी. मैंने फ्रेंडली मैच में 130 रन बनाए थे. मैंने इंग्लैंड के खिलाफ फ्रेंडली मैच में भी 93 रन बनाए थे. मैं टेस्ट कैप हासिल करने के काफी करीब था, लेकिन तब इन्होंने युवराज सिंह को चुन लिया. टेस्ट कैप हासिल न कर पाना और सेंचुरी बनाने के बाद अगले 14 मैचों के लिए ड्रॉप कर दिए जाने का मुझे अफसोस रहेगा.”
मनोज तिवारी की बात करें तो वो डोमेस्टिक क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली प्लेयर्स में से एक रहे हैं. हालांकि, इंटरनेशनल क्रिकेट में वो ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए. लगातार चोटों से जूझते रहे तिवारी ने साल 2008 में भारत के लिए अपना डेब्यू किया. अगले 7 साल और आठ अलग-अलग सीरीज मिलाकर उन्होंने भारत के लिए 12 वनडे और तीन T20I मुकाबले खेले. तिवारी के नाम 12 वनडे मैच में 26.09 की औसत से कुल 287 रन रहे. जिसमें वेस्टइंडीज के खिलाफ 104 रन की नाबाद पारी भी शामिल है. हालांकि, शतक लगाने के बाद उन्हें अगला मौका पाने के लिए तकरीबन 7 और महीने इंतजार करना पड़ा. इसके बाद वो टीम में अंदर बाहर होते रहे. तिवारी ने करियर का आखिरी वनडे मैच 14 जुलाई 2015 को जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला.
वहीं डोमेस्टिक क्रिकेट की बात करें तो तिवारी का रिकॉर्ड शानदार रहा है. उन्होंने, 148 फर्स्ट क्लास मैच की 234 इनिंग्स में 47.86 की औसत से कुल 10195 रन बनाए. जबकि 169 लिस्ट A मुकाबलों में उनके नाम 42.28 की औसत से 5581 रन रहे.
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