दुनिया को चौंका, लक्ष्य सेन के एक शॉट ने बताया- क्लच तो वही हैं!
Lakshya Sen. पेरिस ओलंपिक्स 2024 में बेहतरीन खेल रहे भारतीय शटलर. लक्ष्य क्वॉर्टर-फ़ाइनल में पहुंच चुके हैं. लेकिन इस दफ़ा उनके प्रदर्शन के साथ एक और चीज खूब चल रही है. लक्ष्य ने अपने लास्ट ग्रुप मैच में एक कमाल शॉट खेला.
ओलंपिक्स. दुनिया का सबसे बड़ा खेल आयोजन. जितना बड़ा आयोजन, उतना ज्यादा प्रेशर. और इस प्रेशर में आपके सामने वो खिलाड़ी, जो बीती तीन मीटिंग्स में आप पर भारी पड़ा है. नॉर्मल खिलाड़ी ऐसे मौकों पर क्या करते हैं, लड़ने की कोशिश करते हैं. और लड़ने की कोशिश करने वाला ज्यादातर मौकों पर डिफेंसिव होता है.
लेकिन जो लड़ाके होते हैं, जिन्हें पता है कि दुनिया में कोई अपराजेय नहीं है, वो डिफेंसिव नहीं होते. वो खोजते हैं मौके, अपनी कला दिखाने की. दुनिया को बताने की, कि उनके आत्मविश्वास के आगे सब बौना है. और जब भी ऐसा कुछ होता है, तो उसकी चर्चा बहुत दूर जाती है.
ऐसी ही चर्चा हो रही है लक्ष्य सेन की. अल्मोढ़ा का लड़का. जो हर रोज, हर टूर्नामेंट के जरिए बेहतर हो रहा है. बुधवार, 31 जुलाई की बात है. इस लड़के के सामने थे जोनाथन क्रिस्टी उर्फ़ जोजो. जोजो, जो बीते तीन बार से लक्ष्य पर भारी पड़ रहा था.
इस बार भी प्लान यही था. दुनिया के टॉप प्लेयर्स में से एक, जोजो. जो कभी सोल्ज़र, कभी हमराज़ तो कभी टारज़न में हीरो के सामने डट जाता था. उसे एक बार फिर से लक्ष्य को रोकना था. गेम चल रहा था. पहला सेट स्कोर 19-18 से लक्ष्य की ओर. लेकिन एक पॉइंट से क्या होना था. जोजो कभी भी ये पॉइंट बना सकता था.
लेकिन वो कभी भी, आज नहीं होना था. जोजो ताबड़तोड़ शॉट्स जमा रहे थे. और उन्हें उतने ही तगड़े रिटर्न्स भी मिल रहे थे. कि तभी कुछ ऐसा हुआ, कि देखने वाले चौंक गए. ताबड़तोड़ शॉट्स के बीच, एक बार लक्ष्य का रैकेट दाहिनी ओर था, और तभी जोजो का रिटर्न आया बाईं तरफ.
आमतौर पर ऐसे में लोग पूरा शरीर खींचकर लाते हैं. या कोशिश करते हैं कि रैकेट शरीर के क़रीब रहते हुए आगे से शटल वापस कर दे. लेकिन लक्ष्य ने ऐसा नहीं किया. बिजली की गति से उनका हाथ अपनी पीठ की ओर गया. और वहीं से, यानी अपनी ही पीठ के पीछे से ऐसा रिटर्न मारा कि शटल वापस जोजो की ओर.
आम लोगों के लिए ये अप्रत्याशित था, अविश्वसनीय भी. लेकिन लक्ष्य के लिए तो ये आम बात थी. तभी तो, ऐसा शॉट मारने के बाद भी उनके चेहरे पर कुछ खास एक्सप्रेशन नहीं दिखे. उन्होंने आराम से अपना गेम आगे बढ़ाया. मैच फ़िनिश किया और अगले राउंड में पहुंच गए. इस मैच से पहले इस बरस, जोजो ने लक्ष्य को तीन बार हराया था. जबकि ओवरऑल उनके हिस्से लगातार चार हार आई थीं. इस मैच से पहले लक्ष्य ने जोजो को सिर्फ़ एक बार हराया था.
लेकिन जब जरूरत थी, मौका बड़ा था. तो लक्ष्य ने एक बार फिर से दिखा दिया कि वह भारतीय बैडमिंटन की कार में क्लच हैं. बाक़ी एक्सिलेटर और ब्रेक कौन है, ये आप तय कीजिए. BTW राउंड ऑफ़-16 में एचएस प्रणॉय को हराकर लक्ष्य ओलंपिक्स क्वॉर्टर-फ़ाइनल में पहुंच चुके हैं.
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