फोन पर लगे एक वॉलपेपर ने कैसे दिलाया जेरेमी को गोल्ड मेडल?
जेरेमी की जीत में फोन वॉलपेपर का भी एंगल है!

जेरेमी लालरिननुंगा. 19 साल के वेटलिफ्टर जिन्होंने भारत को 67kg कैटेगरी में गोल्ड मेडल जिताया है. भले ही जेरेमी ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीता हो. लेकिन उन्होंने भारत के लिए मेडल्स की झड़ी पहले से ही लगा रखी है. जेरेमी ने 2016 में नेशनल कैंप में चुने जाने के बाद यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन जूनियर चैंपियनशिप और यूथ ओलंपिक्स में इंडिया का झंडा फहराया है. इसमें भी दिलचस्प बात ये है कि जेरेमी की शुरुआत काफी अलग रही. अलग इस तरह से कि जिस खेल में वो भारत के लिए गोल्ड लाए हैं. शुरुआती सालों में उनका रुझान इस खेल की तरफ नहीं था. वो बचपन में बॉक्सिंग किया करते थे.
2002 में जेरेमी का जन्म मिज़ोरम के आइज़ोल में हुआ. पिता लालनेइथलुआंगा बॉक्सर थे. लालनेइथलुआंगा ने भी सब-जूनियर लेवल पर दो नेशनल गोल्ड मेडल जीते हैं. लेकिन लालनेइथलुआंगा का इंडिया के लिए बॉक्सिंग करने का सपना पूरा नहीं हो पाया. इसके बाद लालनेइथलुआंगा ने अपना सपना अपने बच्चों पर नहीं थोपा. स्पोर्ट्स-स्टार के रिपोर्टर जॉनथन से बातचीत करते हुए लालनेइथलुआंगा ने बताया कि
'आठ साल की उम्र में मैंने जेरेमी और उनके भाइयों को वेटलिफ्टिंग या बॉक्सिंग में से एक चुनने को कहा. जेरेमी ने उसी दिन अपनी किस्मत चुन ली.'
बाद में PTI को दिए एक इंटरव्यू के दौरान जेरेमी ने भी बताया,
'मेरे गांव में एक अकैडमी है, जहां कोच वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग देते हैं. मैंने अपने दोस्तों को वेटलिफ्टिंग करते देखा तो मुझे लगा कि यह दमखम का खेल है. इसलिए मुझे भी इसमें उतरना चाहिए.'
बस, इसके बाद शुरुआत से घर में और आसपास खेल के माहौल ने जेरेमी को भारत के लिए मेडल लाने वाला खिलाड़ी बना दिया. 2018 जेरेमी के लिए यादगार साल रहा. उन्होंने जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. साथ ही अर्जेंटीना में यूथ ओलंपिक चैम्पियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. वो पहले भारतीय बने जिन्होंने यूथ ओलंपिक चैंपियनशिप में गोल्ड जीता.
#CWG2022 मे कैसे जीता मेडल?अपने मुकाबले में जेरेमी पहले राइंड से ही लीड बनाए हुए थे. जेरेमी ने स्नैच की पहले लिफ्ट में 136 kg उठा पहले राउंड का सबसे बड़ा लिफ्ट किया. दूसरे प्रयास में जेरेमी ने 140 kg उठा कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड बना दिया. तीसरे में उन्होंने 143 kg उठाने की कोशिश की. लेकिन ये नहीं हो सका. बहरहाल, जेरेमी का 140 kg का लिफ्ट कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड रहा. पहले राउंड के बाद ही जेरेमी ने 10 kg की लीड ले ली थी. इसके बाद आई क्लीन और जर्क की बारी.
क्लीन और जर्क के पहले प्रयास में जेरेमी ने 154 kg उठाया. इस दौरान उन्हें एंकल में चोट लगी. लेकिन फिर भी वो डटे रहे. अगली लिफ्ट में जेरेमी ने कांपतें हुए 160 kg भी उठा दिया. तीसरा अटेम्प्ट 165 kg का था. लेकिन वो इसे पूरा नहीं कर सके. चोटिल जेरेमी स्टेज पर ही गिर गए और उन्हें बाहर ले जाना पड़ा. जेरेमी ने कुल 300 kg वजन उठाया.
हालांकि 300kg उठाने पर भी खेल अभी बाकी था. समोआ के वाइपावा इओने के दो लिफ्ट्स बाकी थे. इओने ने दूसरे प्रयास में 166kg उठाया. कुल वजन हुआ - 293 kg. स्नैच में इओने ने 127 kg उठाया था. आखिरी लिफ्ट के लिए इओने ने 174 kg की कोशिश की. अगर वो ऐसा कर लेते तो 301 kg हो जाता. यानि इंडिया के गोल्ड पर खतरा आ जाता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जेरेमी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया.
वॉलपेपर से कैसे जीता गोल्ड?स्पोर्ट्सस्टार को दिए एक इंटरव्यू में जेरेमी ने बताया था कि उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स के शुरू होने से पहले ही अपने फोन पर गोल्ड मेडल का वॉलपेपर लगा लिया था. चार मई को उन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल को अपने फोन का वालपेपर बनाया. और वो सो के उठते ही और सोने जाने से ठीक पहले ये फोटो लगातार देखते थे. इससे उन्हें देश के लिए गोल्ड मेडल लाने की प्ररणा भी मिली.
फिलहाल जेरेमी इंजरी से रिकवर करेंगे. और इसके बाद पूरा देश चाहेगा कि वो 2023 एशियन गेम्स और 2024 पेरिस ओलंपिक से ठीक पहले फिर से अपने फोन पर गोल्ड मेडल का वॉलपेपर लगा लें.
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