The Lallantop
Advertisement

भारत पस्त, तो बोला कीवी क्रिकेटर- विराट-रोहित के बस का नहीं है सचिन-द्रविड़ जैसा बन पाना!

पुणे टेस्ट की पहली पारी में इंडियन टीम स्पिनर्स के आगे पस्त हो गई. ये लोग डेढ़ सौ रन पर ही सिमट गए. और ऐसा प्रदर्शन देख पूर्व न्यूज़ीलैंड क्रिकेटर साइमन डूल ने एकदम सटीक बात बोली है.

Advertisement
Sachin, Dravid, Rohit-Virat
सचिन-द्रविड़ जैसे नहीं बन पाएंगे रोहित-विराट! (AP, Getty)
pic
सूरज पांडेय
25 अक्तूबर 2024 (Updated: 25 अक्तूबर 2024, 15:10 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

स्पिनर के आगे सरेंडर करने में माहिर हो चुकी इंडियन टेस्ट बैटिंग लाइन-अप फिर से एक्सपोज़ हो गई है. बेंगलुरु टेस्ट हारने के बाद, पुणे में स्पिन ट्रैक बनाया गया. और यहां रोहित टॉस हार गए. पहले बैटिंग कर न्यूज़ीलैंड किसी तरह ढाई सौ के पार गई. लेकिन हमारी महान बैटिंग लाइन-अप के लिए ये रन भी पांच सौ से ज्यादा साबित हुए.

मिचल सैंटनर और ग्लेन फ़िलिप्स ने इंडियन बैटिंग को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. न्यूज़ीलैंड के इन दो स्पिनर्स ने नौ भारतीय बल्लेबाजों को चलता किया. टीम इंडिया अपनी पहली पारी में 156 रन ही बना पाई. टीम के लिए रविंद्र जडेजा ने सबसे ज्यादा, 38 रन की पारी खेली. जबकि शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल ने 30-30 रन का योगदान दिया.

यह भी पढ़ें: रोहित का चला ऐसा सिक्का, गावस्कर को मारनी पड़ी 'सुंदर' पलटी!

न्यूज़ीलैंड की ओर से सैंटनर ने अपने टेस्ट करियर का बेस्ट प्रदर्शन कर दिया. उन्होंने 53 रन देकर सात विकेट निकाले. जबकि ग्लेन फ़िलिप्स को दो विकेट मिले. टिम साउदी के खाते में एक विकेट गया.

सैंटनर ने पिच से मिल रही मदद का पूरा फायदा उठाया और भारत के राइट हैंड बल्लेबाजों को जमकर परेशान किया. जबकि फ़िलिप्स ने पंत और जायसवाल को चलता किया. और ये कमाल बोलिंग देख, न्यूज़ीलैंड के पूर्व पेसर साइमन डूल ने भारतीय बल्लेबाजों की एक बड़ी कमी का ज़िक्र कर डाला.

डूल के मुताबिक मौजूदा भारतीय टीम में पुराने बल्लेबाजों जैसी बात नहीं है. डूल का कहना है कि सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली स्पिनर्स के खिलाफ़ अलग ही लेवल खेलते थे. डूल ने ये भी कहा कि कायदे का स्पिनर देखते ही भारतीय बल्लेबाजों की हालत खराब हो जाती है. उन्होंने जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा,

'मॉडर्न-डे क्रिकेट में ऐसा माना जाता है कि भारतीय स्पिन के कमाल प्लेयर्स हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. सचिन, गांगुली या द्रविड़ वाले दिन जा चुके हैं. अब ये भी बाक़ी दुनिया जैसे ही हैं. जैसे ही कोई अच्छा स्पिनर आता है, उन्हें समस्या हो जाती है. हमने ये IPL में भी देखा है. जैसे ही गेंद स्पिन होने लगती थी, उन्हें दिक्कत हो जाती थी.'

हालांकि, यहां ये भी जानने लायक है कि पुणे की ये पिच बहुत भयंकर टर्निंग भी नहीं है. ऐसा नहीं है कि यहां स्पिनर्स को बहुत ज्यादा मदद मिल रही है. इस बारे में पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा था,

‘दिल पर हाथ रखकर बोल रहा हूं- ये रैंक-टर्नर नहीं है. विकेट पहले दिन की तरह ही लग रहा है, यहां बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. दूसरे दिन क्रैक्स और रफ़ पैच बहुत ज्यादा नहीं हैं. भारत को गेम के कुछ हिस्सों में ज्यादा डिफ़ेंड करने की जरूरत है. आप हर बार अटैक नहीं कर सकते.’

न्यूज़ीलैंड ने अपनी पहली पारी में 259 रन बनाए थे. टीम के लिए डेवन कॉन्वे और रचिन रविंद्र ने पचासे जड़े. टेस्ट के दूसरे दिन टी ब्रेक तक न्यूज़ीलैंड ने दो विकेट खोकर 85 रन बना लिए थे.

वीडियो: सरफराज खान ने की रोहित शर्मा से ये जिद, ऋषभ पंत को बचा लिया!

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement