कैप्टन कपिल देव का वो रिकॉर्ड जो आज तक नहीं टूटा
एक ही पारी में ले लिए थे नौ विकेट.
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7 फरवरी 1999. अनिल कुंबले ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में इतिहास रच दिया. कुंबले ने एक पारी के दस विकेट अपने नाम कर लिए. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा सिर्फ दूसरी बार हुआ. पहली बार इसे इंग्लिश बोलर जिम लेकर ने किया था. दूसरी बार कुंबले ने.
इन दोनों घटनाओं में 43 साल का अंतर है. यह अंतर कम हो सकता था. जी हां, सच में. ये अंतर कम हो सकता था. 1999 से 16 साल पहले साल 1983 में एक भारतीय ही यह कारनामा करने के बेहद करीब पहुंच गया था.
साल 1983. भारतीय क्रिकेट इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण साल. भारत पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना. लगातार दो बार की चैंपियंस वेस्ट इंडीज़ को हराकर भारत ने यह उपलब्धि हासिल की. इसके बाद इसी साल वेस्ट इंडीज़ की टीम भारत दौरे पर आई. फुल रिवेंज मोड ऑन करके.
विंडीज ने टूर की धमाकेदार शुरुआत करते हुए पहला टेस्ट पारी और 83 रन से जीत लिया. दिल्ली में हुआ दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहा. अब तीसरा टेस्ट अहमदाबाद में होना था. भारतीय कप्तान कपिल देव ने टॉस जीता और पहले बोलिंग का फैसला किया.
शुरुआती खेल में फैसला सही होता भी दिखा. विंडीज़ ने सिर्फ 27 रन पर तीन प्रमुख विकेट गंवा दिए. 124 पर चौथा और 134 पर पांचवा विकेट भी गिर गया. लेकिन क्लाइव लॉयड (68) और जेफ डुजों ने 98 रन बनाकर विंडीज को 281 के टोटल तक पहुंचा दिया. जवाब में गावस्कर ने 90 मारे लेकिन टीम इंडिया 241 ही बना पाई.
# कमाल के कपिल
टीम इंडिया को 40 रन से पछाड़ने के बाद विंडीज़ की टीम दोबारा बैटिंग के लिए आई. सबको लगा था कि अपनी दूसरी पारी में विंडीज़ की टीम बड़ा स्कोर बना देगी. लेकिन कपिल के इरादे कुछ और ही थे. मूड में कपिल थे लेकिन शुरुआत कर दी बलविंदर संधू ने. उन्होंने सिर्फ चार के टोटल पर डेसमंड हेंस को संदीप पाटिल के हाथों कैच करा दिया. बस फिर क्या था, बचे हुए नौ के नौ विकेट कपिल के खाते में आ गए. उन्होंने एक के बाद एक, विंडीज़ के नौ विकेट ले डाले. इसके साथ ही कपिल ऐसा करने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय बन गए. उनसे पहले सुभाष गुप्ते और जासु पटेल यह कारनामा कर चुके थे. इतना ही नहीं इस बोलिंग के दम पर कपिल टेस्ट की एक पारी में नौ विकेट लेने वाले पहले कप्तान भी बन गए. यह आज तक किसी कप्तान द्वारा टेस्ट में की गई बेस्ट बोलिंग है.कपिल के आगे वेस्ट इंडीज़ की पूरी टीम 201 पर सिमट गई. भारत को टेस्ट जीतने के लिए 242 रन का लक्ष्य मिला. लेकिन टीम इंडिया इस लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच पाई. इसी टेस्ट की पहली पारी में सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज बने गावस्कर दूसरी पारी में नहीं चले. सिर्फ एक रन बनाकर वह होल्डिंग की बॉल पर LBW हो गए. टीम इंडिया कुल 103 के टोटल पर सिमट गई. अंशुमन गायकवाड़ ने सबसे ज्यादा 29 रन बनाए. कपिल की रिकॉर्डतोड़ बोलिंग और गावस्कर की पर्सनल अचीवमेंट मिलकर भी भारत को जीत नहीं दिला पाई. इस मैच के बाद टीम इंडिया ने एक टेस्ट और हारा. विंडीज़ ने छह टेस्ट मैचों की सीरीज को 3-0 से अपने नाम किया. इतना ही नहीं इस टूर पर हुए पांच के पांच वनडे भी विंडीज़ के ही खाते में रहे.Today in 1983 at the Gujarat Stadium in Motera, Ahmedabad, Kapil Dev claimed his ninth wicket in the West Indies second innings to become the only Test captain to claim 9 wickets in a Test innings. His 9/83 in 30.3 overs are still the best figures by a captain in Test history!
— Mohandas Menon (@mohanstatsman) November 16, 2020