दांव पर होगी फ़ैन्स की जान... कानपुर टेस्ट से पहले आई डराने वाली अपडेट!
भारत-बांग्लादेश कानपुर टेस्ट के लिए तैयार हैं. लेकिन इससे पहले, एक डराने वाली अपडेट आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टेस्ट के वेन्यू, ग्रीन पार्क स्टेडियम के एक स्टैंड का हाल बहुत बुरा है.
भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाले टेस्ट के लिए ग्रीन पार्क स्टेडियम तैयार है. लेकिन क्या सच में? इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें, तो ऐसा नहीं है. ग्रीन पार्क स्टेडियम इस टेस्ट के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है. एक्सप्रेस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट ने एक स्टैंड को खतरनाक करार दिया है.
27 तारीख, शुक्रवार से शुरू होने वाले इस टेस्ट के लिए दोनों टीम्स कानपुर पहुंच चुकी हैं. लेकिन स्टेडियम की तैयारी पर अब सवाल खड़े हो गए हैं. सरकारी ऑफ़िशल्स का मानना है कि ये स्टैंड पूरी कैपेसिटी का लोड नहीं उठा पाएगा. और ये गिर भी सकता है.
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इसे देखते हुए बालकनी सी स्टैंड के आधे से भी कम टिकट बेचे जाएंगे. UPCA के CEO अंकित चटर्जी ने इस बारे में एक्सप्रेस से कहा,
'PWD ने कुछ समस्याएं बताई हैं और हमने इस बात पर सहमति जताई है कि हम बालकनी सी के सारे टिकट्स नहीं बेचेंगे. हमें इस स्टैंड के सिर्फ़ 1700 टिकट बेचने के लिए कहा गया है. इसकी कुल क्षमता 4800 की है. अगले कुछ दिन तक रिपेयर का काम चलता रहेगा.'
PWD के मुताबिक अगर स्टेडियम के इस हिस्से में ठीकठाक संख्या में लोग इकट्ठा हो गए तो बड़ा रिस्क होगा. मंगलवार, 24 सितंबर को कई इंजीनियर्स के समूह ने बालकनी सी स्टैंड में लगभग छह घंटे का समय बिताया था. उन्होंने UPCA को ये स्टैंड बंद करने की चेतावनी दी है.
एक्सप्रेस से बात करते हुए एक PWD इंजीनियर ने कहा,
'अगर ऋषभ पंत के छक्के पर लोग उछलने लगे, तो ये स्टैंड 50 लोगों का वजन भी नहीं संभाल पाएगा. स्टेडियम के इस हिस्से को रिपेयर की बहुत जरूरत है.'
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एक्सप्रेस के मुताबिक, शाम पांच बजे काम खत्म करके मजदूर वापस गए. तो PWD और UPCA, दोनों के ऑफ़िशल्स के बीच सहमति बनी कि ये स्टैंड अपनी पूरी क्षमता का लोड नहीं ले पाएगा. ग्रीन पार्क स्टेडियम का मालिकाना हक़ यूपी सरकार के स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के पास है. हाल के सालों में यहां ज्यादा मैच नहीं हुए हैं.
यूपी को मिलने वाले ज्यादातर मैच अब लखनऊ के नए बने भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में होते हैं. UPCA का काम भी अब इसी नए स्टेडियम से होता है. चटर्जी ने इस बारे में कहा,
'ये स्टेडियम सीधे UPCA के अंडर नहीं है, और हमारे पास मैच से पहले इसे तैयार करने के लिए 40 दिन की विंडो होती है. हमने इस महत्वपूर्ण WTC मैच के लिए इसे तैयार करने की पूरी कोशिशें की हैं.'
एक्सप्रेस के मुताबिक, समस्या इतनी सी नहीं है. स्टैंड के साथ स्टेडियम की फ़्लडलाइट्स में भी दिक्कत है. अगर नेचुरल लाइट खराब हुई, तो समस्या हो जाएगी. पिछली बार जब भारत ग्रीन पार्क में खेला था, तो मैच ड्रॉ करने में खराब लाइट का बड़ा रोल था. आखिरी विकेट के लिए रचिन रविंद्र के साथ एजाज़ पटेल खेल रहे थे. और खराब लाइट के चलते मैच वक्त से पहले रोकना पड़ा.
इस टेस्ट को लगभग तीन साल हो चुके हैं. लेकिन अभी तक फ़्लडलाइट्स ठीक नहीं हुई हैं. स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के एक अफ़सर ने इस पर कहा,
'VIP पविलियन के पास वाली फ़्लडलाइट्स के आठ बल्ब सही से काम नहीं कर रहे हैं. कानपुर में विजिबिलिटी की समस्या हमेशा से रही है. खासतौर से प्रदूषण के चलते. पिछली बार भारत खराब लाइट के चलते न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ जीतते-जीतते रह गया था. और ये तब हुआ, जब सारी फ़्लडलाइट्स जल रही थीं. उम्मीद है कि दोबारा वैसी शर्मिंदगी नहीं होगी.'
बता दें कि दो टेस्ट की सीरीज़ में भारत अभी 1-0 से आगे है. इस सीरीज़ के बाद इन्हें तीन टेस्ट मैच की सीरीज़ में न्यूज़ीलैंड का सामना करना है. ये सीरीज़ भी भारत में ही खेली जाएगी.
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