जब वीडियो गेम्स के चक्कर में पुजारी बन गए चेतेश्वर पुजारा!
मां ने कहा था- लिख लो, हमारा बेटा इंडिया खेलेगा.
चेतेश्वर पुजारा. टीम इंडिया के द वॉल 2.0. टीम इंडिया के लिए पुजारा वो दीवार हैं, जिसको भेदना विरोधी गेंदबाजों के लिए बहुत मुश्किल होता है. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि क्रिकेटिंग करियर से अलग, बचपन में पुजारा को वीडियो गेम्स खेलना बहुत पसंद था. लेकिन उनकी मम्मी उनसे पूजा-पाठ करवाना चाहती थी. और इस चक्कर में उन्होंने एक शर्त भी रखी थी.
पुजारा के बचपन से जुड़ा ये क़िस्सा उनके पिता अरविंद पुजारा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है. पुजारा के सौवें टेस्ट से पहले इस बारे में बात करते हुए अरविंद ने कहा,
‘जब चेतेश्वर बड़ा हो रहा था, तब उनको वीडियो गेम खेलना बहुत पसंद था. जबकि उनकी मां चाहती थीं कि वह थोड़ी पूजा-पाठ कर लें. इस चक्कर में हमारी लड़ाई भी होती थी. मुझे याद एक बार उन्होंने, चेतेश्वर से वीडियो गेम खेलने से पहले कम से कम पांच मिनट पूजा करने के लिए कहा.
ये देख मैंने उन्हें टोका कि ये सही नहीं है. मैंने उनसे कहा, ये ब्लैकमेलिंग है. फिर उन्होंने मुझे समझाया कि मैं उसको ब्लैकमेल नहीं कर रही हूं. वो लाइफ में बहुत सारे स्ट्रगल का सामना करेंगे. मुश्किल समय भी आएगा. मेरा विश्वास कीजिए, पूजा मेडिटेशन जैसा है. और ये जीवन का सामना करने में पुजारा की मदद करेगा. ये ‘सच्चाई का रास्ता’ है. इस रास्ते पर चलना आसान नहीं है.’
बाद में चेतेश्वर ने अपनी मां की बात मान ली. इस क़िस्से पर पुजारा के पिता आगे बोले,
‘जो पुजारा को उनकी मां ने बचपन में सिखाया था वो दुनिया की कोई भी यूनिवर्सिटी नहीं सिखा सकती. अपने दिमाग को कैसे कंट्रोल करना है. मुझे यह सब बहुत बाद में समझ में आया.’
बताते चलें, चेतेश्वर के करियर की शुरुआत में एक दौर ऐसा भी आया था जब उनके पिता उनको दूसरे राज्य से खिलाना चाहते थे. ऐज क्रिकेट ग्रुप में पुजारा ने 5000 से ज्यादा रन बनाए थे. लेकिन इसके लिए उनको कोई रिवॉर्ड नहीं मिल रहा था. जिसके बाद उनके पिता सौराष्ट्र में पुजारा के करियर पर विचार करने लगे थे.
लेकिन उनकी मां को अपने बेटे पर यकीन था. उन्हें पता था कि पुजारा सौराष्ट्र के लिए खेलकर ही रहेंगे. इस बारे मे बताते हुए अरविंद पुजारा ने कहा,
‘नहीं. वो सौराष्ट्र के लिए खेलेगा. लिख लो, हमारा बेटा इंडिया के लिए भी खेलेगा.’
बताते चलें, पुजारा साल 2010 से इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. हालांकि जब वह सिर्फ 17 साल के थे तभी उनकी मां का देहांत हो गया था. और वह पुजारा को भारत के लिए खेलते हुए नहीं देख पाई थीं.
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