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बिहार: रणजी मैच की पिच सुखाने के लिए सुलगाए गोबर के उपले, ये टेक्नीक देश से बाहर नहीं जानी चाहिए!

Bihar Stadium Pitch: बिहार का मोइनुल हक स्टेडियम चर्चा में है. यहां पिच सुखाने का नया तरीका देखने को मिला, जिसके बाद सोशल मीडिया पर जनता मौज ले रही है.

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Groundsmen were seen drying the pitch of Moin-ul-Haq Stadium by burning cow dung cakes.
मोइनुल हक स्टेडियम में गोबर के उपले जलाकर पिच सुखाते ग्राउंड्समैन. (तस्वीर - सोशल मीडिया )
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अभिनव कुमार झा
28 अक्तूबर 2024 (Updated: 28 अक्तूबर 2024, 15:39 IST)
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अगर एक वाक्य में दो शब्द हों, बिहार और गोबर के उपले, तो आप कहेंगे इसमें तीसरा शब्द भी ज़रुर होना चाहिए ‘लिट्टी’. लेकिन, अफ़सोस इस कहानी से ‘लिट्टी’ नदारद है. इस कहानी में बिहार के जमीन के एक टुकड़े में उपले सुलग तो रहे हैं. लेकिन, इसमें लिट्टी नहीं सिक रही है. इससे क्रिकेट की पिच सुखाई (Bihar Cricket Pitch) जा रही है.

पूरा मामला आपको विस्तार में समझाते हैं. दिन-रविवार, 27 अक्टूबर. जग़ह -पटना का मोइनुल हक स्टेडियम. मौका- बिहार और कर्नाटक के बीच रणजी ट्रॉफी के मैच का दूसरा दिन. यहां तक तो सब सही चल रहा था. लेकिन, शनिवार रात हुई हल्की बारिश. और रविवार को देखने को मिला तगड़ा जुगाड़. जब रात की बारिश की वजह से पिच गीली हो गई, तो रविवार सुबह पिच सुखाने के लिए स्टेडियम स्टाफ ने एक बड़े से ट्रे में गोबर के उपले सुलगाए. और ट्रे को पिच पर रख दिया. ताकि, उसकी गर्माहट से पिच सूख जाए. जब इस घटना की तस्वीर सोशल मीडिया पर पहुंची तो हंगामा भी हुआ, आलोचना भी और बतकही भी.

Social media reaction
सोशल मीडिया पर यह अनोखा जुगाड़ चर्चा में बना हुआ है . 
Bihar pitch social media reaction
जनता एक तरफ़  क्रिकेट बोर्ड की आलोचना कर रही है और दूसरी तरफ़ मजे भी ले रही है . 

दरअसल, बिहार और कर्नाटक के बीच 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक मैच खेला जाना है. शनिवार, मैच के पहले दिन का खेल ख़त्म होने तक बिहार की पहली पारी 143 रन पर सिमट चुकी थी. जवाब में कर्नाटक ने बिना कोई विकेट खोये 16 रन बना लिए थे. और आगे जब रविवार को दूसरे दिन खेल शुरू होना था तो नौबत उपले सुलगाने की नौबत आ गई. हालांकि, ये जुगाड़ कामयाब न हो सका. पिच सूख नहीं पाई. पहले खेल को लंच तक रोका गया. और फिर पूरे दिन का ही खेल रद्द कर दिया गया.

घटना की तस्वीर जब सामने आई तो जनता ने BCCI और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर सवाल उठाए. और कुछ ने इस देसी जुगाड़ की तारीफ़ भी की. वैसे बिहार में पिच सुखाने का नायाब नुस्ख़ा पहली बार इस्तेमाल नहीं हुआ है. ये 1996 का साल था. इसी मोइनुल हक स्टेडियम में विश्वकप का मैच जिम्बाब्वे और केन्या के बीच खेला जाना था. और मैच से पहले हो गई भारी बारिश. फिर क्या था! पिच सुखाने के लिए मैदान के ऊपर हेलीकॉप्टर के चक्कर कटवाने के आदेश दिए गए. 

क्रिकेट एक्सपर्ट्स की मानें तो आदर्श स्थिति में पिच सुखाने के लिए सुपर सॉपर रोलर, सबएयर ड्रेनेज सिस्टम, और फायर स्टीम हीटर का इस्तेमाल किया जाता है. फ़िलहाल इस मामले में अपडेट ये है कि मैच फिर से शुरु हो गया है . ख़बर लिखे जाने तक कर्नाटक ने पहली पारी में तीन विकेट खो कर 133 रन बना लिए हैं . 

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