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IPL2025: विदेशी प्लेयर्स पर कसा शिकंजा, चालाकी दिखाई तो पैसे भी कटेंगे और लगेगा बैन!

कई सीज़ंस से IPL फ़्रैंचाइज़ को विदेशी प्लेयर्स ने परेशान कर रखा था. ऑक्शन में बिकने के बाद ये अपना नाम वापस ले लेते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा. साथ ही BCCI ने विदेशी प्लेयर्स की सैलरी पर भी कैप लगा दी है.

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Mitchell Starc, Jose Hazelwood, Pat Cummins, Jay Shah
बीते छोटे ऑक्शन में कमिंस और स्टार्क ने खूब पैसे बनाए थे (PTI File)
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सूरज पांडेय
29 सितंबर 2024 (Updated: 29 सितंबर 2024, 15:15 IST)
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IPL 2025 ऑक्शन से पहले रिटेंशन के नियम आ चुके हैं. और इन नियमों में कुछ ऐसे हैं, जो विदेशी प्लेयर्स की मुश्किलें बढ़ा देंगे. BCCI ने ना सिर्फ़ विदेशी प्लेयर्स पर सख्ती बढ़ा दी है, बल्कि उनके ऊपर खर्च किए जाने वाले पैसों पर कैप भी लगा दी है.

एक नए नियम के मुताबिक ऑक्शन में बिकने के बाद, अगर कोई प्लेयर बिना वैध कारणों के खेलने से मना करता है. तो उस पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. साथ ही विदेशी प्लेयर्स पर मिनी ऑक्शन में हाईएस्ट रिटेंशन प्राइस से ज्यादा पैसे नहीं खर्च किए जा सकते. हाईएस्ट रिटेंशन प्राइस इस वक्त 18 करोड़ रुपये है.

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क्रिकइंफ़ो के मुताबिक, ऑक्शन में बिकने के बाद नाम वापस लेने वाले प्लेयर्स के खिलाफ़ एक्शन की मांग सारी दस फ़्रैंचाइज़ की ओर से आई थी. ये प्लेयर्स ऐन वक्त पर नाम वापस ले लेते थे, और इससे फ़्रैंचाइज़ के प्लांस पर असर पड़ता था. इसे देखते हुए फ़्रैंचाइज़ ने मिलकर, BCCI से ऐसे प्लेयर्स पर कड़ा एक्शन लेने की मांग की थी.

इस बारे में फ़्रैंचाइज़ को मिले डॉक्यूमेंट में लिखा है,

'ऑक्शन के लिए रजिस्टर्ड कोई भी प्लेयर अगर बिकने के बाद, सीज़न की शुरुआत से पहले खुद को अनुपलब्ध बताता है, तो उसे IPL और IPL Auction में भाग लेने से दो सीज़न के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.  इस मामले में इकलौता अपवाद कोई चोट या मेडिकल कंडिशन हो सकती है. और इसका कंफ़र्मेशन खिलाड़ी के घरेलू बोर्ड से लिया जाएगा.'

IPL ने फ़्रैंचाइज़ की एक और सलाह मान ली है. इसमें कहा गया था कि विदेशी प्लेयर्स के लिए मेगा ऑक्शन में रजिस्टर कराना अनिवार्य किया जाए. फ़्रैंचाइज़ के मुताबिक इससे प्लेयर्स द्वारा मिनी ऑक्शन में आकर ज्यादा पैसे बनाने की आदत पर लगाम लगेगी. बता दें कि बीते मिनी ऑक्शन में ही इसके उदाहरण देखने को मिले थे. इसमें सनराइजर्स हैदराबाद ने पैट कमिंस के लिए 20.50 करोड़ जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स ने मिचल स्टार्क के लिए 24.75 करोड़ रुपये खर्चे थे.

ऐसी घटनाएं रोकने के लिए दो चीजें की गई हैं. पहली तो ये कि अगर कोई विदेशी प्लेयर मेगा ऑक्शन में रजिस्टर नहीं होता है, तो उसे मिनी ऑक्शन के लिए रजिस्टर नहीं होने दिया जाएगा. इस बारे में कहा गया,

'सारे विदेशी प्लेयर्स को बिग ऑक्शन में रजिस्टर होना होगा. अगर कोई प्लेयर ऐसा नहीं करता है तो वह स्मॉल ऑक्शन का हिस्सा भी नहीं बन पाएगा. इस मामले में इकलौता अपवाद कोई चोट या मेडिकल कंडिशन हो सकती है. और बड़े ऑक्शन से पहले इसकी पुष्टि प्लेयर का होम बोर्ड करेगा.'

साथ ही मैक्सिमम फ़ीस का ज़िक्र करते हुए डॉक्यूमेंट में लिखा है,

'छोटे ऑक्शन में किसी भी विदेशी प्लेयर की ऑक्शन फ़ीस बड़े ऑक्शन की हाईएस्ट रिटेंशन फ़ीस या हाईएस्ट ऑक्शन प्राइस, में से जो कम रहे, उससे कम होगी. अगर बड़े ऑक्शन में हाईएस्ट ऑक्शन प्राइस 20 करोड़ होगी, तो ये कैप 18 करोड़ (हाईएस्ट रिटेंशन प्राइस) रहेगी. अगर बड़े ऑक्शन में हाईएस्ट ऑक्शन प्राइस 16 करोड़ है, तो ये कैप 16 करोड़ होगी.'

इस नियम में एक और मजेदार बात है. ऐसा नहीं है कि मैक्सिमम फ़ीस तक पहुंचने के बाद ऑक्शन रुक जाएगा. ये चलता रहेगा. मैक्सिमम फ़ीस से ऊपर के सारे पैसे BCCI द्वारा प्लेयर्स वेलफ़ेयर में इस्तेमाल के लिए रख लिए जाएंगे. यानी अगर कोई प्लेयर कैप से चार करोड़ ज्यादा में बिकता है, तो ये चार करोड़ फ़्रैंचाइज़ के पर्स से निकलकर BCCI के पास आ जाएंगे.

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