भारत के खिलाफ ऐसी हार, श्रीलंका में पूरा क्रिकेट बोर्ड साफ हो गया!
दिवाली वाले महीने में नौकरी जाने का दुख कोई इनसे पूछे.
World Cup 2023 में श्रीलंका की टीम के नक्षत्र ताश के पत्तों की तरह नज़र आ रहे हैं. एक बार विकेट गिरना शुरु होते हैं, तो टीम सीधे ऑल आउट होकर ही रुकती है. फैंस का गुस्सा लाज़मी है. और इस लाज़मी गुस्से के चलते मोहन डी सिल्वा सहित पूरे श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड को ही चलता कर दिया गया है.
श्रीलंका के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने सोमवार, 6 नवंबर को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के सभी सदस्यों को बर्खास्त कर दिया. रणसिंघे ने कहा,
‘’उन सब को खुद ही इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. उनके पास पद पर रहने का कोई भी नैतिक अधिकार नहीं है.''
1996 के बाद वर्ल्ड कप ना जीतने के लिए भी रणसिंघे ने बोर्ड को ही जिम्मेदार ठहराया है. उनके ऑफिस से एक स्टेटमेंट जारी हुआ जिसमें वर्ल्ड कप 1996 में श्रीलंका को जिताने वाले कप्तान अर्जुन रणतुंगा को अंतरिम बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है. यह बोर्ड वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खराब परफॉरमेंस की जांच करेगी.
बोर्ड के सेक्रेटरी मोहन डी सिल्वा के इस्तीफे के बाद श्रीलंका क्रिकेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने एक सात मेम्बर्स वाला पैनल बनाया है. इस पैनल में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और बोर्ड के पूर्व प्रेसीडेंट शामिल हैं.
रणसिंघे ने यह फैसला तब लिया जब श्रीलंका की टीम वर्ल्ड कप 2023 में अपने सात में से 5 मैच हार चुकी है. सेमीफाइनल खेलने की उम्मीद भी लगभग खत्म ही हो चुकी है.
इस घटनाक्रम से पहले भी रणसिंघे बोर्ड पर भ्रष्टाचार और धोखेबाजी के आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने कहा,
‘’श्रीलंकाई टीम अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, मैच फिक्सिंग की शिकायतों से घिरी हुई है.''
श्रीलंका के खेल मंत्री ने ICC के सभी सदस्यों को पत्र भी लिखा है. बता दें कि रणसिंघे को आईसीसी द्वारा गठित तीन मेम्बर्स वाली कमिटी को वापस लेना पड़ा था. बोर्ड पर लगे भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित इस कमिटी पर राजनीतिक दवाब के आरोप थे. फिलहाल इस पर ICC ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.