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एलन मस्क की कंपनी का नया मिशन, स्पेस में बाहर 'टहल कर' इतिहास बनाने वाले हैं

SpaceX Polaris Dawn: अमेरिकी टेक दिग्गज एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स का नया मिशन चर्चा में है. इस मिशन में पहली Private Space Walk को अंजाम दिया जाने वाला है.

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पहली प्राइवेट स्पेस वॉक होगी (तस्वीर: स्पेस-एक्स)
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राजविक्रम
10 सितंबर 2024 (Updated: 10 सितंबर 2024, 17:13 IST)
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अमेरिकी स्पेस-टेक कंपनी SpaceX का पोलरिस डॉन मिशन (Polaris Dawn) लॉन्च हो चुका है. इतिहास में दर्ज होने वाला मिशन. क्यों? क्योंकि पहली बार आम नागरिक अंतरिक्ष में टहलने वाले हैं. बोले तो स्पेस-वॉक.

अरबपति जैरेड आइज़ैकमैन ने इस मिशन में काफी पैसा लगाया है. वो इस उम्मीद में हैं कि स्पेस-एक्स के ड्रैगन कैप्सूल (dragon capsule) से बाहर निकलकर ये रिकार्ड बनाएं. खैर, अब ये प्राइवेट स्पेस वॉक (space walk) इतनी चर्चा में हैं, जान ही लिया जाए कि ये स्पेस वॉक होती क्या चीज है?

स्पेस-वॉक और मून-वॉक का नाता क्या?

नाता जानने से पहले इस मिशन का बेसिक जान लेते हैं. एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स के इस मिशन में कोई भी प्रोफेशनल एस्ट्रोनॉट नहीं हैं. यानी NASA, ISRO वगैरह जैसी स्पेस एजेंसी के पेशेवर एस्ट्रोनॉट्स इस मिशन में नहीं हैं. 

फिर कौन है? 10 सितंबर को लॉन्च हुए इस मिशन में एक व्यापारी है, एक फाइटर पायलट है और दो स्पेस-एक्स के कर्मचारी. 

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ये सभी ड्रैगन कैप्सूल में बैठकर स्पेस के लिए उड़ान भर रहे हैं. कुल 5 दिनों का मिशन है. इसमें धरती से 1,400 किलोमीटर ऊपर के ऑर्बिट तक जाने की कोशिश की जाएगी. बताया जा रहा है कि ये ड्रैगन क्राफ्ट की अब तक की सबसे ऊंची उड़ान है, जिसमें ऐस्ट्रोनॉट्स भी सवार होंगे. NASA के अपोलो मिशन्स के बाद ऐसा करने वाला ये पहला मिशन भी होने वाला है.

इसमें स्पेस-एक्स के स्टारलिंक प्रोजेक्ट (Starlink) का टेस्ट भी किया जाएगा. स्टारलिंक, सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सुविधा मुहैया करवाने का प्रोग्राम है. 

हर मिशन का हासिल होता है कि कुछ रिसर्च और एक्सपेरिमेंट्स हों. इस मिशन में 31 अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स मिलकर 36 रिसर्च और एक्सपेरिमेंट्स करेंगे. और, इन खोजों से होगा क्या? इनसे स्पेस को समझने में मदद मिल सकती है. और, तमाम ताम-झाम के साथ इस मिशन में होगी — एक स्पेस-वॉक.

स्पेस-वॉक माने?

इत्ता तो आप जानते ही हैं कि स्पेस में भेजे जाने वाले क्राफ्ट्स में कभी इंसान होते हैं, कभी नहीं. जाहिर सी बात है, खर्च और खतरों के चलते कुछ ही मिशन्स में एस्ट्रोनॉट्स को भेजा जाता है. जिन मिशन में वो जाते हैं, उनमें भी ज्यादातर समय क्राफ्ट के भीतर ही रहते हैं. 

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लेकिन कई बार कुछ जरूरी काम या किसी खराबी के चलते एस्ट्रोनॉट्स को क्राफ्ट या स्पेस स्टेशन से बाहर निकलना पड़ सकता है. इस दौरान वो क्राफ्ट से बाहर निकलकर स्पेस में होते हैं. इसे ही स्पेस वॉक कहा जाता है. स्पेस वॉक तो केजुअल नाम है. इसे असल में EVA या एक्सट्रावीकलर एक्टिविटी (extravehicular activity) भी कहा जाता है.

साल 1998 से लेकर अब तक इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में 270 स्पेस वॉक की गई हैं. ये कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक की हो सकती हैं. सबसे लंबी स्पेस वॉक 12 मार्च, 2001 को जेम्स वॉस और सुजैन हेल्मस ने की थी. 8 घंटे और 56 मिनट की स्पेस वॉक.

स्पेस-एक्स के इस मिशन में आइजैकमैन दो घंटे की स्पेस वॉक करने वाले हैं. लेकिन वो 700 किलोमीटर के लोवर ऑर्बिटल पर होगी. इस स्पेस वॉक में उनके साथ स्पेस-एक्स की इंजीनियर सारा गिल्स भी होंगी. दोनों स्पेस-एक्स के सूट से लैस होंगे. उनके हेलमेट पर कैमरे भी लगे होंगे, जो इनकी हलचल रिकॉर्ड करेंगे.

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