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साथ शिकार करने निकली थी मछली, ऑक्टोपस ने 'घूंसा' जड़ दिया, वजह चौंका देगी

लाल सागर (Red sea) में ऑक्टोपस और मछलियों के साथ शिकार करने का मामला देखा गया है. वहीं जब कोई मछली इधर-उधर भटकती है, तो ऑक्टोपस उसे घूंसा मारकर वापस शिकार में लगा देता है. ऐसा दावा भी किया जा रहा है.

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साल 2018 और 2019 में साइंटिस्ट्स ने पहली बार ये मजेदार मामला नोटिस किया था.
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राजविक्रम
24 सितंबर 2024 (Updated: 24 सितंबर 2024, 15:23 IST)
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समंदर की गहराई, कुछ अंधेरा और तल. वहीं गश्त लगाते कुछ जीव. कुछ मछलियां हैं और एक ऑक्टोपस है. ये सब कर क्या रहे हैं? ये निकले हैं शिकार पर. पूरा झुंड का झुड. सब कुछ ठीक चल रहा होता है - जब तक एक मछली अपनी जगह से निकल कर, मनमानी करने लगती है. फिर होता है बवाल. ऑक्टोपस अपने आठ हाथों में से एक उठाता है. और घुमा के एक घूंसा मछली को जड़ देता है. मछली फिर अपनी जगह पर आकर साथियों के साथ शिकार में जुट जाती है. 

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साथ शिकार करने के पीछे कई मत हैं  (credit: Eduardo Sampaio/Nature)

नेशनल जियोग्राफिक के मुताबिक, साल 2018 और 2019 में साइंटिस्ट्स ने पहली बार ये मजेदार मामला नोटिस किया था. जिसके बाद नेशनल जियोग्राफिक के खोजी एडवार्डो सैंपाइयो (Eduardo Sampaio) ने लाल सागर में इस जीवों को जानने में रुचि दिखाई. 

बड़ा सवाल ये था कि ये मछलियां सच में ऑक्टोपस के साथ मिलकर शिकार कर रही थीं. या फिर ये बस ऑक्टोपस के पीछे-पीछे घूम रही थीं.

लाल सागर में दो कैमरे

अब सच की तह तक जाने के लिए, हाल ही में सैंपाइयो और उनके साथियों ने लाल सागर के तल तक - दो कैमरा रिग सेट अप किए. और इन ऑक्टोपस के शिकार करने को फॉलो किया, तमाम वीडियो रिकॉर्ड किए. 

और सैकड़ों फुटेज को देखने के बाद टीम ने दावा किया कि ऑक्टोपस मछलियों के साथ मिलकर शिकार करते हैं. नेचर में छपी इस रिसर्च के मुताबिक, आमतौर पर इस गुट में एक ऑक्टोपस और 10 से 2 मछलियां हो सकती हैं. 

इस बारे में पुर्तगाल की लिसबन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर सैंपाइयो का कहना है, 

शिकारी जैसे कि गोटफिश खाने को खोजती हैं. वहीं ऑक्टोपस बेसिकली सब के लिए खाना (पत्थर वगैरह हटाकर) बाहर निकालता  है. 

वो आगे बताते हैं कि अगर गुट चल रहा है, तो सब ठीक और खुश रहते हैं. लेकिन कभी-कभी कुछ शरारती तत्व काम खराब करने में लग जाते हैं. ये छापेमार शिकारी शिकार के बाहर आने का इंतजार करते हैं. लेकिन अगर कोई मछली सही से ना चले तो इससे शिकार धीमा पड़ सकता है. 

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बकौल सैंपाइयो जब कोई मछली शिकार में साथ नहीं देती तो उसे घूंसा पड़ता है. साफ है कि ऑक्टोपस यह समझता है कि कौन सी मछली साथ दे रही है या नहीं.

बुलडोजर ऑक्टोपस 

लेकिन सभी एक्सपर्ट्स इस थ्योरी के साथ इत्तेफाक नहीं रखते हैं. इस बारे में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ लेथब्रिज की जेनिफर मेथर नेशनल जियोग्राफिक से बताती हैं. ऑक्टोपस के व्यवहार को समझने से जुड़ी रही मेथर कहती हैं, 

ऑक्टोपस किसी बुलडोजर की तरह शिकार करते हैं. वो तल से मलबा हटाते चलते हैं, जिससे शिकार डरकर चारों तरफ भागते हैं. वो कहती हैं कि पहले की रिसर्च्स में देखा गया है कि ये मछलियां ऑक्टोपस के साथ शिकार नहीं करतीं. बल्कि उसके ऊपर निर्भर रहने वाली, उसका पीछा करने वाली होती हैं. 

बकौल मेथर उन्होंने अपनी रिसर्च में देखा है कि ऑक्टोपस ज्यादा पास आने वाली मछलियों को चमाट मारते हैं. उन्होंने मछलियों को भी ऑक्टोपस पर हमला करने का प्रयास करते देखा है.

अब ये ऑक्टोपस की प्यार भरी थपकी है, ताकि मछलियां साथ में शिकर कर सकें. या फिर गुस्से भरा चमाट. ये बातें तो आने वाले वक्त में ही शायद साफ हों. वैसे आपको क्या लगता है ये प्यार है या मार?

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