'सुबह के तारे' को समझने के लिए मिशन भेजेगा भारत, चार बड़े प्रोजेक्ट्स को मिली हरी झंडी
India In space: Chandrayaan missions के बाद, भारत दूसरे खगोल पिंडों के पास भी अपने यान भेजने की तैयारी में है. अब Union Cabinet ने चार बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए राशि मुहैया करवाने की घोषणा की है.
भारत स्पेस एक्सप्लोरेशन की फील्ड में एक और उपलब्धि की ओर बढ़ने को है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) को हरी झंडी दे दी है. यानी अब Venus या शुक्र ग्रह को एक्सप्लोर करने के लिए ISRO को नई राह मिली है. साथ ही चांद पर इंसानों को भेजने और भारतीय स्पेस स्टेशन को लेकर भी कुछ घोषणाएं की गई हैं.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस की अगुवाई वाले - इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में एक साइंटिफिक स्पेस क्राफ्ट को वीनस का चक्कर लगाने के लिए भेजा जाएगा.
बताया जा रहा है कि 1,235 करोड़ रुपये के बजट वाला ये मिशन, मार्च 2028 में लॉन्च किया जाने वाला है. इस बजट में से 824 करोड़ रुपये स्पेस क्राफ्ट के डेवलपमेंट के लिए दिए जाएंगे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस स्पेस क्राफ्ट के डेवलपमेंट और लॉन्च को देखेगा.
कई बड़े कदमइंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस मिशन के साथ-साथ यूनियन कैबिनेट ने चांद के लिए अगले मिशन - गगनयान मिशन और भारतीय स्पेस स्टेशन - को सेट-अप करने से जुड़े, कुल चार बड़े प्रोग्राम्स को मंजूरी दी है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताते हुए कहा,
ये सभी मिशन तय समय सीमा में होने हैं. और इन सभी में अच्छी प्रोग्रेस हुई है.
वीनस ऑर्बिटर मिशन (VOM) का उद्देश्य इस ग्रह की सतह, वातावरण और सूरज के असर वगैरह को समझने का होगा. माना जाता है कि धरती की तरह इस ग्रह में जीवन की संभावना को तलाशा जा सकता है. या शुरुआती दिनों में रहे वातावरण को समझा जा सकता है कि इसमें क्या बदलाव हुए होंगे?
इन बदलावों को जानकर, दोनों ग्रहों के विकास को समझने में मदद मिल सकती है.
वहीं अगर चंद्रयान-4 मिशन की बात करें तो इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इस मिशन को 36 महीनों के लिए 2,014 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. वहीं भारत के स्पेस स्टेशन, भारतीय अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन (BAS) की स्थापना का लक्ष्य साल 2035 तक रखा गया है. वहीं साल 2040 तक चांद पर क्रू को लैंड कराने का लक्ष्य भी रखा गया है.
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स्पेस डॉटकॉम के मुताबिक, पुराने जमाने में वीनस ग्रह को दो अलग-अलग तारे के तौर पर देखा जाता था. इवनिंग स्टार या शाम का तारा और मार्निंग स्टार या भोर का तारा. यह सूरज से दूसरा सबसे पास ग्रह है. और सबसे गर्म और चमकीला भी है.
इस ग्रह का नाम प्यार और सुंदरता की रोमन देवी के नाम पर रखा गया था. बताया जाता है कि यह हमारे सोलर सिस्टम का इकलौता ग्रह है, जो किसी महिला के नाम पर है.
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