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मंगल ग्रह से कैसा दिखता है सूर्य ग्रहण, धरती से ही देख लीजिए!

मंगल ग्रह के दो चांद हैं. अब चांद है, तो कभी ना कभी ये मंगल और सूरज के बीच में आएगा ही. और जब ऐसा होता है तो ग्रहण दिखेगा. अब ये सूर्य ग्रहण मंगल पर कैसा दिखता है?

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mars solar eclipse
नासा के रोवर ने मंगल से भेजी तस्वीरें
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राजविक्रम
17 अक्तूबर 2024 (Updated: 17 अक्तूबर 2024, 23:28 IST)
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धरती से सूर्य ग्रहण (solar eclipse) की तमाम तस्वीरें आपने देखी होंगी. कभी चांद हमारे सूरज को ऐसे ढक लेता है कि आकाश में जलती एक अंगूठी सी नजर आने लगती है. इसे संज्ञा भी दी जाती है, ‘रिंग ऑफ फायर’(Ring of fire). धरती से देर-सवेर आपने कभी सूर्य ग्रहण तो देखा ही होगा या देख लेंगे. मगर अगर आप कभी Elon Musk भाई की तिकड़म से आने वाले सालों में मंगल ग्रह पर पहुंच जाएं, तो आपको वहां सूर्य ग्रहण कैसा नजर आएगा? दिखाते हैं और ये भी बताते हैं, ये तस्वीरें ली कैसे गईं.

मंगल ग्रह के दो चांद हैं- फोबोस(Phobos), डेमोस (Deimos). अब मंगल ग्रह में चांद है, तो कभी ना कभी ये मंगल और सूरज के बीच में आएगा ही. और जब ऐसा होता है, तो इसे कहते हैं ग्रहण. जिसकी तस्वीरें हाल ही में सामने आई हैं.

Space के मुताबिक तीस सितंबर को नासा के पर्सिवरेंस रोवर ने अपना मास्टकैम-ज़ी कैमरा आसमान की तरफ घुमाया. ताकि मंगल ग्रह से दिखने वाले सूर्य ग्रहण को कैप्चर कर सके. जिसमें मंगल ग्रह का चंद्रमा फोबोस सूरज को आंशिक रूप से मूंद पा रहा था. 

mars moon
मंगल ग्रह पर सूर्य ग्रहण का नजारा. (Image credit: NASA/JPL-Caltech/ASU)

कई फोटोज़ की सीरीज़ में आप देख सकते हैं कि कैसे फोबोस का आलू जैसा अनोखा आकार नजर आ रहा है. यह मंगल के दो चांदों में से बड़ा वाला है और हमारे चांद जैसा गोल सा नहीं है. देखने में ये किसी एस्टेरॉयड जैसा कुछ लगता है. 

mars moon
 (Image credit: NASA/JPL-Caltech/ASU)

इसकी लंबाई है करीब 27 किलोमीटर, चौड़ाई 22 किलोमीटर और ऊंचाई 18 किलोमीटर बताई जाती है. लेकिन यह मंगल ग्रह का चक्कर काफी पास से लगाता है. कहें तो औसत करीब 6,000 किलोमीटर की दूरी से. वहीं धरती का चांद औसत करीब 3 लाख 84 हजार किलोमीटर दूरी पर चक्कर काटता है. 

साथ ही हमारे चांद के मुकाबले फोबोस चक्कर भी तेजी से काटता है. एक दिन में तीन चक्कर पूरे कर लेता है.

nasa phobos
देखने में ये आलू जैसा कुछ लगता है (Image: Nasa)

ये भी पढ़ें: चांद पर पानी तो है नहीं तो फिर वहां की धूल इतनी चिपकती क्यों है?

भले फोबोस दूसरे ग्रहों के चांदों जैसा ना लगे. लेकिन इसकी सूरत पर मत जाइए ये चांद है. हालांकि फोबोस का बनना एक रहस्य है. कुछ साइंटिस्ट फोबोस को एक एस्टेरॉयड मानते थे, जो मंगल के गुरुत्वाकर्षण की जद में आकर फंस गया होगा और इसका चांद बन बैठा होगा.

लेकिन क्योंकि इसकी कक्षा या ऑर्बिट लगभग परफेक्ट है. इसलिए इस संभावना को नकार दिया गया. काहे कि अगर यह कोई पकड़ा गया एस्टेरॉयड होता, तो इसका ऑर्बिट रेगुलर नहीं होता. एक थ्योरी बताती है कि ये चांद मंगल ग्रह से पिंडों के टकराने के बाद निकले मलबे से बना होगा.

वीडियो: NASA ने मंगल पर पैराशूट से क्या सीक्रेट मैसेज भेजा जिसे फैंस ने डिकोड कर लिया?

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