पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर ताकि टाटा इंडस्ट्रीज में काम करें, फिर भाभा कैसे भौतिक विज्ञान के रास्ते पर पहुंचे?
Homi J. Bhabha दूसरे खत में अपने पिता को लिखते हैं कि मैं भौतिक विज्ञान पढ़ने की इच्छा के तले दबा जा रहा हूं. वो यहां तक कहते हैं कि उनकी एक ‘सफल’ इंसान बनने की कोई इच्छा नहीं है. ना ही वो किसी बड़े फर्म के मुखिया बनना चाहते हैं.
Advertisement
Comment Section
Article HTML
वीडियो: तारीख़: शर्त लगी तो डॉ. होमी भाभा ने साल भर में न्यूक्लियर रिएक्टर बना डाला!