दिवाली आई नहीं कि ब्रांडेड डब्बों में बिक रहा नकली देशी घी, आप असली लाए हैं या नकली? घर बैठे ऐसे पहचानें
Diwali के आते ही मिलावटखोर भी एक्टिव हो जाते हैं, हाल में हुए एक स्टिंग ऑपरेशन में पता चला है कि जालसाज जाने-माने 'Branded Desi Ghee' 240 रुपये प्रति किलो में दे रहे हैं. आमतौर पर यह 600-700 रुपये किलो के रेट से मिलता है. ऐसे में कैसे पहचानें कौन सा घी नकली है और कौन सा असली?
“आपको अमूल का डब्बा चाहिए?”, विष्णु कॉन्फिडेंस के साथ पूछता है. इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर ‘हां’ में जवाब देते हैं. आगे विष्णु कहता है कि तो फिर आपको अमूल का टिन मिलेगा. हालांकि कान खड़े करने वाली बात ये थी कि इस घी की कीमत महज 240 रुपये किलो थी. यह बातचीत इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के एक ऑपरेशन का हिस्सा थी. जो घी बनाने के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश के हाथरस में किया गया. जिसने दीवाली (Fake Desi Ghee in Diwali season) से पहले बाजार में बिक रहे असली-नकली घी की तस्वीर सामने रख दी.
दीवाली जैसे त्योहारों में मिठाइयों और घी की मांग आसमान छूने लगती है. ऐसे में मांग बढ़ती है दूध (Milk) और दूध से बनी चीजों की (Milk Products), मसलन घी, खोया और पनीर वगैरह. लेकिन त्योहारों में मांग बढ़ने से सप्लाई तो बढ़ नहीं जाएगी. इसी आड़ में मिलावट खोर अपने कारनामों को अंजाम देते हैं.
रिटेल दुकानदार बनकर पहुंचे रिपोर्टरइन्हीं कारनामों की तह तक जाने के लिए इंवेस्टीगेशन टीम दिल्ली के एक रिटेल दुकानदार की भूमिका में हाथरस पहुंची. यहीं इनका परिचय विष्णु वार्ष्णेय नाम के शख्स से हुआ.
जिसका दावा था कि वह सभी जाने माने ब्रांड्स के घी की सप्लाई करता है. और पहली चीज जिसका दावा किया गया कि वह नकली घी को किसी भी जाने-माने ब्रांड के डिब्बे में भर सकता है. यही वजह थी कि इस घी की कीमत इतनी कम थी.
और जब रिपोर्टर ने पूछा कि इतनी कम कीमत में घी कैसे मिल पा रहा है. तो विष्णु ने जवाब दिया यह असली घी नहीं है. बल्कि वनस्पति तेलों के मिश्रण से बनाया गया है. लेकिन विष्णु ने रिपोर्टर को इस बात का भरोसा भी दिलाया कि यह घी, असली घी की तरह दिखेगा और महकेगा.
यहां तक कि इसके डब्बे को भी असली जैसा बताया गया, कहा गया कि ज्यादातर ग्राहक अंतर नहीं बता पाएंगे.
अब ये तो बात हो गई मिलावट की. त्योहारों में मिलावट की बातें नई नहीं हैं. पर मिलावट से लड़ने के लिए क्या हम घर पर कुछ कर सकते हैं? इसे लेकर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक डॉक्यूमेंट में बताया है कि घर पर कैसे असली और नकली खाने की चीजों की पहचान की जा सकती है. आइए जानते हैं.
DART की मदद से असली नकली का फर्क पहचानेंDART माने ‘डिटेक्शन अडल्टरेशन विद रैपिड टेस्ट’. अपनी भाषा में कहें, तो घर पर इन तरीकों से असली नकली की पहचान काफी हद तक की जा सकती है.
तेल में ‘खेल’पेट्रोलियम से एक तरह का केमिकल मिलता है, जिसे ट्राई-आर्थो-क्रेसिल फॉस्फेट (TOCP) कहते हैं. ये कई बार मिलावटी तेल वगैरह में मिलाया जाता है. ये केमिकल सेहत के लिए भी हानिकारक है. इसकी पहचान का एक तरीका भी बताया जाता है.
2ml तेल का सैंपल लें. इसमें थोड़ा सा पीला मक्खन मिलाएं. अगर इससे तुरंत लाल रंग दिखे तो इसका मतलब है कि तेल में TOCP की मिलावट है.
दूध में पानी की जांचपहला तरीका है कि एक बूंद को किसी चिकनी सतह पर डालें. और इसे धीरे-धीरे टेढ़ा करें, शुद्ध दूध की बूंद पीछे एक सफेद धार छोड़ेगी और धीरे-धीरे बहेगी.
दूसरा तरीका है कि 5 से 10 ml दूध लेकर, उसमें इतना ही पानी मिलाएं. फिर इसे अच्छे से हिलाएं. अगर दूध में डिटर्जेंट की मिलावट होगी तो यह मोटा झाग छोड़ेगा. वहीं शुद्ध दूध में झाग की परत पतली होगी.
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दूध या दूध के प्रोडक्ट्स में स्टार्च की मिलावट का पतास्टार्च यानी आलू या मैदे वगैरह की मिलावट पता करने का तरीका भी बताया जाता है. इसके लिए 2-3 ml दूध को 5 ml पानी मिलाकर गर्म कर लें. ठंडा करने के बाद इसमें दो-तीन बूंद आयोडीन की मिलाएं. अगर रंग नीला हो गया तो इसका मतलब होगा कि दूध में स्टार्च वगैरह की मिलावट है.
यही काम घी में आलू या शकरकंद या दूसरे स्टार्च की मिलावट पता करने के लिए भी किया जा सकता है. एक आध चम्मच घी या बटर को एक कांच के ग्लास में लें. दो-तीन बूंद आयोडीन की मिलाएं, अगर रंग नीला हो गया मतलब मिलावट है.
वहीं घी में वनस्पति तेल वगैरह पहचानने के लिए. एक चम्मच घी के सैंपल में 10 बूंद HCL की मिलाएं. अगर इसमें लाल रंग दिखता है, तो यह संकेत है कि घी में वनस्पति तेल की मिलावट है.
हालांकि ये कुछ तरीके हैं, जिनसे काफी हद तक मिलावट का पता लगाया जा सकता है. लेकिन इन चीजों के अलावा भी किसी अन्य चीज की मिलावट की जा सकती है, इसके लिए आप स्थानीय अधिकारियों की मदद ले सकते हैं.
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