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भूकंप की वजह से जमीन के नीचे ‘सोने के पकौड़े’ बन रहे हैं, नई रिसर्च ने वजह भी बताई

Science Explained: अब हाल ही में रिसर्च जर्नल 'नेचर जियोसाइंस' में एक Study आई है. जो क्वार्ट्ज के भीतर, भूकंप की वजह से सोने के ‘पकौड़े’ बनने की बात कर रही है. समझते हैं, पूरा मामला एक-एक करके.

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quartz gold deposite
धरती के भीतर कुछ क्वार्ट्ज की नलियां होती हैं. (विकीमीडिया)
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राजविक्रम
11 सितंबर 2024 (Published: 12:19 IST)
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सोने (Gold) को लेकर एक खास बात ये है कि ये कम रिएक्टिव मेटल है. यानी जैसे लोहा नमी पाकर जंग खा जाता है, उससे रिएक्ट कर जाता है. सोने के साथ ये समस्या नहीं है. इसलिए सोना खोजने वाले छन्नी वगैरह लेकर लगे रहते हैं. खान से निकली मिट्टी में से सोना छानने के लिए. क्योंकि ये अपने मूल रूप में मिल सकता है. कई बार तो इसके बड़े नगेट्स मिलते हैं, नगेट्स को अपनी भाषा में ‘पकौड़े’ कह सकते हैं. कभी-कभी तो ये 50 किलो से भी ज्यादा वजन वाले हो सकते हैं.

अब हाल ही में रिसर्च जर्नल नेचर जियोसाइंस में एक रिसर्च आई है. जो क्वार्ट्ज के भीतर, भूकंप की वजह से सोने के ये ‘पकौड़े’ बनने की बात कर रही है. समझते हैं पूरा मामला एक-एक करके.

बालू में मेनली एक चीज है, क्वार्ट्ज (Quartz). ये बना कैसे होता है समझते हैं. धरती में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले तत्वों में ऑक्सीजन (O2) और सिलकॉन (Si) शामिल हैं. अब ये दोनों मिलकर एक चीज बनाते हैं, जिसे सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2) कहते हैं.

silica gold
रेत में क्वार्ट्ज पाया जाता है (विकीमीडिया)

अब जैसे कोई माचिस की तीलियों से घर बनाए. वैसे ही ये सिलिकॉन डाइऑक्साइड एक फिक्स स्ट्रक्चर में फिट होते हैं. और बनता है क्वार्ट्ज. यही चीज घड़ी में भी इस्तेमाल की जाती है. तभी आपने घड़ी पर क्वार्ट्ज लिखा देखा होगा.

ये भी पढ़ें: 'बिग बैंग' से पहले यूनिवर्स में क्या था? नई रिसर्च में आई 'डार्क मैटर' बनने की कहानी

क्वार्ट्ज के भीतर जमा होता है सोना

खैर नेचर में छपी ये हालिया रिसर्च बता रही है कि धरती के भीतर कुछ क्वार्ट्ज की नलियां होती हैं. जिन पर जब किसी भूकंप की वजह से तनाव पड़ता है, तो बिजली पैदा होती है. जिसे टेक्निकल भाषा में पीज़ो-इलेक्ट्रिसिटी कहा जाता है. 

रिसर्च के मुताबिक इस खास बिजली के चलते पास से गुजर रहे लिक्विड से सोना खींचने लायक वोल्टेज बन सकता है. जिसकी वजह से क्वार्ट्ज क्रिस्टल में सोना जमा होकर नगेट्स बन सकते हैं. कहें तो ‘सोने के पकौड़े’. 

बताया गया कि पिज़ो-इलेक्ट्रिसिटी की वजह से सोने का न्यूक्लिएशन हो सकता है. कहें तो सोना एक फार्म से दूसरे फार्म में बदल सकता है.

हलांकि क्वार्ट्ज बिजली का चालक नहीं है. लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि सोना बिजली का बेहतर चालक है. इसके चलते इसके बेहद छोटे कण, क्वार्ट्ज के क्रिस्टल की खाली जगहों पर जमा हो सकते हैं. 

हालांकि इस पूरे प्रोसेस का मैकेनिज्म ठीक-ठीक समझना बाकी है. लेकिन रिसर्चर्स का मानना है कि इसकी मदद से कभी-कभी क्वार्ट्ज के नेटवर्क में सोने के नगेट्स मिलने को एक्सप्लेन किया जा सकता है. 

कमाल है कुदरत भी, सोने के ही ‘पकौड़े’ बना डाले.

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