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पेरिस की सड़कों के नीचे सुरंगों में लाखों कंकाल, इतिहास पढ़ा तो पढ़ते रह जाएंगे!

Archeology: कैटाकॉमब्स (Catacombs), यानी पेरिस की गलियों के नीचे मौजूद सुरंगों का जाल. जहां मौजूद हैं लाखों पैरिस वासियों के कंकाल. जो हजारों सालों की त्रासदी, बीमारियों और मौतों की कहानियां दबाए बैठे हैं.

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50-60 लाख कंकाल रखे हैं. (विकिमीडिया)
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राजविक्रम
21 अक्तूबर 2024 (Published: 13:17 IST)
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फ्रांस का पेरिस शहर (Paris, France), जो जाना जाता है अपनी तमाम कहानियों के लिए. चाहे वो कहानियां मशहूर कलाकारों की हों, एफिल टॉवर की हों, यहां तक बॉलीवुड फिल्मों में रोमांस की जगह के तौर पर भी, इसे खूब दिखाया जाता है. लेकिन यहां जमीन के ऊपर जितनी खूबसूरती है, शायद जमीन के नीचे उतना ही खौफ का मंजर है. जो बयां करता है कहानियां, करीब 60 लाख मौतों की, और यहां रखे लाखों कंकालों की. 

कैटाकॉमब्स (Catacombs), यानी पेरिस की गलियों के नीचे मौजूद सुरंगों का जाल. जहां मौजूद हैं लाखों पेरिस वासियों के कंकाल. जो हजारों सालों की त्रासदी, बीमारियों और मौतों की कहानियां दबाए बैठे हैं.

paris catacombs
जमीन के नीचे सुरंगों में गर कर रखीं हड्डियां (विकिमीडिया)

द गार्जियन की खबर के मुताबिक, अब इन्हें लेकर अपनी तरह की एक पहली रिसर्च की गई है. जिसमें एंथ्रोपोलॉजिस्ट, बायोलॉजिस्ट और डाक्टर्स की टीम ने कुछ कंकालों का अध्ययन किया है. जिनकी लाशों को 18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में, इन सुरंगों में फेंक दिया जाता था! 

रिसर्च की अगुवाई कर रहे - प्राचीन मानव सभ्यता पर रिसर्च करने वाले, एंथ्रपोलॉजिस्ट फिलिप्प चार्लियर का इस बारे में बताते हैं, 

चाहे ये कितना भी अविश्वसनीय लगे, लेकिन कैटाकॉमब्स पर अभी तक कोई सीरियस साइंटिफिक स्टडी नहीं की गई. यहां के स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य, दवाओं और सर्जरी - ये जिन बीमारियों से जूझे, हमारी रिसर्च में पेरिस के हजार सालों के इतिहास को समझने की कोशिश की गई है.

बकौल चार्लियर, दुनियाभर में और भी ऐसी जगहें हैं. जहां लोगों को इस तरीके से रखा गया हो. लेकिन कैटाकॉमब्स अपनी तरह का अनोखा और सबसे बड़ा ‘कब्रगाह’ है. और एंथ्रोपोलॉजिकल या मानव जीवन से जुड़ी रिसर्च्स को करने के लिए एक बेहतरीन जगह है.

जमीन से 20 मीटर नीचे

जमीन से 20 मीटर नीचे, करीब 300 किलोमीटर सुरंगों के इस जाल को देखने सालाना करीब, 5 लाख पचास हजार लोग आते हैं. और यहां के मुहाने पर लगी एक तख्ती में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है, 

रुको! यह मौत का साम्राज्य है. 

दरअसल, 18वीं सदी के बीच में पेरिस के अधिकारियों ने तय किया था कि लाशों को सेंट्रल पेरिस में इस जगह रखा जाए. क्योंकि शहर के बाकी कब्रगाहों में जगह नहीं बची थी. और लोगों की सेहत के लिए यह नुकसानदायक हो रहा था. 

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मुहाने पर लगी तख्ती (विकिमीडिया)

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बताया जाता है कि इन सुरंगों से कभी पेरिस की इमारतों को बनाने के लिए पत्थर निकाले गए थे. वहीं इन्हीं में लाशों को यूंही फेंक दिया जाता था, जहां एक समय तक ये जमा होती रहीं. 

इस बारे में चार्लियर ये भी बताते हैं कि आधिकारिक तौर पर तो ये कहा जाता है कि ऐसा लोगों के स्वास्थ्य को लेकर किया गया था. हालांकि, हो सकता है यह फाइनेंशियल और आर्थिक वजहों से किया गया हो. ताकि जमीनों पर हक जमाया जा सके.

साल 1799 में रात के अंधेरे में, काम चालू किया गया. लाखों कंकाल खोदकर निकाले गए, और बैलगाड़ी में भरकर ले जाए गए. बताते हैं इनके साथ ईसाई प्रीस्ट भी रहते थे. और इन्हें बस इन सुरंगों में फेंक दिया जाता था. 

लेकिन फिर 1810 में इन सुरंगों की जिम्मेदारी रखने वाले इंस्पेक्टर जनरल ने तय किया मृत लोग कुछ सम्मान के हकदार हैं. और फिर इन कंकालों के हाथ-पैर की हड्डियों और बाकी अंगों की हड्डियों को एक-एक जगह संजो कर रखा गया.

कैसे हुई मौतें!

वहीं इन हड्डियों के एनॉलसिस से उस समय की बीमारियों और मौत की वजहों के बारे में भी संकेत मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि हड्डियों में रिकेट्स या सूखा रोग, कुष्ठ रोग, सिफलिस (एक तरह का यौन रोग) के संकेत मिलते हैं. वहीं DNA के एनालिसिस से प्लेग जैसी बीमारियों के बारे में भी मालूम पड़ता है.

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