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जो दवा पहले असर करती थी, अब क्यों नहीं कर रही?

हर छोटी चीज़ के लिए एंटीबायोटिक लेना नुकसानदेह है.

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इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए वैक्सीनेशन लें, फ़िज़ूल में दवाइयां नहीं
इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए वैक्सीनेशन कराएं, फिजूल में दवाइयां ना लें.
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सरवत
10 जून 2022 (Updated: 20 जून 2022, 20:45 IST)
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

क्या आप उन लोगों में से हैं, जिनको दवाइयां खाने का बड़ा शौक होता है. नहीं, होते हैं कुछ लोग. दवाइयों को चूरन की तरह खाते हैं. ज़रा सा कुछ हुआ नहीं कि एंटीबायोटिक खा ली. अब आप पूछेंगे कि इसमें बुराई क्या है. दवा तो खाने के लिए ही बनी है. सही बात है. पर ज़बरदस्ती, जहां ज़रुरत नहीं है, वहां एंटीबायोटिक खाना बहुत ख़तरनाक होता है. ऐसा सिर्फ़ हम नहीं, डॉक्टर्स भी कहते हैं. हर छोटे इन्फेक्शन के लिए एंटीबायोटिक खाने से आपका इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ है प्रेरणा के साथ. 35 साल की हैं. वाराणसी की रहने वाली हैं. ये सालों से हर छोटी-छोटी चीज़ के लिए एंटीबायोटिक खा लेती थीं. छींक आए तो भी. नतीजा ये हुआ कि अब इनको जो दवाएं पहले असर करती थीं, वो अब असर नहीं करतीं. इम्युनिटी कमज़ोर हो गई सो अलग. इसलिए प्रेरणा चाहती हैं कि हम अपने शो पर इस मुद्दे के बारे में बात करें. हममें से ज़्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं, पर इससे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं जानते. ज़्यादा एंटीबायोटिक आपकी इम्युनिटी को कैसे कमज़ोर कर देती हैं, ये तो हम आपको कुछ ही देर में बताते हैं. पर पहले ये समझ लेते हैं कि इम्युनिटी क्या और कितने तरह की होती है.

इम्युनिटी क्या होती है?

ये हमें बताया डॉक्टर रीतेश शर्मा ने.

Dr. Reetesh Sharma - Nephrologist/Renal Specialist - Book Appointment  Online, View Fees, Feedbacks | Practo
डॉक्टर रीतेश शर्मा, डायरेक्टर, नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद

-इम्युनिटी को अगर आम भाषा में समझाया जाए, तो ये हमारे शरीर में आर्मी का काम करती है

-हमारे शरीर को अलग-अलग तरह के इन्फेक्शन से बचाती है

-शरीर की इम्युनिटी इन्फेक्शन से लड़ती है, ताकि वो हम पर हावी न हो जाएं  

कितनी तरह की इम्युनिटी होती हैं?

-इम्युनिटी दो तरह की होती है

-पहली है इंनेट इम्युनिटी यानी जन्मजात इम्युनिटी. इस तरह की इम्युनिटी बचपन से ही हमारे अंदर होती है

-ये माता-पिता के जींस से हमारे अंदर आती है

-जैसे ही हम पैदा होते हैं, ये तभी से काम करना शुरू कर देती है

-ऐसी इम्युनिटी हमें पैदा होते ही कई सारे इन्फेक्शन से बचाती है

-इसका एक दूसरा हिस्सा भी होता है

-उम्र के साथ जब शरीर नए-नए इन्फेक्शन, बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, तब इम्युनिटी इनसे लड़ने के नए-नए तरीके सीखती है

-इसको अडैप्टिव इम्युनिटी कहते हैं

-एक हिस्सा इम्युनिटी का बचपन से काम कर रहा है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी पास होता रहता है

-दूसरा हिस्सा नए-नए इन्फेक्शन को जानकर, इस इम्युनिटी में सुधार लाता है

-इसको एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी भी बोल सकते हैं

-पैसिव, यानी वो इम्युनिटी जो मां के खून से बच्चे में ट्रांसफ़र होती है पैदा होने के बाद

-या ब्रेस्टफ़ीडिंग के दौरान जो दूध जाता है बच्चे में, वो उसके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है

-एक्टिव इम्युनिटी, यानी वो इम्युनिटी जो अलग-अलग तरीके सीखकर शरीर को लड़ने की ताकत देती है

इम्युनिटी कैसे काम करती है

-हमारा इम्यून सिस्टम दो तरह काम करता है

-पहला. वाइट ब्लड सेल्स ( WBC) इम्यून सिस्टम का बहुत बड़ा हिस्सा है

-ये दो तरह के होते हैं

Immune to' or 'Immune from': Which is It? | Merriam-Webster
उम्र के साथ जब शरीर नए-नए इन्फेक्शन, बैक्टीरिया के संपर्क में आता है तब इम्युनिटी इनसे लड़ने के नए-नए तरीके सीखती है

- टी और बी सेल्स

-कोविड के समय में सब एंटीबॉडी के बारे में बात कर रहे हैं

-बी सेल्स शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं

-जब कोई नया वायरस या बैक्टीरिया इन सेल्स के सामने आता है

-तब शरीर को ये चीज़ समझ में आती है कि ये वायरस या बैक्टीरिया शरीर का हिस्सा नहीं हैं और इनसे लड़ना है

-तब सेल्स एंटीबॉडी तैयार करना शुरू करते हैं

-इसमें कुछ समय लगता है

-अगर एक बार इन्फेक्शन हो गया और इम्यून सिस्टम ने उसको धीरे-धीरे समझकर एंटीबॉडी तैयार कर ली

-और आने वाले टाइम में अगर वो इन्फेक्शन फिर से आता है, तो इम्यून सिस्टम की मेमोरी उसे याद रखती है

-कुछ ही घंटों के अंदर इम्यून सिस्टम नई एंटीबॉडी तैयार कर लेता है और इन्फेक्शन को बढ़ने से रोक दिया जाता है

-इसी के आधार पर बहुत सारी वैक्सीन काम करती हैं

-कोई भी वायरस जिससे आम इन्फेक्शन होते हैं, उसको कम एक्टिव बनाकर एक वैक्सीन तैयार की जाती है

-ये इतने कम डोज़ में होता है कि इससे शरीर में इन्फेक्शन पैदा नहीं होता

-पर इम्यून सिस्टम पहचान लेता है कि ये एक नया वायरस या बैक्टीरिया है, जिससे आगे जाकर लड़ना है

-कभी अगर असल में वो इन्फेक्शन सामने आ गया, तो इम्यून सिस्टम शरीर को उससे बचा लेगा

कमज़ोर इम्यून सिस्टम के लक्षण

-जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर है, उनको बार-बार इन्फेक्शन होंगे

-ख़ासकर वो इन्फेक्शन, जो आमतौर पर आप और हम देखते नहीं हैं

-आम बैक्टीरियल इन्फेक्शन को छोड़कर टीबी हो सकता है

Researchers Discover Two Paths Toward “Super Immunity” to COVID-19
एक्टिव इम्युनिटी यानी वो इम्युनिटी जो अलग-अलग तरीके सीखकर शरीर को लड़ने की ताकत देती है

-ये एक लक्षण है कि आपका इम्यून सिस्टम मज़बूत नहीं है

-या फंगल, वायरल इन्फेक्शन होना

-जो आमतौर पर एक हेल्दी इम्यून सिस्टम वाले इंसान को नहीं होते

-कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो बचपन में ही पता चल जाती हैं. ये बचपन में कमज़ोर इम्यून सिस्टम के कारण होती हैं

-इन बीमारियों के लिए अलग तरह से इलाज किया जाता है

-आम बीमारियों की बात करें तो डायबिटीज इम्यून सिस्टम को ख़राब करती है

-अगर खून में शुगर हाई होती है तो वो बाकी बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन को पनपने में मदद करती है

-इसलिए डायबिटीज के पेशेंट्स को अपना शुगर कंट्रोल में रखने की कोशिश करनी चाहिए

इम्युनिटी मज़बूत रखने की टिप्स

-जिनको शुगर है वो डायबिटीज पर कंट्रोल रखें

-हर छोटी चीज़ के लिए एंटीबायोटिक लेना नुकसानदेह है

-क्योंकि ये हमारे शरीर में मौजूद गुड बैक्टीरिया को मार देते हैं

-इस वजह से अलग-अलग इन्फेक्शन होने का चांस ज़्यादा बढ़ जाता है

-साथ ही एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस शुरू हो जाता है

COVID-19 natural immunity versus vaccination | Nebraska Medicine Omaha, NE
अगर खून में शुगर हाई होती है तो वो बाकी बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन को पनपने में मदद करती है

-यानी कोई एंटीबायोटिक, जो मामूली इन्फेक्शन में काम कर सकती थी

-उसको बेकार में इस्तेमाल करके उस बैक्टीरिया को रेसिस्टेंट बना दिया

-अब जब इस एंटीबायोटिक की ज़रुरत आगे पड़ेगी, तो वो काम नहीं करेगी

-इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए वैक्सीनेशन लें

-जो टीके सरकार लोगों को बचपन से लगवाती है, उनको लगवाकर इम्यून सिस्टम इन इन्फेक्शन से लड़ सकता है

-आखिरी चीज़ है एक हेल्दी लाइफस्टाइल

-अच्छी डाइट लें

-एक्सरसाइज करें

-पूरी नींद लें

-6-8 घंटे सोएं

-इन चीज़ों से इम्यून सिस्टम मज़बूत रहेगा

-पॉजिटिव सोच रखें

-डिप्रेशन और स्ट्रेस इम्यून सिस्टम को कमज़ोर कर देते हैं

-जिसकी वजह से आसानी से इन्फेक्शन हो सकते हैं

आज के दौर में आपकी इम्युनिटी आपकी बेस्ट फ्रेंड हैं. ये आपको दुश्मनों से बचाती है. ऐसे में आपका भी कुछ फ़र्ज़ बनता है या नहीं. इसलिए ध्यान रखिए, हेल्दी खाइए, जो पोषण की कमी खाने में हो रही है, उसके लिए डॉक्टर से बात कर के सप्लीमेंट ले सकते हैं. एक्सरसाइज करिए और ज़्यादा स्ट्रेस अवॉइड करिए.  

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