हमारी किडनी में स्टोन क्यों बन जाता है? डॉक्टर की ये बात मानी तो हो सकता कभी न बने
किडनी में पथरी (Kidney Stones) कुछ लोगों को बन जाती है. इसका पिए गए पानी की मात्रा से क्या संबंध है? कैसे Kidney Stones से बच सकते हैं?
'दिनभर में 7 से 8 ग्लास पानी ज़रूर पियो'. 'डेढ़ से दो लीटर पानी रोज़ पीना चाहिए'. अब तक तो ये बातें आपको पहाड़े की तरह रट गई होंगी. फिर भी आप में से बहुत लोग ऐसे होंगे जो दो लीटर तो दूर. दिनभर में एक लीटर पानी भी नहीं पी पाते हैं. कोई बिज़ी रहता है. किसी को प्यास नहीं लगती. देखिए, पानी पीना खुद को जिंदा रखने के लिए ज़रूरी है. आम जानकारी है. पानी की कमी से थकान और कमज़ोरी होती है. डिहाइड्रेशन होता है. ये भी बड़ी आम जानकारी है, लेकिन क्या आपको ये पता है कि कम पानी पीने से आपकी किडनियां ख़राब हो जाती हैं. और किडनी में स्टोन हो जाता है (What the cause of a kidney stone).
दरअसल हमारी किडनी शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकाल देती है. टॉक्सिंस समझ लीजिए आपके शरीर की गंदगी. जब हम पानी कम पीते हैं तो किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाती. ये जमा होता जाता है. नतीजा किडनी में स्टोन बन जाता है. ये हमेशा के लिए ख़राब तक हो सकती हैं. आज डॉक्टर से जानेंगे कि कम पानी पीने से किडनियों को क्यों और किस तरह का नुकसान होता है? साथ ही जानेंगे, किडनी को हेल्दी रखने के लिए क्या करना चाहिए?
क्या कम पानी पीने से किडनी को नुकसान होता है?हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं. इन दोनों से, यूरिन, किडनी की नली यानी यूरेटर से बनते हुए पेशाब की थैली में आता है. इसके बाद हम पेशाब करते हैं. ये हमारे यूरोजेनिटल सिस्टम की संरचना है. किडनी को ठीक तरह से काम करते रहने के लिए पानी की ज़रूरत पड़ती है. अगर पर्याप्त पानी न मिले तो किडनी को नुकसान पहुंच सकता है.
किस तरह की समस्याएं या बीमारियां हो सकती हैं?कम पानी पीने से किडनी में जो लवण (Salt) स्रावित हो रहे हैं. जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और साइट्रेट. ये सब क्रिस्टलाइजेशन और सुपर सैचुरेशन प्रक्रिया के ज़रिए स्टोन बना सकते हैं. धीरे-धीरे ये स्टोन साइज़ में बड़े होने लगते हैं. जब भी किडनी में स्टोन होगा, वो किडनी की नली में जाकर फंसेगा. इससे तेज़ दर्द हो सकता है. साथ ही उल्टी आ सकती है. पेशाब करने में तकलीफ होती है, खून आ सकता है. व्यक्ति को बुखार भी आ सकता है.
इसके अलावा पानी कम पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाता है. डिहाइड्रेशन की वजह से ब्लड प्रेशर कम होने लगता है. इससे किडनी के काम करने की प्रक्रिया कम या बंद हो सकती है. इसे एक्यूट किडनी इंजरी कहा जाता है. एक्यूट किडनी इंजरी में यूरिन बनने की मात्रा कम हो जाती है. इससे यूरिन कम आता है या आना बंद हो सकता है. शरीर में सूजन बढ़ सकती है. दोनों पैरों में सूजन आ सकती है.
किडनी को हेल्दी रखने के लिए क्या करना चाहिए?पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. कम से कम तीन से चार लीटर पानी रोज़ पिएं. अगर मौसम गर्म है या कोई व्यक्ति मेहनत वाला काम करता है. तब पानी की मात्रा बढ़ाई जा सकती है. काम और मौसम के हिसाब से पानी को कम या ज़्यादा पिया जा सकता है. पानी इतना पिएं कि डेढ़ से दो लीटर यूरिन 24 घंटे में आए. खाने में नमक की मात्रा कम कर दें, एक दिन में 5 ग्राम से कम खाएं. वज़न ज्यादा हो तो उसे घटाएं. बीपी और शुगर की बीमारी हो तो उसे कंट्रोल में रखें. अगर किडनी में स्टोन हो गया है या सूजन है तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट से मिलें. अगर एक्यूट किडनी इंजरी है, किडनी शटडाउन में चली गई है या यूरिन आउटपुट कम है तो तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट के पास जाएं और अपना इलाज कराएं. अब समझे कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीना क्यों ज़रूरी है. अगर घंटों प्यासा रहने की आदत है तो सुधर जाइए. आपकी ये आदत महंगी पड़ सकती है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)