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शरीर में WBC कम या ज्यादा हैं तो सतर्क हो जाइए! आपके शरीर की मिलिट्री यही हैं

वाइट ब्लड सेल्स यानी WBC हमारे खून में पाए जाते हैं. ये मिलिट्री की तरह शरीर की सिक्योरिटी करते हैं. जब हमारे शरीर पर कोई वायरस या बैक्टीरिया हमला करता है, तब ये वाइट ब्लड सेल्स तुरंत एक्टिव हो जाते हैं. और, शरीर को बचाने के काम में लग जाते हैं.

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white blood cells in blood functions and normal range
वाइट ब्लड सेल्स को 'शरीर के सैनिक' कहा जाता है
30 जुलाई 2024 (Updated: 30 जुलाई 2024, 16:11 IST)
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जब भी ब्लड टेस्ट की बात होती है, तब अक्सर RBC और WBC का ज़िक्र आता है. ये दोनों हमारे खून में पाए जाते हैं. RBC यानी रेड ब्लड सेल्स और WBC यानी वाइट ब्लड सेल्स. मेडिकल की भाषा में, WBC को ल्यूकोसाइट्स (Leukocytes) भी कहा जाता है. अब जो ये वाइट ब्लड सेल्स हैं, ये बड़े काम की चीज़ हैं. ऐसा समझिए आपका शरीर एक किला है और WBC वो सैनिक हैं जो इस किले की हिफ़ाज़त कर रहे हैं. जब भी हमारे शरीर पर कोई वायरस या बैक्टीरिया हमला करता है, तब ये वाइट ब्लड सेल्स तुरंत एक्टिव हो जाते हैं. इनकी आर्मी तैयार हो जाती है शरीर को हमले से बचाने के लिए.

लेकिन, कई बार WBC की संख्या शरीर में कम हो जाती है. अगर ये सैनिक कमज़ोर पड़ गए तो बीमारियां और इन्फेक्शंस आप पर हावी हो जाएंगे. लेकिन, आपको कैसे पता चलेगा कि आपके शरीर में WBC की कमी है? देखिए, ऐसा होने पर आपको कुछ लक्षण महसूस होंगे. जैसे थकान और कमज़ोरी. बार-बार इन्फेक्शन होंगे. सांस लेने में दिक्कत होगी. सिर दर्द, बुखार होगा. बार-बार निमोनिया होगा. कुछ लोगों को स्किन और यूरिन में इन्फेक्शन (Urine Infection) भी हो जाता है. मुंह में छाले में हो जाते हैं. वाइट ब्लड सेल्स की मात्रा के हिसाब से ये लक्षण कम या ज़्यादा हो सकते हैं.

ऐसे में हेल्दी रहने के लिए बहुत ज़रूरी है शरीर में वाइट ब्लड सेल्स की कमी न हो. आज डॉक्टर से जानेंगे कि WBC का क्या काम होता है? ये कम या ज़्यादा क्यों हो जाते हैं? कम होने पर किस तरह के लक्षण सामने आते हैं? किस टेस्ट से पता चलता है कि आपके शरीर में इनकी कमी है और इन्हें बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

वाइट ब्लड सेल्स का क्या काम होता है?

ये हमें बताया डॉ. मोहित सरन ने. 

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डॉ. मोहित सरन, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम

हमारा खून दो अहम तत्वों से मिलकर बना होता है. एक है सेल और दूसरा है प्लाज़्मा (Plasma). प्लाज़्मा लिक्विड होता है. वहीं सेल कुल तीन तरह के होते हैं- RBC, WBC और प्लेटलेट्स (Platelets). RBC यानी रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) और WBC यानी वाइट ब्लड सेल्स (White Blood Cells). 

अब RBC का काम क्या होता है? इसमें हीमोग्लोबिन होता है जो ऑक्सीज़न को हमारे फेफड़ों से शरीर के बाकी अंगों तक पहुंचाता है. वहीं WBC हमारे शरीर की सुरक्षा करता है. इसे 'Soldiers Of The Body' भी कहा जाता है. तीसरा है प्लेटलेट्स. जब हमें चोट लगती है तब खून बहता है. प्लेटलेट्स खून को जमाने का काम करते हैं ताकि खून ज़्यादा न बहे.

शरीर में वाइट ब्लड सेल्स कम या ज़्यादा क्यों हो जाते हैं?

वाइट ब्लड सेल्स का नॉर्मल काउंट 5 से 10 हज़ार के बीच होता है. लेकिन, अगर WBC 5 हज़ार से कम या 10 हज़ार से ज़्यादा हो जाए, तो ये नुकसानदायक होता है. जब भी हमारे शरीर में कोई इंफेक्शन होता है, तब वाइट ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ जाती है. उनका काउंट 10 हज़ार से ज़्यादा हो जाता है. हालांकि अगर इंफेक्शन बहुत गंभीर हुआ तो WBC का काउंट 5 हज़ार से कम भी हो जाता है. 

WBC, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स के साथ बोन मैरो में बनते हैं. ऐसे में कोई भी बीमारी जो बोन मैरो पर असर करती है, उससे WBC कम हो सकते हैं. अगर बोन मैरो में फाइब्रोसिस या बोन मैरो कैंसर हो, तब भी WBC कम बन सकते हैं. बोन मैरो में अगर पोषण की कमी है तो भी WBC कम बनते हैं. विटामिन बी12 और फोलिक एसिड WBC बनाने के काम आते हैं. विटामिंस, मिनरल्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स WBC के लिए ज़रूरी हैं.

wbc count
WBC बढ़ाने हैं तो खूब फल खाएं
शरीर में वाइट ब्लड सेल्स कैसे बढ़ाएं?

- अच्छा, पौष्टिक और ताज़ा खाना खाएं

- खूब फल खाएं

- दूध, दही, पनीर और लिक्विड अच्छे से लें

-इससे हमारे वाइट ब्लड सेल्स बढ़ेंगे

अगर आपको पता करना है कि आपके खून में वाइट ब्लड सेल्स कम हैं या ज़्यादा. तो, एक सिंपल-सा ब्लड टेस्ट है जिसे आप करा सकते हैं. इस टेस्ट का नाम CBC है. यानी कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट. इससे पता चलता है कि खून में जो अलग-अलग तत्व हैं, जैसे रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स, हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स, उनका लेवल कितना है. अगर WBC बहुत कम या ज़्यादा हैं, तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: कैंसर के अलग-अलग स्टेज का मतलब क्या होता है? किसमें मुमकिन है इलाज?

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