कल रात की बात है. मैं रोज़ की तरह ऐसे ही फेसबुक स्क्रॉल कर रही थी. तभी मेराध्यान मेरे एक दोस्त के फेसबुक पोस्ट पर पड़ा. उन्होंने अपने पोस्ट में फेसबुक औरवॉट्सऐप के ज़रिए होने वाले एक अजीब से साइबर स्कैम का ज़िक्र किया था. बताया था किउनके एक पहचान वाले व्यक्ति इस स्कैम का शिकार हो चुके हैं. किसी ने उनकी तस्वीर काइस्तेमाल करके, उनका मॉर्फ्ड न्यूड वीडियो बनाया था. और धमकी दी थी कि अगर वो उसेमुंह मांगे पैसे नहीं देंगे तो उस वीडियो को वायरल कर दिया जाएगा. इसी पोस्ट को जबमैंने पूरा पढ़ा तो समझ आया कि भई ऐसा स्कैम किसी एक व्यक्ति के साथ नहीं हुआ है,बल्कि कई लोगों के साथ हो चुका है. कहीं पर किसी का मॉर्फ्ड वीडियो बनाया जाता है,तो कहीं पर एक रिकॉर्डेड वीडियो भेज दिया जाता है. क्या है ये पूरा स्कैम? किस तरहसे लोगों को इसका शिकार बनाकर पैसे ऐंठे जा रहे हैं? कैसे बचा जा सकता है? सबकेजवाब आपको एक-एक करके देंगे.क्या है पूरा मामला?बेंगलुरू में रहने वाले एक शख्स इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं. उनका नामइस वीडियो के लिए हम हरदेव रख रहे हैं, ये काल्पनिक नाम है, वो अपनी पहचान उजागरनहीं करना चाहते, इसलिए ऐसा किया गया है. हरदेव जिस कंपनी में काम करते हैं, वोविदेशी क्लाइंट्स से डील करती है. ऐसे में दूसरे देशों के समय के अकॉर्डिंग रात मेंहरदेव को काम करना पड़ता है. दो दिन पहले रात के वक्त उन्हें वॉट्सऐप पर एक वीडियोकॉल आया. उन्होंने पहले उठाया नहीं. दोबारा आया, तब उन्होंने रिसीव किया. सामने एकमहिला थी. उसने कहा कि वो हाई प्रोफाइल सोसायटी से आती है और दोस्ती करना चाहती है.फिर महिला ने बातचीत शुरू कर दी. कहा कि वो पर्सनली मिलना चाहती है. इस पॉइंट परहरदेव को कुछ खटका. उन्होंने फोन काट दिया. दोबारा कॉल आया. और महिला ने उनसे पूछाकि वो कैसे कॉल काट सकते हैं. फिर महिला ने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. हरदेव ने फोनकाट दिया.करीब आधे घंटे बाद उन्हें वॉट्सऐप पर एक वीडियो भेजा गया. उस वीडियो में एक आदमीबिना कपड़ों के दिख रहा था, और उसका चेहरा एकदम हरदेव की तरह ही नज़र आ रहा था. ऐसाकैसे हुआ? दरअसल, स्कैम करने वालों ने किसी दूसरे के शरीर पर एडिट के ज़रिए हरदेवके चेहरे को पेस्ट कर दिया था. यानी एक मॉर्फ्ड वीडियो बना दी थी.इसके बाद हरदेव को मैसेज आने लगे. धमकी दी गई कि वो पैसे दें, नहीं तो उनका वीडियोवायरल कर दिया जाएगा. उन्हें समझ नहीं आया कि ये सब क्या हुआ. उनके दिमाग मेंसुसाइड तक के ख्याल आने लगे. लेकिन फिर अपने एक दोस्त की सलाह पर वो पुलिस के पासगए और साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि हरदेव का कहना है कि इस केस मेंपुलिस का नज़रिया उन्हें ज्यादा सख्त नज़र नहीं आ रहा है, उन्हें लग रहा है किपुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही है. खैर, ब्लैकमेलिंग का मैसेज आने के बाद हरदेव नेस्कैम करने वालों को काफी धमकी भी दी थी, ये कि वो पुलिस से शिकायत कर देंगे,उन्हें इस तरह से परेशान न किया जाए. इस केस में अब तक की अपडेट ये है कि दोबाराहरदेव को उस ब्लैकमेलर का कॉल नहीं आया है. वो इंतज़ार कर रहे हैं कि पुलिस जल्द सेजल्द उस आरोपी को खोज निकाले.और भी लोग हो चुके हैं शिकारअब इस केस में विक्टिम के चेहरे को मॉर्फ्ड करके एक नया वीडियो बनाकर भेजा गया था.लेकिन कुछ दूसरे तरह के मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां पर एक डिजिटल स्क्रीन काइस्तेमाल करके स्कैम किया जा रहा है. एक अन्य विक्टिम से हमने बात की. उन्होंनेबताया कि फेसबुक मैसेंजर पर एक लड़की की प्रोफाइल से उन्हें मैसेज आया था. बातचीतहोने के बाद उस प्रोफाइल ने विक्टिम का वॉट्सऐप नंबर मांगा और उसके बाद उन्हें आयावॉट्सऐप कॉल. फिर हुए वो स्कैम के शिकार. ये स्कैम थोड़ा दूसरे तरह का था. आपनेदेखा होगा कि वॉट्सऐप पर आप जब किसी से वीडियो कॉल करते हैं, दो दो विंडो नज़र आतीहै. एक, जिसमें उस व्यक्ति की शक्ल दिखती है, जिससे आप बात कर रहे होते हैं, दूसरेमें आप खुद दिखते हैं. बस वॉट्सऐप कॉल के इसी स्क्रीन वाले सिस्टम को लेकर विक्टिमस्कैम का शिकार हो गए. विक्टिम का कहना है-"चार-पांच महीने पहले की बात है. मेरे पास फेसबुक पर महिला जो प्रतीत हो रही थी,उसका मैसेज आया. उसने मुझसे मदद मांगी. उसके बाद मेरा नंबर मांगती है. मैं अपनाऑफिशियल नंबर उसे देता हूं. इसके बाद वो मुझे वॉट्सऐप पर मैसेज करने लगी. मैंनेजवाब दिया. हाय-हैल्लो हुआ. फिर अचानक से वो मुझे वीडियो कॉल कर देती है. कॉल रिसीवकरने पर मुझे मेरे डिस्प्ले पर जो दिखा, वो कुछ ऐसा था मानो पहले ज़माने में जबकेबल चली जाया करती थी, तो धुंधली तस्वीर आती थी. वो दिखाई दे रही थी. मैंने फोनकाट दिया. दो मिनट बाद फिल वीडियो कॉल आता है. मैं रिसीव करता हूं. मैं देखता हूंकि पीछे दरअसल एक स्क्रीन लगी थी, उसमें एक वीडियो ऐसा चल रहा था, जिसमें एक महिलाअपने-आपको निर्वस्त्र कर रही है. मैं देखकर सोचता हूं कि ये कुछ न कुछ फ्रॉड हो रहाहै. इतने में फोन कट जाता है. पांच से सात मिनट बाद मेरे पास वही वीडियो कॉल जिसेरिकॉर्ड किया गया था, वो भेजा जाता है. बदले में पैसे की डिमांड की जाती है. मैंनेकहा कि मैं शिकायत कर दूंगा पुलिस में. उन्होंने कहा आप पैसे दीजिए तभी ये वीडियोडिलीट होगा. मैंने उस शख्स को ब्लॉक कर दिया. वो मुझे दूसरे नंबर से वॉट्सऐप करताहै, कहता है कि जब तक पैसे नहीं देंगे तब तक ये डिलीट नहीं होगा और तुम्हारेदोस्तों में वायरल हो जाएगा. और वो ऐसा करता भी है. उसने मेरे कज़िन को वो वीडियोभेज दिया. मेरे भाई को मैंने सारी बात बताई. मैंने अपनी आईडी लॉक की. इन सबसे बचनेके लिए. पुलिस को जब मैंने शिकायत की, तो इसका ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया. पुलिसकहती है कि ये तो बहुत कॉमन है. फिर इस केस में अब तक कुछ खास निकलकर नहीं आया. फिरदोबारा मुझे इसी तरह से अप्रोच किया गया. मैंने नॉर्मली बात की. पूछा कितना कमालेते हो, उस शख्स ने कहा कि वो दिन के 20 हज़ार कमा लेता है."पवन शर्मा, एक विक्टिम.अब इसी तरह के ब्लैकमेलिंग वाले स्कैम का शिकार आगरा में रहने वाले पवन शर्मा भीहुए. उनके साथ ये घटना करीब 15 दिन पहले हुई थी. इन्हें भी फेसबुक में लड़की कीप्रोफाइल की तरह दिखने वाले एक प्रोफाइल से मैसेज आया था और फिर शुरू हुआ था स्कैम.पहन ने कहा-"15 दिन पहले एक लड़की के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई. फिर मैसेंजर पर एक वीडियोकॉल आया और लड़की ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उसी तरह मुझे वॉट्सऐप पर भीकॉल आया. लड़की ने कहा कि वो वही लड़की है, जो फेसबुक पर थी. वो फिर से कपड़ेउतारने लगती है. फिर मुझे मैसेज पर कहती है कि आप भी ऐसा ही करिए. मैंने मना किया.उसके बाद दो-तीन बार उसने वीडियो कॉल किया. फिर उसने मुझे एक वीडियो भेजा. जिसमेंमेरा पूरा फेस दिख रहा था, और धड़ किसी और का था, जो न्यूड था. मुझसे फिर पैसेमांगे गए, कहा कि पैसे दो नहीं तो बदनामी होगी. मैं समझ गया था कि कुछ चक्कर है.मैंने साइबर क्राइम के एक अधिकारी से बात की, जो मेरे पहचान के थे. उन्होंने बतायाकि ये एक तरह का फेक कॉल है. डरो मत. FIR करो, साइबर क्राइम में दो. मैंने उसकेआखिरी वीडियो कॉल का स्क्रीनशॉट ले लिया था. उसका जब दोबारा कॉल आया, तो मैंने उसेवही स्क्रीनशॉट भेज दिया. कहा कि मैं भी इसे वायरल कर दूंगा. तब उसका ऑडियो मैसेजआया, कहा कि भई मैं लड़की नहीं लड़का हूं. यानी ये पूरी तरह से फेक था. मुझे परेशानकरने के लिए."ये हमने आपको तीन विक्टिम्स के बारे में बताया. इन सबके एक्सपीरियंस से पता चला किलड़की के नाम पर जो वीडियो कॉल इन्हें आए या फिर मैसेज किए गए थे, उनमें पर्दे केपीछे ज्यादातर मामलों में लड़के ही थे. जो कि लड़कियों वाली पहचान बताकर ये सारेस्कैम को अंजाम दे रहे थे.एक्सपर्ट क्या कहते हैं?ये स्कैम एक तरह का साइबर स्कैम है. ज्यादातर मामलों में ब्लैकमेल करने वाले लोगपहले अपने शिकार के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी जुटाते हैं, मसलन- व्यक्ति कितनेबजे तक ऑनलाइन रहता है, अक्सर देर रात तक ऑनलाइन रहने वाले लोगों को ये शिकार बनातेहैं, दूसरा ब्लैकमेलर ये भी पता करता है कि आर्थिक तौर पर उसके शिकार का स्टेटसक्या है, ताकि उसे पैसे भी ठीक-ठाक मिल सकें. सारी जानकारी जुटाने के बाद वो निकलताहै अपने शिकार पर. कई लोग डर के मारे, बदनामी के डर से पैसे ट्रांसफर भी कर देतेहैं, तो कुछ लोग थोड़ी हिम्मत दिखाकर पुलिस के पास पहुंच जाते हैं. किस तरह से इसवॉट्सऐप वीडियो कॉल वाले स्कैम को अंजाम दिया जाता है? ये जानने के लिए हमने बात कीदिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट के DCP अनयेश रॉय से. उन्होंने कहा,"इस तरह का फ्रॉड पिछले करीब तीन-चार महीनों से देखने मिल रहा है. इसके पीछे कोईलड़की या कोई व्यक्ति नहीं है. सारे इमेजिनरी कैरेक्टर्स हैं, जो सोशल मीडिया परफेक प्रोफाइल बनाकर रहते हैं. 20 से 35 साल की उम्र के लोग ये काम करते हैं. इनकातरीका ये है कि सबसे पहले ये एक अट्रैक्टिव फेक प्रोफाइल बनाते हैं, जनरली फेसबुकपर. फिर अपने टारगेट को या तो मैसेज भेजेंगे या चैट करेंगे. लड़की बनकर बात करतेहैं. जल्दी ही अतरंग का संबंध बनाने की कोशिश करते हैं. जैसे ही इंटिमेसी डेवलपहोती है थोड़ी सी. ये कहते हैं कि आप वीडियो कॉल पर आ जाएं. वीडियो कॉल पर जैसे हीविक्टिम आता है, तो एक दूसरे फोन पर एक अडल्ट क्लिप चलाकर ये अपने कैमरे के सामनेरख देते हैं. विक्टिम को ऐसा लगता है जैसे कोई अडल्ट एक्टिविटी हो रही है सामने.वीडियो कॉल पर सामने वाले व्यक्ति की और आपकी भी तस्वीर दिखती है. वही चीज़ यहां परहोती है. हमारा विक्टिम जो भी कर रहा होता है, वो इनकी स्क्रीन पर भी दिख रहा होताहै. साथ ही साथ अडल्ट क्लिप भी दिख रही होती है. ऐसा लगता है कि जैसे विक्टिम कोईअडल्ट एक्टिविटी में इन्वॉल्वड है. कई बार विक्टिम समझ जाता है कि ये फ्रॉड है, कईबार वो खुद कम्प्रोमाइज़िंग एक्टिविटी में शामिल हो जाता है. दोनों केस में ये लोगजो भी वीडियो कॉल होता है. उसकी क्लिप बना लेते हैं. और उस क्लिप को विक्टिम कोभेजते हैं. कहते हैं कि हम यूट्यूब के लीगल टीम से बोल रहे हैं. हमें ये वीडियोमिला है. जो चल रही है. हम आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं. फिर इसकेबाद उनसे पैसे मांगते हैं."DCP अनयेश रॉय, दिल्ली साइबर क्राइम यूनिटहमने जब उनसे पूछा कि अगर कोई व्यक्ति ऐसे स्कैम का या फ्रॉड का शिकार हो जाए, तोउसे क्या करना चाहिए. इस पर DCP ने बताया कि ऑनलाइन भी साइबर क्राइम यूनिट कोशिकायत की जा सकती है, उसके लिए बाकयदा एक पोर्टल भी होता है. DCP ने आगे कहा,"सबसे पहले आप जो भी सबूत हैं उन्हें कैप्चर कर लीजिए. क्योंकि ये प्रोफाइल्स वोडिलीट कर देते हैं जल्दी. जो ट्रांजेक्शन आपने किया है उसकी डिटेल भी सेव कर लीजिए.उसके बाद अलग-अलग तरीके से आप शिकायत कर सकते हैं. सबसे सरल तरीका ये है कि आपऑनलाइन पोर्टल- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in पर जाकरशिकायत फाइल कर सकते हैं. इस पोर्टल से जो शिकायत आप फाइल करते हैं, उसकी जानकारीआपके कन्सर्न पुलिस थाने में चली जाती है. वहां से आप ट्रैक भी कर सकती हैं. कई बारलोग सबूत को कैप्चर नहीं कर पाते, जो जानकारी चाहिए होती है जांच में, वो नहीं मिलपाती. सारी जानकारी देंगे तो इन लोगों की पहचान कर इन्हें पकड़ा जाता है."साइबर धोखाधड़ी और साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां हमें अपनेस्तर पर बरतनी चाहिए, ये सवाल भी हमने DCP से पूछा. उन्होंने बताया कि सतर्क रहनेकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है. किसी से भी जल्दी दोस्ती नहीं करना चाहिए. अनयेश रॉय नेकहा,"सरल भाषा में कहूं तो बचने के तरीके ये हैं कि जो आप असल ज़िंदगी में सावधानीबरतते हैं, उन्हें वर्चुअल स्पेस में भी बरतें. वही सारे नियम का पालन करे. जैसेअसल ज़िंदगी में आप किसी अनजान व्यक्ति से इतनी जलदी अतरंग नहीं होते. तो ऐसा ध्यानसाइबर स्पेस में भी रखें."साइबर क्राइम से बचने के लिए और क्या करना चाहिए? इसका जवाब और ठीक तरह से जानने केलिए हमने इंटरनेट वेलनेस एक्सपर्ट अनिल रचामल्ला से भी बात की. उन्होंने कहा,"खुद को इन सबसे सुरक्षित रखने के लिए, सबसे पहले आप किसी भी ऐसे व्यक्ति के साथऑनलाइन चैटिंग न करें, जिन्हें आप नहीं जानते हैं. डेटिंग को ठीक से समझना चाहिए.सामने वाले व्यक्ति के दावे की सच्चाई पता करने के लिए हमेशा सोशल मीडिया की तरफजाइए. सोशल मीडिया पर उनके नाम से छानबीन करिए. फोटोग्राफ अगर मिल रही है, तोरिवर्स इमेज चेक करिए. देखिए कि उसका नाम सही है या नहीं. कभी भी अपनी इंटिमेटतस्वीर किसी से भी शेयर मत करिए, फिर चाहे वो आपके पार्टनर ही क्यों न हों. कभी भीकोई पैसे ट्रांसफर मत करिए."अनिल रचामल्ला, इंटरनेट वेलनेस एक्सपर्टसाइबर क्राइम कई तरह के होते हैं. ज्यादातर क्राइम में विक्टिम लड़कियां होती हैं,लेकिन पर्टिकुलर इस वॉट्सऐप वीडियो के ज़रिए होने वाले फ्रॉड की बात करें, तोएक्सपर्ट्स का कहना है कि, इसके शिकार ज्यादातर लड़के हो रहे हैं. वहीं अगरमैट्रिमोनियल ठगी की बात की जाए, तो इसका शिकार ज्यादातर लड़कियां ही होती हैं. अबअगर साइबर क्राइम के आंकड़ों की बात करें, तो NCRB यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्सब्यूरो की एक रिपोर्ट कहती है कि साल 2019 में साइबर क्राइम के देशभर में कुल4,4546 (चौवालीस हज़ार पांच सौ छ्यालीस) मामले दर्ज हुए थे. वहीं 2018 में करीब28,248 (अट्ठाइस हज़ार दो सौ अड़तालीस) मामले रजिस्टर हुए थे. यानी एक साल के अंदरइन मामलों में 63.5 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई. 2019 में साइबर क्राइम के सबसे ज्यादामामले कर्नाटक में दर्ज हुए थे. दूसरे नंबर पर यूपी और तीसरे पर महाराष्ट्र थे. ऐसेक्राइम्स से निपटना काफी पेंचीदा है, लेकिन बचाव सबसे ज्यादा ज़रूरी है. इसके लिएसतर्क रहें. किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती करने से पहले दस बार सोचें. अपने स्तरपर जब आप 100 फीसद श्योर हो जाएं, तब अगला कदम उठाएं.