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दूध, चाय पीने के बाद गैस बनने लगती है? आपको ये समस्या है

डेरी एलर्जी तब होती है जब दूध में मौजूद प्रोटीन के ख़िलाफ़ शरीर रिएक्ट करता है.

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इम्यून सिस्टम को लगता है कि दूध का प्रोटीन शरीर के लिए हानिकारक है
इम्यून सिस्टम को लगता है कि दूध का प्रोटीन शरीर के लिए हानिकारक है
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सरवत
27 जुलाई 2022 (Updated: 27 जुलाई 2022, 21:18 IST)
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

आयुष 23 के हैं. हाल-फ़िलहाल में उनके साथ एक बहुत अजीब चीज़ सी चीज़ शुरू हो गई है. वो जब भी चाय या दूध पीते हैं तो उल्टी होने लगती है. डायरिया हो जाता है. पेट एकदम फूल जाता है. गैस बनने लगती है. शुरुआत में आयूष को लगा था कि शायद उन्होंने बासी या फटा हुआ दूध पी लिया है, जिसकी वजह से ऐसा हुआ. पर ये सिलसिला बन गया. जब भी वो दूध का इस्तेमाल करते, सेम चीज़ होती. अजीब बात ये थी कि आयुष को इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था. वो हमेशा से दूध या दूध से बनी चाय पीते आ रहे थे. इसलिए उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि एकाएक उन्हें दूध से एलर्जी कैसे हो गई. जब डॉक्टर को दिखाया तब पता चला कि वो लैक्टोज़ इंटॉलरेंट हो गए हैं. ऐसा किसी भी उम्र में हो सकता है.

ऐसे में आयुष जानना चाहते हैं कि जिस इंसान को कभी दूध से कोई दिक्कत नहीं हुई, वो एकाएक लैक्टोज़ इंटॉलरेंट कैसे हो गया. यानी अब उनका शरीर दूध क्यों रिजेक्ट कर रहा है. इन बातों के जवाब वो डॉक्टर्स से जानना चाहते हैं. अब लैक्टोज़ इंटॉलरेंस क्या होता है, इस पर हम बात करेंगे. पर उससे पहले ये जान लीजिए कि लैक्टोज़ इंटॉलरेंस और डेरी एलर्जी दोनों अलग चीज़ें होते हैं. ये दोनों क्या है, इनमें क्या फ़र्क होता है, इनका क्या इलाज है, चलिए ये जानते हैं.

डेरी एलर्जी क्या होती है?

ये हमें बताया डॉक्टर नीतू तलवार ने.

Dr. Neetu Talwar | Paediatrics, Paediatric Pulmonology Specialist in Gurgaon  - Fortis Healthcare
डॉक्टर नीतू तलवार, एडिशनल डायरेक्टर, पीडियाट्रिक पल्मोनॉलजी, फोर्टिस, गुरुग्राम

-डेरी एलर्जी तब होती है जब दूध में मौजूद प्रोटीन के ख़िलाफ़ शरीर रिएक्ट करता है.

-इसमें इम्यून सिस्टम भी शामिल होता है.

-इसका असर और लक्षण पूरे शरीर में देखने को मिलता है.

-क्योंकि इम्यून सिस्टम को लगता है कि दूध का प्रोटीन शरीर के लिए हानिकारक है.

डेरी एलर्जी के लक्षण

-शरीर पर रैश पड़ सकते हैं.

-सफ़ेद रंग के बड़े-बड़े धाबड़ पड़ सकते हैं.

-पेट में दर्द हो सकता है.

-उल्टियां, दस्त हो सकते हैं.

-स्टूल में खून आ सकता है.

-जब बहुत सीवियर रिएक्शन होता है तब जानलेवा कंडीशन जिसे एनाफीलेक्सिस कहते हैं, वो हो सकती है.

-जिसमें सांस तेज़ हो जाती है.

-बीपी कम हो जाता है.

-चक्कर आ सकते हैं.

-ये जानलेवा कंडीशन हो सकती है.

लैक्टोज़ इंटॉलरेंस क्या होता है?

-लैक्टोज़ इंटॉलरेंस बहुत ख़तरनाक बीमारी नहीं है.

-इसमें शरीर दूध के अंदर मौजूद लैक्टोज़ के शुगर (चीनी) के ख़िलाफ़ रिएक्ट करता है.

-लैक्टोज़ में मौजूद शुगर को न पचा पाने के कारण ऐसा होता है.

What Are the Symptoms of a Milk Allergy in Adults? Dairy Allergy
जब बहुत सीवियर रिएक्शन होता है तब जानलेवा कंडीशन जिसे एनाफीलेक्सिस कहते हैं, वो हो सकती है

-आमतौर पर लैक्टोज़ का जो पाचन होता है, वो छोटी आंत में होता है.

-जब शरीर में लैक्टेज़ एंजाइम की कमी होती है तब लैक्टोज़ का पाचन नहीं हो पाता.

-और ये नीचे जाकर बड़ी आंत में जमा होता है.

-जिसकी वजह से एसिड और गैस बनती है.

-इसलिए लैक्टोज़ इंटॉलरेंस के लक्षण हैं गैस बनना.

-ब्लोटिंग होना.

-पेट फूलने लगता है.

-डकार आती है.

-उल्टियां हो सकती हैं.

-ये कोई सीरियस बात नहीं होती.

-लैक्टोज़ इंटॉलरेंस प्राइमरी भी हो सकता है, जिसमें पूरी ज़िंदगी दूध नहीं ले सकते.

-दूसरा है सेकेंडरी लैक्टोज़ इंटॉलरेंस.

-अगर हफ़्ते के बाद भी दस्त हो रहे हैं तो अंदर की लाइनिंग हट जाती है.

-उसकी वजह सेकेंडरी लैक्टोज़ इंटॉलरेंस हो जाता है.

-इसमें प्रोबायोटिक्स दिए जाते हैं.

-दूध को अवॉइड किया जाता है.

-जब सिस्टम नॉर्मल हो जाता है तब दूध और दूध से बनी चीज़ें दे सकते हैं.

इलाज

-लक्षण देखकर पता चल जाएगा कि डेरी एलर्जी है या लैक्टोज़ इंटॉलरेंस.

-अगर दस्त हो रहे हैं तो मतलब लैक्टोज़ इंटॉलरेंस है.

Milk - Food Allergy Canada
लैक्टोज़ इंटॉलरेंस प्राइमरी भी हो सकता है, जिसमें पूरी ज़िंदगी दूध नहीं ले सकते

-दूध और दूध से बने पदार्थों को अवॉइड करना है.

-जो भी खाना ख़रीद रहे हैं उनके लेबल चेक करें.

-जैसे चॉकलेट, चुइंग गम, बिस्कुट. इन सबमें दूध के पदार्थ होते हैं.

-मिल्क एलर्जी में ये सब अवॉइड करना है.

-डॉक्टर से संपर्क करें.

-आजकल टेस्टिंग की जाती है जिसमें IgE एंटीबॉडी का पता लगाया जा सकता है.

-इसमें ब्लड टेस्ट भी होता है.

-साथ ही स्किन प्रिक टेस्ट भी होता है.

-जिससे प्रूफ़ मिलता है कि एलर्जी है.

-अगर दूध नहीं ले सकते तो बाकी खाने की चीज़ें जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी हैं वो लेनी चाहिए.

-जैसे दही, पनीर, चीज़, लस्सी, छाछ, नारियल पानी, संतरा, फल, हरी पत्तेदार सब्जियां.

-अगर नॉन वेज खाते हैं तो अंडा खाइए.

-नॉन वेज खाने में कैल्शियम और विटामिन डी अच्छी मात्रा में होता है.

-फलों में भी कैल्शियम और विटामिन डी अच्छी मात्रा में होता है.

-सीड्स भी खा सकते हैं.

-इनमें कैल्शियम की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है.

Milk Allergy: Cause, Symptoms, Types & Treatment
अगर दूध नहीं ले सकते तो बाकी खाने की चीज़ें जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी हैं वो लेनी चाहिए

-अगर लैक्टोज़ इंटॉलरेंस है तो उसका पता स्टूल टेस्टिंग से चलता है.

-स्टूल में pH और रिड्युसिंग सब्सटेंस की जांच होती है जिससे लैक्टोज़ इंटॉलरेंस का पता चल जाता है.

-उसके लिए ब्लड टेस्टिंग या स्किन प्रिक टेस्ट की ज़रुरत नहीं होती है.

-अगर ये तकलीफ़ है तो नॉर्मल दूध बंद करना पड़ता है.

-प्रोबायोटिक्स लीजिए.

-सबसे अच्छा प्रोबायोटिक्स होता है दही.

-अगर दही 2-3 बार लेंगे तो नैचुरल तरीके से प्रोबायोटिक मिलेगा.

-कई तरह के प्रोबायोटिक बाज़ार में मिलते हैं, वो भी ले सकते हैं.

-हफ़्ते-दस दिन के बाद दूध वापस शुरू कर सकते हैं.

लैक्टोज़ इंटॉलरेंस और डेरी एलर्जी में क्या फ़र्क होता है, आपको ये तो समझ में आ गया होगा. अब कई बार होता है कि मां-बाप बच्चों को दूध पिलाते हैं और बच्चा दूध उलट देता है. ऐसे में पेरेंट्स को लगता है कि बच्चा शैतानी कर रहा है, जानबूझकर दूध उलट रहा है, पर ऐसा नहीं होता है. हो सकता है आपके बच्चे को डेरी एलर्जी या लैक्टोज़ इंटॉलरेंस हो. वैसे डेरी एलर्जी या लैक्टोज़ इंटॉलरेंस बचपन में ही हो जाता है, पर ऐसा हमेशा ज़रूरी नहीं है. ऐसा बड़े होने के बाद भी हो सकता है, इसलिए लक्षणों पर नज़र रखें. 

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