(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)दिव्या दिल्ली की रहने वाली हैं. 26 साल की हैं. कुछ समय पहले उनकी पीठ के निचलेहिस्से में दर्द शुरू हुआ. यानी लोअर बैक. ये दर्द चमक की तरह उठता था. लोअर बैक सेहोते हुए कूल्हे और पैरों तक जाता था. दिव्या को ये दर्द सिर्फ़ बांई तरफ़ ही होताथा. जब पेन किलर और सिकाई से आराम नहीं मिला तो दिव्या ने डॉक्टर को दिखाया. तबदिव्या को पता चला उन्हें सियाटिका की दिक्कत है. ये बहुत आम प्रॉब्लम है. कई लोगोंको ये दर्द उठता है, पर उन्हें पता नहीं होता ये सियाटिका के कारण है. दिव्या जाननाचाहती हैं कि क्या सियाटिका का कोई परमानेंट इलाज है? वो चाहती हैं हम इस टॉपिक परएक एपिसोड बनाएं. ये क्या होता है, क्यों होता है, डॉक्टर से पूछकर लोगों को बताएंताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके. तो सबसे पहले जानते हैं सियाटिका क्या होता है?सियाटिका क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर नंदन ने.डॉक्टर नंदन मिश्रा, ऑर्थोपेडिक सर्जन, नियो हॉस्पिटल, नोएडा- सियाटिक नर्व/नस (तंत्रिका) कमर से निकलने वाली सबसे बड़ी नर्व है- यह नर्व जांघों के पीछे वाली मांसपेशियों, पैरों की मांसपेशियों, पंजों कीमांसपेशियों और एड़ी की मांसपेशियों को खून सप्लाई करती है- जब यह नर्व हमारी कमर से निकलती है तो अलग-अलग कारणों से इस पर दबाव पड़ सकता है- इसी कंडीशन को सियाटिका कहा जाता हैकारण- यंग उम्र में सियाटिका का सबसे बड़ा कारण स्लिप डिस्क होता है- वहीं बढ़ती उम्र में यानी बुढ़ापे में इसकी सबसे बड़ी वजह डिजनरेटिव स्पाइन (स्पाइनल डिस्क का घिसना ) या लंबर स्पोंडिलोसिस ( लोअर बैक की स्पाइनल डिस्क मेंआनी वाली घिसावट) होती हैसियाटिक नर्व (तंत्रिका) कमर से निकलने वाली सबसे बड़ी नर्व है- कभी-कभी सियाटिक नर्व पर दबाव किसी ट्यूमर या इंफेक्शन की वजह से भी पड़ सकता हैलक्षण- सियाटिका का दर्द कमर से शुरू होकर पैरों तक जाता है- यह दर्द कभी-कभी इलेक्ट्रिक शॉक या जलन जैसा महसूस होता है- दबाव ज्यादा होने की सूरत में पैरों की मांसपेशियां भी कमजोर हो सकती हैं- सेंसेशन में कमी आ सकती है- कुछ मामलों में यूरिन को कंट्रोल करने की क्षमता भी चली जाती हैइलाज- सियाटिका का दर्द फिजिकल एग्जामिनेशन जैसे एक्सरे और एमआरआई से डायग्नोज किया जासकता है- सियाटिका का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता हैयह दर्द कभी-कभी इलेक्ट्रिक शॉक या जलन जैसा महसूस होता है- अगर सियाटिका का का दर्द स्लिप डिस्क की वजह से है तो शुरुआत में रेस्ट करने कोकहा जाता है और दवाइयां दी जाती हैं- साथ ही कुछ समय बाद एक्सरसाइज या फिजियोथेरेपी शुरू की जाती है- ज्यादातर पेशेंट्स को इससे फायदा हो जाता है, वहीं कुछ पेशेंट्स को ऑपरेशन तककराना पड़ता है- अगर सियाटिका का दर्द लंबर स्पोंडिलोसिस ( लोअर बैक की स्पाइनल डिस्क में आनीवाली घिसावट) की वजह से होता है- तो पेशेंट्स को एक्सरसाइज और दवाइयों से आराम मिल जाता है- इसमें भी कुछ पेशेंट्स को ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है- अगर दर्द ट्यूमर की वजह से होता है तो पेशेंट को ऑपरेशन की जरूरत पड़ती हैबचाव- सियाटिका के दर्द से बचने के लिए आप रेगुलर कमर की एक्सरसाइज करें. इसे लो बैककोर मसल्स स्ट्रैंथनिंग एक्सरसाइजेज भी कहते हैं- वजन उठाने से बचें और आगे झुककर काम न करेंकुछ केसेस में यूरिन को कंट्रोल करने की क्षमता भी चली जाती है- कुर्सी पर बैठते समय अपनी कमर के नीचे एक छोटा सा तकिया या फिर तौलिए को फोल्ड करके भी रख सकते हैं- किसी भी प्रकार के कमर दर्द को इग्नोर न करें. अगर दर्द ज़्यादाहै तो डॉक्टर से संपर्क करेंक्या ये कभी ठीक हो सकता है?- बहुत से लोग ये सवाल करते हैं कि क्या सियाटिका का दर्द हमेशा के लिए ठीक हो सकताहै?- सियाटिका के दर्द से पूरी तरह आराम मिल सकता है या नहीं, यह इस बात पर निर्भरकरता है कि किस वजह से दर्द हो रहा है. साथ ही किस स्टेज में इसका पता चला- सही समय पर इलाज शुरू होने पर सियाटिका को कंट्रोल किया जा सकता हैकोई भी एक्सरसाइज बिना अपने डॉक्टर की सलाह के हरगिज़ न करें. साथ ही इन्हें किसीएक्सपर्ट की निगरानी में ही करें.