(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)अमन 32 साल के हैं. दिल्ली के रहने वाले हैं. उनका हमें मेल आया. अमन बताते हैं किउनको कोई भी मेडिकल कंडीशन नहीं है, पर फिर भी उनके दिल की धड़कन हर वक़्त बहुत बढ़ीहुई रहती है. जब वो बैठे होते हैं या लेटे होते हैं, तब भी उनकी धड़कन तेज़ चल रहीहोती है. जिसके कारण उन्हें कभी-कभी सीने में दर्द होता है और घबराहट होती है. वोजानना चाहते हैं कि क्या ये नॉर्मल है? क्या कुछ लोगों का दिल तेज़ ही धड़कता है? येकोई बीमारी तो नहीं?दरअसल अमन बात कर रहे हैं उनके रेस्टिंग हार्ट रेट के बारे में. आपने नोटिस कियाहोगा कि जब आप एक्सरसाइज करते हैं, दौड़ते हैं या घबराए हुए होते हैं तब आपका दिलतेज़ धड़कता है. पर जब आप रेस्ट कर रहे होते हैं, बैठे हुए होते हैं तब आपकी हार्टबीट नॉर्मल होती है. तेज़ नहीं होती. आमतौर पर ऐसा ही होता है. पर कुछ लोगों कारेस्टिंग हार्ट रेट ज़्यादा होता है. जैसे अमन का.आज के शो में डॉक्टर्स से जानते हैं कि आपका रेस्टिंग हार्ट रेट कितना होना चाहिए.ये किन कारणों से बढ़ता है और अगर आपका रेस्टिंग हार्ट रेट ज़्यादा है तो क्या करें.पर इन सबसे पहले समझ लेते हैं रेस्टिंग हार्ट रेट होता क्या है.रेस्टिंग हार्ट रेट क्या होता है?ये हमें बताया पद्म श्री डॉक्टर बलबीर सिंह ने.पद्म श्री डॉक्टर बलबीर सिंह, चेयरमैन एंड हेड ऑफ़ कार्डियोलॉजी, पैन मैक्स हॉस्पिटल-जब इंसान बैठा हो या लेटा हो तब उसका पल्स रेट रेस्टिंग हार्ट रेट कहलाता है.-पल्स दिल की धड़कन बताती है.-पल्स को 1 मिनट तक गिनना चाहिए.-तभी रेस्टिंग हार्ट रेट का पता चलता है.-रेस्टिंग हार्ट रेट शरीर की ताकत और दिल की ताकत बताता है.-इससे अंदाज़ा लगाया जाता है कि क्या मरीज़ को मदद की ज़रूरत है.-एक नॉर्मल इंसान का रेस्टिंग हार्ट रेट बहुत चीज़ें बताता है.-जैसे इंसान की फिजिकल कंडीशन कैसी है.-क्या उसे किसी टेस्ट की ज़रूरत है.-इसलिए रेस्टिंग हार्ट रेट का एक सिंपल सा टेस्ट है, जिसे कोई भी अपने घर पर करसकता है.ये टेस्ट कब करना चाहिए?-सुबह उठने के बाद रेस्टिंग हार्ट रेट चेक करने का सबसे सही समय होता है.-टेस्ट करते समय या तो लेटे हों या बैठे हों.रेस्टिंग हार्ट रेट शरीर की ताकत और दिल की ताकत बताता है-खड़े होकर या एक्सरसाइज करने के बाद टेस्ट न करें.रेस्टिंग हार्ट रेट कितना होना चाहिए?-आमतौर पर रेस्टिंग हार्ट रेट 50 और 100 के बीच होता है यानी 1 मिनट में दिल 50 से100 बार धड़कता है.-अगर रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से कम है तो घबराने की बात नहीं है.-लेकिन अगर आपको कुछ लक्षण महसूस हो रहे हैं जैसे चक्कर आ रहे हैं.-थकान हो रही है.-तब अगर आपका रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से कम है तो ECG करवाकर चेक कर सकते हैं.-50-100 के बीच नॉर्मल हार्ट रेट होता है.-50 से कम थोड़ा लो है.-कई एथलीट और एक्सरसाइज करने वाले लोगों का रेस्टिंग हार्ट रेट 50 से भी कम हो जाताहै.-इसको नॉर्मल माना जाता है.-जिन लोगों का हार्ट रेट 50-60 के बीच रहता है, उन्हें परेशान होने की ज़रूरत नहींहै.-ये देखा गया है कि जिन लोगों का हार्ट रेट 50-60 के बीच रहता है, वो लंबा जीतेहैं.-हार्ट को भी रेस्ट की ज़रूरत पड़ती है.-बच्चों का हार्ट रेट हमेशा ज़्यादा होता है.-14 साल की उम्र से पहले रेस्टिंग हार्ट रेट 120 तक नॉर्मल माना जाता है.-पर अगर एडल्ट्स में हार्ट रेट 100 से ऊपर है तो ध्यान देने की ज़रूरत है.अगर रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से कम है तो घबराने की बात नहीं है-ध्यान देने की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि 100 से ज़्यादा रेस्टिंग हार्ट रेट किसी कारणसे होता है.रेस्टिंग हार्ट रेट बढ़ने के कारण-थायरॉइड-हार्ट कंडीशन-इसलिए 100 से ऊपर हार्ट रेट होने पर ध्यान देने की ज़रूरत है.-रेस्टिंग हार्ट रेट जितना कम होगा, पेशेंट के लिए उतना अच्छा है.-बढ़ा हुआ रेस्टिंग हार्ट रेट थायरोटॉक्सिकॉसिस के कारण हो सकता है.-एंग्जायटी के कारण हो सकता है.-कॉफ़ी ज़्यादा पीने से भी ऐसा होता है.-शराब और स्मोकिंग से भी रेस्टिंग हार्ट रेट बढ़ता है.-जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रेस्टिंग हार्ट रेट कम होने लगता है.-अगर बुज़ुर्गों में रेस्टिंग हार्ट रेट 90 से ज़्यादा है तो हो सकता है कोई प्रॉब्लमहो.-कुछ बीमारियों में जैसे अस्थमा में ऐसी दवाइयां दी जाती हैं जिनसे हार्ट रेट बढ़जाता है.-बढ़ा हुआ हार्ट रेट अच्छी बात नहीं है.100 से ऊपर हार्ट रेट होने पर ध्यान देने की ज़रूरत है-अगर हार्ट रेट बढ़ेगा तो दिल के ऊपर स्ट्रेस भी बढ़ेगा.-इससे दिल की बीमारियां हो सकती हैं.-हार्ट रेट जितना कम होगा, उतना अच्छा.हार्ट रेट बढ़ा हुआ है तो क्या करें?-सबसे पहले डॉक्टर के पास जाएं.-कुछ टेस्ट होते हैं, जिनसे पता चलता है कि क्या दिक्कत है.-डॉक्टर जांच के बाद तय करते हैं कि रेस्टिंग हार्ट रेट को कम करने के लिए क्या दवादेनी चाहिए.-कुछ दवाइयां हार्ट रेट को कम करती हैं और शरीर को रेस्ट देती हैं.-सबको अपना रेस्टिंग हार्ट रेट बीच-बीच में चेक करना चाहिए.-पल्स ऑक्सीमीटर घर पर रखें.-इससे हार्ट रेट मॉनिटर कर सकते हैं.-अगर 50 से कम है तो चेकअप करवाइए.-अगर 100 से ज़्यादा है तो भी चेकअप करवाएं.चलिए हमें इस सवाल का जवाब तो मिल गया कि बढ़ा हुआ रेस्टिंग हार्ट रेट अच्छी बातनहीं है. इसलिए ज़रूरी है कि आप समय-समय पर हार्ट रेट चेक करते रहें. हममें सेज़्यादातर लोगों के घरों में पल्स ऑक्सीमीटर होता है. उससे आप अपना रेस्टिंग हार्टरेट चेक करें. अगर ये 100 से ज़्यादा रहता है तो डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं ताकिअगर कोई समस्या है तो वो समय रहते पकड़ में आ जाए.