(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)महेश 55 साल के हैं. पटना के रहने वाले हैं. कुछ समय पहले उन्हें यूरिन से जुड़ी कुछसमस्याएं महसूस होने लगीं. उन्हें बार-बार पेशाब जाने की ज़रुरत महसूस होती. यहां तककि रात में भी कई बार नींद टूट जाती. पर जब वो पेशाब करने जाते तो उन्हें यूरिन पासकरने में दिक्कत होती. बहुत जोर लगाना पड़ता. समय के साथ ये परेशानियां बढ़ती ही जारही थीं. महेश ने डॉक्टर को दिखाया. उनका अल्ट्रासाउंड हुआ. अल्ट्रासाउंड में पताचला उनका प्रोस्टेट ग्लैंड यानी ग्रंथि बढ़ गई है. अब डॉक्टर उन्हें सर्जरी करवानेकी सलाह दे रहे हैं, पर वो ऑपरेशन नहीं करवाना चाहते. महेश चाहते हैं कि हम औरडॉक्टर्स से इस मुद्दे पर बात करें. एक उम्र के बाद प्रोस्टेट का साइज़ बढ़ जाना,पुरुषों में होने वाली एक आम समस्या है. पर क्या सर्जरी ही इसका इकलौता उपाय है? येजानते हैं डॉक्टर्स से. पर उससे पहले ये समझ लेते हैं कि प्रोस्टेट क्या होता है औरइसके बढ़ने से किस तरह की परेशानीयां होती हैं. जानिए.प्रोस्टेट क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर अनिल मंधानी ने.डॉक्टर अनिल मंधानी, एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर, यूरोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट,फ़ोर्टिस, गुरुग्राम-प्रोस्टेट ग्लैंड अखरोट के साइज़ की ग्रंथि होती है-ये ब्लैडर के मुंह पर होती है-इस ग्रंथी से जो पदार्थ बनते हैं, वो शुक्राणु की हेल्थ के लिए बेहद ज़रूरी हैं-एक उम्र के बाद, इस ग्रंथि का ज़्यादा रोल नहीं रहता-पर ये वीर्य की मात्रा में योगदान देती है-एक उम्र के बाद, प्रोस्टेट ग्लैंड का साइज़ बढ़ता हैप्रोस्टेट बढ़ने से क्या हेल्थ रिस्क होता है?-अगर अखरोट के साइज़ की ग्रंथि, जो ब्लैडर के मुंह पर है, वो बढ़ेगी तो पेशाब के बहावपर असर पड़ेगा-पेशाब ब्लैडर में जमा होता है, ब्लैडर के मुंह से होती हुई एक नली जाती है जिसेयूरेथ्रा कहते हैं-ये नली महिलाओं में छोटी होती है और पुरुषों में लगभग 20 सेंटीमीटर की होती है-इस नली और ब्लैडर के बीच में प्रोस्टेट ग्लैंड होता है-एक उम्र के बाद, ख़ासकर 50 साल के बाद प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ता ही हैअगर अखरोट के साइज़ की ग्रंथि, जो ब्लैडर के मुंह पर है, वो बढ़ेगी तो पेशाब के बहावपर असर पड़ेगा-बढ़ने का मतलब ये नहीं कि हमेशा इससे कोई दिक्कत ही हो-अगर 10 पुरुषों में से 9 में प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ रहा है तो ज़रूरी नहीं कि सभी कोकोई प्रॉब्लम हो-10 में से 3-4 लोगों में बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण परेशानी होती हैलक्षण-अगर प्रोस्टेट बहुत ज़्यादा बढ़ जाएगा और रुकावट पैदा करेगा तो पेशाब करने के लिएज़्यादा ज़ोर लगाना पड़ता है-कई बार यूरिन पूरी तरह से नहीं हो पाती, लगता है पेशाब रह गई है-कभी-कभी बार-बार यूरिन आता है-रात को उठना पड़ता है-हर बढ़ा हुआ प्रोस्टेट दिक्कत पैदा नहीं करता-बिना प्रोस्टेट बढ़े हुए भी, ये लक्षण महसूस हो सकते हैंइलाज-प्रोस्टेट का नॉर्मल साइज़ 18-20 ग्राम होता है. कई बार अल्ट्रासाउंड में प्रोस्टेटबढ़ा हुआ दिखता है-अगर ये 20 ग्राम से 40 ग्राम हो गया है, तो कई डॉक्टर सर्जरी करवाने की सलाह देतेहैं-पर ऐसा नहीं करवाना चाहिए-प्रोस्टेट के ऑपरेशन की ज़रुरत तभी पड़ती है, जब लक्षण इतने ज़्यादा हों कि दिनचर्याको प्रभावित करें-या प्रोस्टेट इतना बढ़ गया है कि इसकी वजह से और लक्षण महसूस हो रहे हों-जैसे पेशाब में बार-बार इन्फेक्शन होना-खून आना-गुर्दे ख़राब हो जाना-ऐसे में सही सलाह लेकर सर्जरी करवाने की ज़रुरत पड़ती है-सर्जरी होना या न होना, मरीज़ की इक्छा पर निर्भर करता है-सर्जरी करवाने से पहले दिनचर्या में कुछ बदलाव करने की सलाह दी जाती है-जिससे लक्षण काफ़ी कंट्रोल में आ सकते हैंप्रोस्टेट के ऑपरेशन की ज़रुरत तभी पड़ती है, जब लक्षण इतने ज़्यादा हों कि दिनचर्याको प्रभावित करें-अगर रात में बार-बार यूरिन आ रही है, तो रात में पानी कम पीकर सोना चाहिए-अगर ब्लैडर के कारण बार-बार यूरिन जा रहे हैं, तो आप उसे रोक भी सकते हैं-ब्लैडर को ट्रेन कर सकते हैं-बहुत सारे लक्षण बिना दबाव के ट्रीट कर सकते हैं-अगर ठीक नहीं होता है, तो दवाइयां दी जाती हैं-ये दवाइयां प्रोस्टेट के साइज़ को कम करती हैं और लक्षणों को भी कम करती हैं-ये दवाइयां सालों-साल खाई जा सकती हैं-आख़िर में आती है सर्जरीप्रोस्टेट क्या होता है, ये तो आपको समझ में आ ही गया होगा. पर अगर आपका प्रोस्टेटग्लैंड बढ़ गया है, तो परेशान होने की ज़रुरत नहीं है. डॉक्टर अनिल मंधानी के मुताबिकऐसा होना आम है. ज़रूरी नहीं कि प्रोस्टेट बढ़ने पर कोई हेल्थ रिस्क हो ही. पर हां,सही सलाह लेना ज़रूरी है. लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं. सलाह लेने के बाद तयकरें कि आप सर्जरी करवाना चाहते हैं या नहीं. क्योंकि दवाइयों से भी इसका इलाज संभवहै.