यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.ठंड में खांसी, ज़ुकाम के बारे में आपने ख़ूब सुना होगा. बहुत ही आम है ये. कुछएपिसोड पहले आपने फ्लू क्या होता है ये भी जान लिया. पर इन दोनों चीज़ों के अलावा एकमुसीबत और है जो ठंड में काफ़ी परेशान करती है. अच्छा एक बात बताइए. क्या सर्दियोंमें आपको उल्टियां या डायरिया की शिकायत रहती है. यानी पेट खराब हो जाता है. इसकीवजह है नोरोवायरस. क्या इस वायरस का नाम आपने पहले सुना है? इसे विंटर वॉमिटिंग बगभी कहा जाता है. कई लोग इससे प्रभावित होते हैं, पर उन्हें पता नहीं होता. तो क्याहोता है नोरोवायरस सबसे पहले तो ये जान लेते हैं. साथ ही ये भी पता करते हैं कि येठंड में क्यों अटैक करता है?क्या है नोरोवायरस?ये हमें बताया डॉक्टर राजीव ने.डॉक्टर राजीव कुमार, एमडी मेडिसिन, हिंडाल्को-नोरोवायरस एक प्रकार का वायरस है, ये पेट और आंतों को इन्फेक्ट करता है. जिससेमरीज़ को पेट में दर्द, उल्टी और दस्त लग जाते हैं. ये वायरस शरीर में जाने के 12 से48 घंटे के अंदर लक्षण पैदा करता है. ये ठंड के मौसम में होने वाला बहुत आमइन्फेक्शन है. इससे हर साल करोड़ों लोग संक्रमित होते हैंठंड में नोरोवायरस का इंफेक्शन क्यों होता है?-नोरोवायरस वैसे तो किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन इसके ज़्यादा केसेज़ ठंड मेंआते हैं क्योंकि ये कम तापमान में ज़्यादा पनपता है-ठंड में लोग एक-दूसरे के ज़्यादा नज़दीक रहते हैं, जिससे वायरस एक से दूसरे इंसानमें आसानी से फैल जाता है.-लोग सर्दियों में हाइजीन का ठीक से ख्याल नहीं रखते, हाथ धोने से बचते हैं. कई लोगरोज़ नहाते भी नहीं.वायरस शरीर में जाने पर 12 से 48 घंटे बाद मरीज़ में लक्षण पैदा करता हैडॉक्टर साहब ने ये तो बता दिया कि नोरोवायरस क्या होता है और ठंड में क्यों होताहै. अब बात करते हैं कुछ ऐसी ग़लतियों की जो इससे बचने के लिए आपको अवॉयड करनीचाहिए. साथ ही जानिए नोरोवायरस का इलाज.क्या ग़लतियां अवॉइड करनी हैंये वायरस एक से दूसरे इंसान में फ़ीको ओरल रूट से पहुंचता है. इससे बचने के लिए आपहाथ धोकर खाना खाएं. टॉयलेट में भी सफ़ाई का ध्यान रखें, ट्रैवल करते समय सफ़ाई कापूरा ध्यान रखें. सफ़ाई वाली जगह से ही खाना, पानी लें.इलाज-आमतौर पर नोरोवायरस का इन्फेक्शन 1 से 3 दिन तक रहता है-ज़्यादातर ये अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन उल्टी दस्त से मरीज़ को डिहाइड्रेशनहो सकता है. ज्यादा डिहाइड्रेशन होने पर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत भी आ सकतीहै. ग्लूकोज़ चढ़ाना पड़ सकता है.ये वायरस पेट और आंतों को इन्फेक्ट करता है-इसलिए ज़रूरी है कि आप ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिएं, साथ में ORS का घोल भी पी सकतेहैं-छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग लक्षण आने पर डॉक्टर कोदिखाकर ही उपचार लेंचलिए नोरोवायरस पर एक छोटा सा कोर्स हो गया आपका. अब इस साल अगर आपको इसके लक्षणमहसूस हुए तो उसे महज़ ठंड लग गई है समझकर इग्नोर मत करिएगा. सही इलाज करवाइयेगा.--------------------------------------------------------------------------------वीडियो