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वजन नहीं घट रहा, थकान रहती है तो तुरंत ये टेस्ट करवा लीजिए, नहीं तो दिक्कत हो जाएगी

थकान रहती है और काम करने का मन नहीं करता?

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what is hypothyroidism and how to treat it
सांकेतिक फोटो.
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सरवत
5 जनवरी 2023 (Updated: 5 जनवरी 2023, 22:56 IST)
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(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

मैं आपसे पांच सवाल पूछूंगी. आप इनके जवाब हां या न में दें. पहला, क्या आपको सारा दिन सुस्ती महसूस होती है? दूसरा, क्या आपकी स्किन रूखी हो गई है? तीसरा, क्या आपका वज़न बढ़ गया है? चौथा, क्या आपको कब्ज़ रहता है? आखिरी, क्या आपको अपनी आवाज़ बदली हुई लगती है? अगर ज़्यादातर सवालों के जवाब हां हैं, तो काफ़ी हद तक ये संभव है आपको हाइपोथायरॉडिज्म है. देखिए, फलां-फलां को थायरॉइड है, ये आपने बहुत बार सुना होगा. लेकिन थायरॉइड होना कोई बीमारी नहीं है. थायरॉइड तो एक ग्रंथि होती है आपके गले के अंदर. खेल तब होता है, जब ये ग्रंथि ठीक तरह से अपना काम नहीं करती. इसका एक नतीजा है हाइपोथायरॉडिज्म. क्या होता है ये, सबसे पहले ये जान लेते हैं.

हाइपोथायरॉडिज्म क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर राकेश पंडित ने.

Dr. Rakesh Pandit | MedZul
डॉक्टर राकेश पंडित, सीनियर कंसल्टेंट एंड हेड, इंटर्नल मेडिसिन, आकाश हेल्थकेयर

-इसका मतलब है हमारे शरीर में थायरॉइड हॉर्मोन की मात्रा कम होती है

-इसका उल्टा होता है हाइपरथायरॉडिज्म

कारण

-इसमें थायरॉइड हॉर्मोन का प्रोडक्शन कम होता है

-थायरॉइड ग्लैंड यानी ग्रंथि हमारे गले के बीच में होती है

-थायरॉइड हॉर्मोन यहीं बनता है

-इसके दो कारण होते हैं प्राइमरी एंड सेकेंडरी

-प्राइमरी यानी थायरॉइड ग्लैंड में हॉर्मोन कम बनता है

-इसके पीछे ऑटोइम्यून बीमारियां ज़िम्मेदार होती हैं

-यानी ऐसी एंटीबॉडी बनती हैं जो थायरॉइड पर असर करती हैं

-इससे थायरॉइड हॉर्मोन का प्रोडक्शन कम हो जाता है

-दूसरे कारण भी हैं जैसे इन्फेक्शन, वायरल

Thyroid Problems | Hypothyroidism | Hyperthyroidism | MedlinePlus
थायरॉइड ग्लैंड यानी ग्रंथि हमारे गले के बीच में होती है

-तीसरा कारण है आयोडीन की कमी

-सेकेंडरी कारण यानी ब्रेन में मौजूद पिट्यूटरी ग्लैंड (ग्रंथि) थायरॉइड हॉर्मोन को कंट्रोल करता है

-उसका काम है ये देखना कि थायरॉइड हॉर्मोन की कितनी मात्रा खून में जानी चाहिए

-जब इसमें कोई प्रॉब्लम हो तो ब्रेन के कंट्रोल में कमी आती है

-इसके कारण थायरॉइड ऊपर-नीचे हो सकता है

लक्षण

-सबसे आम लक्षण वज़न बढ़ना माना गया है

-लेकिन ये एक मिथक है क्योंकि और भी कई लक्षण होते हैं

-जैसे थकान, सुस्ती, काम करने का मन नहीं करता

-कब्ज़

-बीपी बढ़ जाता है

-स्किन रूखी हो जाती है

-स्किन मोटी हो जाती है

-आंखों में प्रॉब्लम आ जाती है

-पल्स कम हो जाती है

Thyroid Disorders | Johns Hopkins Medicine
सबसे आम लक्षण वज़न बढ़ना माना गया है

-बालों में प्रॉब्लम हो जाती है

-सांस फूलती है

-आवाज़ में बदलाव आ जाता है

इलाज

-डॉक्टर से मिलकर आपके वेट के हिसाब से तय होता है कि आपको थायरॉइड हॉर्मोन की ज़रुरत है या नहीं

-बॉडी के वेट के हिसाब से थायरॉइड सप्लीमेंट या थायरॉइड की दवाई दी जाती है

-लाइफस्टाइल में बदलाव करना होता है

-जैसे वज़न कंट्रोल करना होता है

-शुगर, कॉलेस्ट्रोल को कंट्रोल में रखना है

-एक्सरसाइज करना है मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने के लिए

-दवाई लें

-हर 3 महीने में थायरॉइड चेक करवाएं

-थायरॉइड कम हुआ तो उसके हिसाब से दवाई एडजस्ट करनी पड़ती है

-इसका एक सिंपल टेस्ट है

-थायरॉइड प्रोफाइल करवाइए

अगर आपको बताए गए ये लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो एक सिंपल सा टेस्ट करवा लीजिए. थायरॉइड प्रोफाइल इसका नाम है. ये एक ब्लड टेस्ट के रूप में किया जाता है. आपके पास वाली लैब में ये हो सकता है. 

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