(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञोंके अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूरपूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)रेवती 24 साल की हैं. दिल्ली की रहने वाली हैं. उनको कभी कुछ ख़ास स्किन प्रॉब्लमनहीं रही है. पर पिछले कुछ समय से वो अपनी स्किन में एक बदलाव नोटिस कर रही हैं.उनके चेहरे पर छोटे-छोटे छेद दिखने लगे हैं. ये इतने उभरे हुए दिखते हैं कि रेवतीसहज महसूस नहीं करतीं. जब वो मेकअप लगाती हैं तब ये समस्या और भी बढ़ जाती है. कोईभी प्रोडक्ट हो, वो इन छेदों में घुसने लगता है. स्किन खुरदुरी सी लगती है. वोमेकअप हटाने के बाद चेहरा अच्छे से साफ़ करती हैं, पर इसके बावजूद उन्हें एक्ने कीदिक्कत होने लगी है.पूरे चेहरे पर ये छोटे-छोटे छेद खुले रहते हैं. उनमें ऑइल और गंदगी भर जाती है.मुंह धोने पर भी ये ठीक से साफ़ नहीं होते. रेवती को समझ में नहीं आ रहा वो क्याकरें. उन्होंने इस दिक्कत के बारे में एक डॉक्टर से ऑनलाइन बात करी. डॉक्टर नेबताया कि उन्हें ओपन पोर्स की दिक्कत है. रेवती चाहती हैं कि हम इस समस्या पर एकएपिसोड बनाएं. ये क्या होते हैं, क्यों हो जाते हैं, इसका इलाज क्या है, येएक्सपर्ट्स से बात करके उन्हें बताएं.देखिए. सबसे पहले ये समझ लेते हैं कि ओपन पोर्स एक बहुत ही नॉर्मल और आम चीज़ है.हमारी स्किन पर पोर्स होते हैं. अगर एक मैग्नीफाइंग ग्लास से देखें तो आपको अपनीस्किन पर बहुत छोटे-छोटे पोर्स दिखेंगे. एक तरह की ओपनिंग. प्रॉब्लम तब होती है जबये बढ़ जाते हैं. बड़े हो जाते हैं. तो सबसे पहले डॉक्टर्स से जानते हैं ओपन पोर्सक्या हैं और क्यों हो जाते हैं.क्या होते हैं ओपन पोर्स?ये हमें बताया डॉक्टर अप्रतिम गोयल ने.डॉक्टर अप्रतिम गोयल, डर्मेटोलॉजिस्ट, क्यूटिस स्किन स्टूडियो, मुंबई-हमारी स्किन में ऑइल ग्लैंड्स होते हैं यानी तेल की ग्रंथियां, इनकी ओपनिंग कोपोर्स कहा जाता है.-ये ग्रंथियां स्किन के थोड़ी अंदर होती हैं.-तेल एक छोटे से छेद के ज़रिए स्किन के ऊपर आता है, पसीना भी इसी छेद से स्किन केऊपर आता है.-ओपन पोर्स होना एकदम नॉर्मल है.-ओपन पोर्स ज़्यादातर माथे, नाक, गाल (इन्हें टी-ज़ोन कहा जाता है) पर होते हैं.-ओपन पोर्स सबके होते हैं पर समय के साथ ये ओपन पोर्स ज़्यादा दिखाई देने लगते हैं.-तब आपको दिक्कत होती है.कारण-पहला कारण. उम्र के साथ ये ज़्यादा दिखने लगते हैं.-समय के साथ स्किन में बनने वाला कोलेजन (स्किन में बनने वाला प्रोटीन) कम होनेलगता है. इसके साथ स्किन में खिंचाव कम हो जाता है.-ऐसे में ओपन पोर्स को समेटकर रखने वाली इलास्टिकनुमा स्किन (इलास्टिन) ढीली पड़नेलगती है और ये पोर्स खुल जाते हैं.ओपन पोर्स सबके होते हैं पर समय के साथ ये ओपन पोर्स ज़्यादा दिखाई देने लगते हैं-दूसरा कारण. बहुत देर धूप में रहना.-इससे भी कोलेजन टूटता है और सपोर्ट कम हो जाता है.-20-30 साल की उम्र में सबसे आम कारण है स्किन को एक्सफ़ोलिएट (स्किन की ऊपरी परत कीकोशिकाओं को साफ करना यानी स्क्रब) न करना.-जैसे चाय छानने वाली छन्नी है, अगर हम उसके छेद साफ़ न करें तो वो ब्लॉक हो जाएंगे.-ऐसे ही अगर हम अपनी स्किन के पोर्स को साफ़ न करें तो उसके अंदर ऑइल, डेड स्किन,धूल-मिट्टी, प्रदूषण जाकर पोर्स में जमा हो जाते हैं और ज़्यादा दिखते हैं.क्या गलतियां अवॉयड करें-रोज़ स्किनकेयर ज़रूरी है जिसमें स्किन को साफ़ करना, एक्सफ़ोलिएशन (स्क्रब) और नमी केलिए क्रीम और सनस्क्रीन लगानी चाहिए.-पहले स्किन को साफ़ करिए उसके बाद एक्सफ़ोलिएट (स्क्रब) करिए.-इसके लिए आप कोई स्क्रब या एसिड एक्सफ़ोलिएट जिसमें ग्लाइकोलिक और सैलिसिलिक एसिडहो, वो इस्तेमाल कर सकते हैं.-इसके बाद चेहरे पर सिरम लगाइए ताकि पहली परत स्किन में अब्सॉर्ब हो जाए.-फिर मॉइस्चराइजर और सनस्क्रीन लगाएं.ओपन पोर्स को समेटकर रखने वाली इलास्टिकनुमा स्किन (इलास्टिन) ढीली पड़ने लगती है औरये पोर्स खुल जाते हैं-अगर आप ये सब कर रहे हैं तो आपको ओपन पोर्स की दिक्कत नहीं होगी.-लेकिन अगर आप बहुत ज़्यादा धूप में रहते हैं या एकदम से वज़न घटा लेते हैं.-ऐसे में स्किन में मौजूद फैट, कोलेजन (प्रोटीन) जो धमनियों को पकड़कर रखते हैं, वोढीले पड़ जाते हैं.-इसलिए धूप से बचकर रहें, स्किन को साफ़ रखें और एकदम से वज़न न घटाएं.ओपन पोर्स से क्या स्किन प्रॉब्लम हो सकती हैं?-ओपन पोर्स से सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता, ये केवल एक कॉस्मेटिक दिक्कत है.-कभी-कभी जब आप अपनी फ़ोटो को ज़ूम करके देखते हैं तो ये पोर्स आपके माथे, नाक, गालऔर ठुड्डी पर उभरकर दिखते हैं.-इन पोर्स के अंदर गंदगी जमा हो रही है, वो साफ़ नहीं हो रही, ऐसे में आपको एक्ने होसकता है.बचाव-इससे बचने का बहुत ही आसान तरीका है.-स्किनकेयर की शुरुआत सही समय पर कर दें.-चेहरे को साफ़ करना है, स्क्रब करना है.-जिन लोगों की स्किन बहुत ड्राय होती है वो स्क्रब से बहुत डरते हैं.-आपको स्क्रब करना चाहिए क्योंकि डेड स्किन पोर्स के अंदर जमा हो रही है.-अक्सर जिन लोगों की स्किन ऑइली होती है उन्हें ये दिक्कत ज़्यादा होती है.-ऐसे में एक्ने होने के चांसेस ज़्यादा होते हैं.20-30 साल की उम्र में सबसे आम कारण है स्किन को एक्सफ़ोलिएट (स्किन की ऊपरी परत कीकोशिकाओं को साफ करना यानी स्क्रब) न करना-मॉइस्चराइजर लगाने से पहले एक परत सिरम लगाएं क्योंकि सिरम पतला होता है.-फिर पतला लोशन जैसा मॉइस्चराइजर लगाएं.-हमारे स्किन के सेल्स साबूदाने की तरह होते हैं.-जैसे ही उन्हें नमी मिलती है वो सूज जाते हैं.-मॉइस्चराइजर लगाने से आपकी स्किन सॉफ्ट रहती है, ग्लो करती है.-साथ ही जब स्किन सेल्स सूज जाते हैं तो वो पोर्स को कवर कर देते हैं.-ऐसे में ओपन पोर्स कम दिखते हैं.-स्किनकेयर रोज़ करते हैं तो ओपन पोर्स बहुत कम दिखेंगे.इलाज-ओपन पोर्स को बंद नहीं कर सकते और इन्हें बंद नहीं करना चाहिए.-ऐसा करके आप अपने ऑइल ग्लैंड्स का गला घोट रहे हैं.-ऑइल ग्लैंड्स का काम है स्किन की नमी बनाकर रखना.-स्किन का तापमान बनाकर रखना.-स्किन को ग्लो देना.-अगर हम ऑइल ग्लैंड्स को ब्लॉक कर देंगे, पोर्स बंद कर देंगे तो इम्बैलेंस होजाएगा.-इसलिए ओपन पोर्स को बंद नहीं करना है.-पर अगर आपको इससे दिक्कत हो रही है तो क्या करें?ओपन पोर्स ज़्यादातर माथे, नाक, गाल (इन्हें टी-ज़ोन कहा जाता है) पर होते हैं-डॉक्टर के पास जाने पर आपको कुछ ट्रीटमेंट करवाने के लिए कहा जाएगा.-अगर आप सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर इस्तेमाल कर रहे हैं तो वो पोर्स को एकदम भर देताहै.-किसी फ़िल्टर की तरह.-आप कोई भी सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर या बैरियर जेल इस्तेमाल करेंगे तो ये पोर्स कोएकदम भर देंगे.-कुछ सनस्क्रीन में भी सिलिकॉन होता है, उनके इस्तेमाल से भी पोर्स भर जाएंगे.स्किन स्मूथ हो जाएगी. लेकिन ये कुछ समय के लिए होता है.-अगर आपको लंबा इलाज चाहिए तो मल्टी नीडल रेडियो फ्रीक्वेंसी, रेडियो फेशियल, स्किनटाइटनिंग ट्रीटमेंट, क्यू स्विच लेज़र, कार्बन लेज़र कुछ उपाय हैं.-कोई भी हीट टेक्नोलॉजी वाले ट्रीटमेंट जब आप चेहरे पर करवाते हैं तो उनसे कोलेजनबनता है.-जिससे ऑइल ग्लैंड्स के आसपास का सपोर्ट टाइट होता है.-इससे आपके पोर्स छोटे लगते हैं.आपने डॉक्टर की बातें सुनीं. ओपन पोर्स अपने आप में कोई परेशानी वाली बात नहीं है.पर हां, इनकी सफाई होना बेहद ज़रूरी है. अगर आपको सहज महसूस नहीं हो रहा. चेहरे परदाने निकल रहे हैं तब आपको थोड़ा ध्यान देने की ज़रूरत है. वैसे तो इसके कई ट्रीटमेंटउपलब्ध हैं, जो किसी क्लिनिक में आप करवा सकते हैं. पर जो टिप्स डॉक्टर ने बताईहैं, उन्हें ज़रूर ट्राइ करें, आपको असर देखने को मिलेगा.