पीठ पर दाने निकल रहे हैं? ये गलतियां न करें
बैक एक्ने के कारण चेहरे पर एक्ने के कारणों से मिलते-जुलते होते हैं
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
लीना 27 साल की हैं. जयपुर की रहने वाली हैं. वो अपने बैकने से बेहद परेशान हैं. अब ये बैकने क्या होता है? बैकने यानी बैक एक्ने. पीठ पर होने वाला एक्ने यानी दाने. आमतौर पर आपने चेहरे पर होने वाले एक्ने के बारे में सुना होगा. पर बैकने भी बहुत आम है. लीना बताती हैं कि उनकी पीठ पर सालभर निकलते रहते हैं, पर ठंड आते ही ये और भी ज़्यादा बढ़ जाते हैं. दानों को छूने में दर्द होता है. लेटते समय दर्द होता है. इनसे पस भी निकलता है. जो दाने ठीक हो जाते हैं, वो काले रंग के निशान छोड़ देते हैं. लीना को समझ में नहीं आ रहा वो क्या करें. वो चाहती हैं कि हम बैक एक्ने पर एक एपिसोड बनाएं. ये क्यों होता है, क्या गलतियां हो जाती हैं जिन्हें अवॉइड करना चाहिए, इनका इलाज क्या है, ये सब डॉक्टर्स से बात करके बताएं. तो सबसे पहले समझ लीजिए बैक एक्ने क्या होता है? बैक एक्ने क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर अप्रतिम ने.
डॉ अप्रतिम गोयल, सेलिब्रिटी डर्मेटोलॉजिस्ट
-बैक एक्ने यानी बैकने
-ये एक कॉमन कंडीशन है
-जैसे आपके चेहरे पर मुंहासे या एक्ने होते हैं
-ऐसे ही कंधों और पीठ पर भी एक्ने होते हैं
-देखने में ये दाने बिलकुल एक्ने जैसे लगते हैं
-ये दाने थोड़े मोटे होते हैं
-छूकर देखें तो इनमें थोड़ा दर्द भी होता है
-इनसे पस और खून भी निकलता है
-लेकिन कुल मिलाकर यहां पर वाइट हेड, ब्लैक हेड, दाने जिनमें दर्द होता है, ये सब पाए जाते हैं
-दाने आगे जाकर छोटे, छोटे काले धब्बों में तब्दील हो जाते हैं
-इसे कहते हैं बैक एक्ने कारण -बैक एक्ने के कारण चेहरे के एक्ने के कारणों से मिलते-जुलते होते हैं
-जब पसीना आता है या जब आप लेटे होते हैं तो पीठ पर ज़्यादा रगड़ लगती है चेहरे के मुकाबले
-जिन लोगों की पीठ पर ज़्यादा बाल होते हैं, उनको बालों से रगड़ लगती है
-ज़्यादा पसीना आना एक कारण होता है
-अगर किसी एक्सरसाइज के दौरान कपड़ों से पीठ पर ज़्यादा रगड़ लग रही है
-तो उससे भी बाल खिंचते हैं और एक्ने बढ़ता है
बैक एक्ने के कारण चेहरे के एक्ने के कारणों से मिलते-जुलते होते हैं
-लेकिन एक्ने चाहे कंधों पर हों, चेहरे पर हों, दोनों में ही हॉर्मोन एक बड़ी वजह होती है
-हॉर्मोन्स के कारण जब डेड स्किन बनती है
-वो पसीने और तेल से मिलती है
-ये सब ऑइल की ग्रंथियों को ब्लॉक कर देते हैं
-ये होती है शुरुआत एक्ने बनने की क्या गलतियां अवॉइड करनी चाहिए -सबसे पहली गलती है बालों में तेल लगाना
-अब इसका दोनों से क्या कनेक्शन है?
-जो तेल बालों में लगाते हैं वो बालों से होते हुए कमर तक आ जाता है
-इससे शुरुआत होती है एक्ने की
-क्योंकि इस तेल से स्किन पर बने पोर्स बंद हो जाते हैं
-जब पसीना आता है तो उसे हवा में ड्राई न करें
-उस वक़्त आपको स्किन को स्क्रब करना है
-पानी से धो सकते हैं
-ताकि जो पसीना है वो पोर्स में जाकर न बैठे
-तीसरी गलती है बहुत ज़्यादा टाइट कपड़े पहनना
-ख़ासतौर पर जब आप खेलते हैं या एक्सरसाइज कर रहे होते हैं
एक्ने चाहे कंधों पर हो, चेहरे पर हो, दोनों में ही हॉर्मोन एक बड़ी वजह होती है
-उस समय स्पोर्ट्स के कपड़ों के नीचे कॉटन का कोई कपड़ा पहनें बचाव -बैक एक्ने से बचाव के लिए स्क्रब करते रहें
-जिससे डेड स्किन निकल जाएगी
-लेकिन पीठ तक हाथ लेकर सफ़ाई करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है
-ऐसे में आप एक लंबा ब्रश लेकर पीठ की सफाई कर सकते हैं
-ऐसा करके आप बैक एक्ने से बच सकते हैं
-एक लंबे ब्रश की मदद से हफ़्ते में दो बार पीठ को स्क्रब करना चाहिए
-किसी की मदद लेकर पीठ पर स्क्रब भी लगवा सकते हैं
-अगर चेहरे पर एक्ने है तो चांस है कि पीठ पर भी एक्ने हो सकता है
-क्योंकि ऐसे में स्किन ज़्यादा एक्ने के रिस्क पर रहती है
-अगर आपको चेहरे पर एक्ने हो रहा है तो अपनी पीठ को भी स्क्रब करें
-कोई ऐसा बॉडी वॉश इस्तेमाल करें जिसमें सैलिसिलिक एसिड, लैक्टिक एसिड और ग्लाइकोलिक एसिड हो
-हफ़्ते में 1 बार घर पर बना स्क्रब भी इस्तेमाल करें
-ताकि पीठ पर जमा डेड स्किन निकल जाए
-जब भी शरीर पर तेल से मसाज करें तो उसके तुरंत बाद शरीर को धो लें
-कोई भी ऑइली प्रोडक्ट पीठ पर नहीं लगाना है
अगर चेहरे पर एक्ने है तो चांस है कि पीठ पर भी एक्ने हो सकता है
-सबसे आम गलती है वैक्सिंग
-पीठ कर वैक्सिंग बिलकुल अवॉइड करनी चाहिए
-क्योंकि अगर स्किन पर दाने आसानी से निकल आते हैं तो पक्का पीठ पर वैक्सकिंग के बाद दाने निकलेंगे
-अगर पीठ पर बाल हैं और आपको उन्हें हटाना है तो शेविंग कर सकते हैं
-पर एक्सपर्ट्स हमेशा लेज़र ही करवाने की सलाह देते हैं इलाज -इलाज के लिए सबसे पहले डॉक्टर से मिलिए
-जो एक्ने की कंडीशन देखकर बताएंगे कि आपको क्या एंटीबायोटिक इस्तेमाल करने चाहिए, विटामिन-ए के सब्सटीट्यूट इस्तेमाल करने चाहिए या और स्क्रब करवाने की ज़रुरत है
-लेकिन एक्ने के इलाज में सैलिसिलिक एसिड, लैक्टिक एसिड, ग्लाइकोलिक एसिड, एंटीबायोटिक और रेटिनॉइड बहुत ज़रूरी होते हैं
-ये सारी चीज़ें ज़्यादातर या तो स्किन को स्क्रब करने में मदद करते हैं या इसमें एंटीबायोटिक होते हैं जो बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकते हैं
-बैक एक्ने का इलाज होना बहुत ज़रूरी है
-क्योंकि अगर आप उसे इग्नोर करते हैं तो एक्ने पीठ पर निशान छोड़ देते हैं
-उसे ठीक करना ज़्यादा मुश्किल हो जाता है घर पर क्या कर सकते हैं? -एस्पिरिन टैबलेट में सैलिसिलिक एसिड होता है
-दो टैबलेट लेकर उसे क्रश कर लें
-उसमें पानी मिलाएं
-एक स्प्रे की बोतल में डालकर उसको पीठ पर स्प्रे करिए
-इसे रोज़ नहाने के बाद पीठ पर स्प्रे कर सकते हैं
-डॉक्टर एक्ने को ठीक करने के लिए सैलिसिलिक एसिड के पील इस्तेमाल करते हैं
-आप घर पर ही सैलिसिलिक एसिड का मिक्सचर बना सकते हैं
-ये एंटी एक्ने है क्योंकि ये ऑइल एक्टिविटी को कम करता है, जिससे एक्ने भी कम हो जाते हैं
-अगर एक्ने बहुत ज़्यादा हों तो आपको डॉक्टर से मिलना ही पड़ेगा
-ऐसे में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक या ओरल रेटिनॉइड देकर इसका इलाज करेंगे
-सैलिसिलिक एसिड, लैक्टिक एसिड, ग्लाइकोलिक एसिड और रेटिनॉइड एक्ने के इलाज से जुड़े हुए हैं
-जिन लोगों को एक्ने है, उन्होंने ये चीज़ें चेहरे पर भी इस्तेमाल की होंगी
-पर जब पीठ के एक्ने का इलाज होता है तो थोड़े स्ट्रोंग केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं
-ये एसिड एक स्प्रे के रूप में आते हैं
डॉक्टर एक्ने को ठीक करने के लिए सैलिसिलिक एसिड के पील इस्तेमाल करते हैं
-जिससे आसानी से आप पीठ पर इन्हें स्प्रे कर सकते हैं
-केमिकल पील भी एक तरीका है
-इसमें एक ब्लैक पील की जाती है
-ये एक एसिटिक एसिड पील है
-इसमें 1 हफ़्ता लगता है एक्ने ठीक होने में
-इसमें स्किन ज़रूर पील होती है, पर एक्ने कम हो जाता है
-केमिकल पील से निशान भी कम हो जाते हैं
अगर आप भी अपने पीठ पर एक्ने से परेशान हैं तो डॉक्टर अप्रितम की बताई गईं टिप्स ज़रूर फॉलो करिए. असर ज़रूर देखने को मिलेगा. साथ ही 2 चीज़ों का ध्यान रखिए. पहली बात- इन दानों को नोचने, खुजलाने से बचें. नहीं तो निशान पड़ जाएंगे. दूसरी बात- ठंड में आप वूलेंस पहनते हैं. इनकी रगड़ से एक्ने और ज़्यादा बढ़ता है. इसलिए ठंड में वूलेंस के नीचे कुछ कॉटन का कपड़ा ज़रूर पहनें.